Bulandsehar News: सत्र न्यायाधीश ने सुनाई प्रेमिका के पति के हत्यारों को आजीवन कारावास की सजा
Bulandsehar News: सत्र न्यायाधीश अनूपशहर ने प्रेमी व उसके साथी को प्रेमिका के पति की हत्या का दोषी मानते हुए आजीवन कारावास व 7-7 हज़ार रुपये अर्थदण्ड की सजा मुकर्रर की है
Bulandsehar News Today: यूपी के बुलंदशहर में 4 वर्ष पूर्व अवैध संबंधों में बाधक पति की हत्या के मामले में अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश अनूपशहर ने प्रेमी व उसके साथी को प्रेमिका के पति की हत्या का दोषी मानते हुए आजीवन कारावास व 7-7 हज़ार रुपये अर्थदण्ड की सजा मुकर्रर की है, जब कि आरोपी पत्नी को संदेह का लाभ देते हुए बरी कर दिया है।
एडीजीसी ध्रुव वर्मा व राकेश वर्मा ने बताया कि डिबाई कोतवाली में कश्मीरी देवी पत्नी जगन सिंह ने 20 मार्च 2018 को रिपोर्ट दर्ज कराई थी, जिसमें बताया गया था कि उसकी पुत्रवधू का जीतन पुत्र राम सिंह निवासी गांव हरिद्वारपुर थाना अनूपशहर से अवैध संबंध थे। जिसका पति द्वारा विरोध किया जाता था। अवैध संबंधों में बाधक बनने पर प्रेमी जीतम ने अपने एक साथी व प्रेमिका के साथ मिलकर उसके पति की हत्या की साजिश रच वारदात को अंजाम दे दिया।
22 जनवरी 2018 को जीतम ने प्रेमिका के पति को रास्ते से हटाने के लिए अपने दोस्त धर्मेंद्र उर्फ ठाकुर पुत्र तेजपाल सिंह, निवासी गांव- फैजपुरा, थाना, अनूपशहर को साथ लेकर शराब पीने के बहाने से जंगल में बुलाया। शराब पिलाने के बाद दोनों आरोपियों ने भवेंद्र उर्फ बुद्धा को फैजपुरा के जंगल में ले गए। खेत में ले जाकर लकड़ी के डंडे से गर्दन दबाकर भवेंद्र उर्फ बुद्धा की हत्या कर दी और शव को फैजपुरा के जंगलों में पहचान छुपाने के लिए जला कर फरार हो गए थे। डिबाई पुलिस ने जीतम और धर्मेंद्र व मृतक की पत्नी के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू कर दी।
पुलिस ने दो आरोपियों को गिरफ्तार कर पूछताछ करने पर हत्या को स्वीकार करते हुए घटना के बारे में पुलिस को बताया। मामला अनूपशहर कोर्ट में चलता रहा। एडीजे अनूपशहर ज्ञान प्रकाश तिवारी ने आज दोनो पक्षो की दलीलों, प्रस्तुत साक्ष्यों व गवाहों के बयानों के आधार पर म्रतक की पत्नी के प्रेमी जीतम और उसके साथी धर्मेंद्र को दोषी मानते हुए आजीवन कारावास व 7-7 हजार रुपयेका अर्थदंड की सजा सुनाई है। एडीजीसी धुरुव वर्मा ने बताया कि कोर्ट ने मृतक की पत्नी को संदेह का लाभ देते हुए हत्या के मामले में बरी कर दिया है।