लखनऊ: अरुण जेटली ने सोमवार को मोदी सरकार का तीसरा बजट पेश किया। इस पर यूपी के सीएम अखिलेश यादव ने केंद्रीय बजट को पुराना गाना करार दिया है। ट्वीट करते हुए सीएम ने कहा है कि केंद्र सरकार का बजट किसी पुराने गाने की तरह है। इससे बेहतर है कि हम एक नया ब्रिटिश गाना('Hymn for the Weekend') सुने।
आईआईएम लखनऊ के प्रोफेसर ने क्या कहा?
आईआईएम लखनऊ के प्रोफेसर भारत भूषण का कहना है कि बजट में रूरल और एग्री इकानामी पर फोकस किया गया है। लिहाजा रूरल क्षेत्र में इनवेस्टमेंट से रोजगार बढ़ेंगे और उनकी इनकम बढ़ेगी। रूरल इलाकों में रहने वाले लोगों की पर्चेजिंग पावर बढ़ेगी। इससे मैन्युफैक्चरिंग इंडस्ट्री को बढ़ावा मिलेगा। भारत भूषण ने कहा पिछले 15 साल से कारपोरेट और आईटी सेक्टर पर ध्यान दिया जा रहा है। 70 फीसदी आबादी गांवों मे है और अब वो खेती नहीं करना चाहते। बजट में उन पर फोकस ज्यादा है। इन 70 फीसदी की ग्रोथ होगी तो मैन्युफैक्चरिंग क्षेत्र में डिमांड बढ़ेगी।
बजट में हर वर्ग का रखा गया ध्यान : भाजपा
भाजपा विधानमंडल दल के नेता सुरेश कुमार खन्ना ने कहा है कि मोदी सरकार ने बजट में समाज के हर वर्ग का ध्यान रखा गया है। गांव, गरीब, किसान और मजदूरों को विशेष महत्व दिया गया है। कृषि आय बढ़ाने एवं जन स्वास्थ्य पर जोर दिया गया है। सभी ग्रामों में एक मई 2018 तक विद्युतीकरण की बात कही गई है। बजट कमजोर लोगों को हर प्रकार से ऊपर उठाने का साधन है।
बजट के बाद महंगाई में होगी बेतहाशा वृद्धि
राष्ट्रीय लोकदल के प्रदेश अध्यक्ष मुन्ना सिंह चौहान ने कहा कि बजट केवल आंकड़ों की बाजीगरी के अलावा कुछ नहीं है। इस बजट के बाद मंहगाई में बेतहाशा वृद्धि होगी। जिससे आम जनता के जेब पर भारी बोझ पड़ेगा। सर्विस टैक्स 14.5 से बढ़ाकर 15 प्रतिशत किये जाने के कारण खाने पीने की वस्तुएं, होटल, यात्रा, मोबाईल, इंटरनेट आदि सेवाओं पर अधिक खर्च करना पड़ेगा जिससे मंहगाई दर और अधिक बढ़ेगी। नए सेस का भार भी आम जनता के लिए कष्टदायी होगा। इन्कमटैक्स के स्लैब में कोई बदलाव न होने के कारण सर्विस क्लास और मध्यम श्रेणी के लोंगों का जीवन यापन और कठिन हो जायेगा।
कांग्रेस सांसद प्रमोद तिवारी ने क्या कहा?
-बजट से उम्मीद थी कि सरकार कुछ करेगी लेकिन ये तो पूरी तरह दिशाहीन है ।बजट पूरी तरह से पटरी से उतरा हुआ है।
कर्मचारियों और ऊर्जा क्षेत्र के लिए पूरी तरह निराशाजनक केंद्रीय बजट
बजट पर प्रतिक्रिया देते हुए बिजली इंजीनियरों ने ऊर्जा क्षेत्र और कर्मचारियों के लिए पूरी तरह निराशाजनक बताते हुए कहा है कि जहां कार्पोरेट को टैक्स में छूट देकर राहत पहुंचाई गई है वहीं आम कामगारों के लिए टैक्स दरों में कोई बदलाव न किया जाना अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण और निराशाजनक है।
-सबको सस्ती बिजली देने के लिए कोई भी रूपरेखा नहीं दी गई।
-बिजली उपलब्ध होते हुए भी देश के 30 करोड़ लोग अभी भी बिजली से वंचित।
-आल इंडिया पावर इंजीनियर्स फेडरेशन के चेयरमैन शैलेन्द्र दुबे ने कहा कि बढ़ रही महंगाई पर नियंत्रण में विफल रही सरकार।
-कर्मचारियों को इनकम टैक्स में कोई राहत न देकर भारी आघात पहुंचाया है।
-कार्पोरेट टैक्स में छूट देकर उद्यमियों को लाभ पहुंचाया गया।
-नए उद्यमियों को तीन साल तक इनकम टैक्स से छूट दी गयी है।
-कंपनी एक्ट में परिवर्तन की बात से स्पष्ट है कार्पोरेट को लाभ देने के लिए बजट।
अब चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी भी आएगा इनकम टैक्स स्लेब में
उप्र राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद के अध्यक्ष हरि किशोर तिवारी ने आम बजट की एक स्वर में आलोचना करते हुए कहा कि कर्मचारियों को उम्मीद थी कि इन्कमटैक्स स्लेब को बढ़ाया जाएगा क्योंकि मंहगाई दर सूचकांक बढ़ने पर स्लेब को बढ़ना ही चाहिए था। अब चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी भी इन्कमटैक्स स्लेब में आ जाएगा।
-कर्मचारियों के जीवकोपार्जन भत्ता में से आयकर काटा जाता है।
-पुरानी पेंशन योजना को नए कर्मचारियों को देने की बात कई बड़े स्तरों पर हो जाने के बाद भी इस बजट में जिक्र नही किया गया है।