आरुषि गैंगरेप हत्याकांड: कोर्ट ने दरिंदो को इसलिए दी फांसी, सच जान कांप जाएगी रूह

दिलशाद, इजराइल तथा जुल्फिकार ने 2 जनवरी 2018 को ट्यूशन पढ़कर वापस आ रही 16 वर्षीय आरुषि का अपरहण कर लिया था। एनएच-91 में चलती कार में उस नाबालिग मासूम बच्ची के साथ हैवानों गैंगरेप किया। इसके बाद गला दबाकर उसकी निर्मम हत्या कर दी।

Update:2021-03-24 21:53 IST
कोर्ट ने तीनों दरिंदो दिलशाद, इजराइल तथा जुल्फिकार को फांसी की सजा सुनाई है। इस गैंगरेप और हत्याकांड के बाद प्रशासन की खूब किरकिरी हुई थी।

बुलंदशहर: उत्तर प्रदेश में बुलंदशहर के बहुचर्चित आरुषि गैंगरेप और हत्याकांड मामले में पॉक्सो कोर्ट ने बड़ा फैसला सुनाया है। चलती कार में आरुषि के साथ गैंगरेप करने के बाद तीन हैवानों ने उसकी हत्या कर दी थी। अब कोर्ट ने तीनों दरिंदो दिलशाद, इजराइल तथा जुल्फिकार को फांसी की सजा सुनाई है। इस गैंगरेप और हत्याकांड के बाद प्रशासन की खूब किरकिरी हुई थी।

हैवानियत की सारी हदें करत दी थीं पार

दिलशाद, इजराइल तथा जुल्फिकार ने 2 जनवरी 2018 को ट्यूशन पढ़कर वापस आ रही 16 वर्षीय आरुषि का अपरहण कर लिया था। एनएच-91 में चलती कार में उस नाबालिग मासूम बच्ची के साथ हैवानों गैंगरेप किया। इसके बाद गला दबाकर उसकी निर्मम हत्या कर दी। इसके बाद शव को दादरी क्षेत्र में एक नहर में फेंक दिया।

इसके बाद 4 जनवरी 2018 को आरुषि का शव बरामद हुआ। परिजनों ने आरुषि की हत्या के जुर्म में दिलशाद, इजराइल तथा जुल्फिकार के खिलाफ केस दर्ज कराया। इतने दिनों की सुनवाई के बाद अब आरुषि को इंसाफ मिला है और हत्यारों को सजा हुई। आरुषि की मां चाहती थीं तीनों दरिंदो को फांसी हो।

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मौज-मस्ती के लिए की हैवानियत

उस समय गिरफ्तार जुल्फिकार और दिलशाद ने कबूला था कि उन्होंने मौजमस्ती के लिए रास्ते से किसी लड़की को उठाने की योजना बनाई थी। ल्टो कार से तीनों जब जा रहे थे, तो एक अकेली लड़की को साइकिल से आते देखा। ट्यूशन से लौट रही इस लड़की को दरिदों ने कार में खींच लिया।

जुल्फिकार ने बताया था कि लड़की को कार में खींचने के बाद चलती गाड़ी में पिछली सीट पर इजराइ ने उसके साथ रेप किया था। दिलशाद हाथ पकड़कर रखा था। लड़की चिल्लाती रही जुल्फिकार गाड़ी चलाता रहा और दिलशाद व इजराइल ने लड़की के दुप्पटे से गला घोंट कर उसकी हत्या कर दी। दरिदों ने बताया था कि वह कह रही थी...भैया जो करना है, कर लो। मुझे मारना मत।

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पुलिस ने जाच पूरी करने के बाद के दिलशाद, इजराइल तथा जुल्फिकार के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की थी। आरोप पत्र और सबूतों के आधार पर पॉक्सो कोर्ट ने तीनों अपराधियों को एक नाबालिग के अपहरण, बलात्कार और हत्या का दोषी पाया और उन्हें जुर्माने के साथ फांसी की सजा सुनाई।

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