Loksabha Election 2024: बुलंदशहर लोकसभा सीट पर किसकी किस्मत होगी बुलंद, जानें यहां का समीकरण

Loksabha Election 2024 Bulandshahr Seats Details: उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और राजस्थान के पूर्व राज्यपाल कल्याण सिंह की कर्मभूमि है। इस सीट पर नब्बे के दशक से भगवा लहरा रहा है। सिर्फ एक बार यह सीट सपा के खाते में गई थी। लेकिन 2014 के चुनाव में भोला सिंह ने फिर से इस सीट को भाजपा के झोली में डाल दिया।

Written By :  Sandip Kumar Mishra
Written By :  Yogesh Mishra
Update: 2024-04-18 08:05 GMT

Loksabha Election 2024: देश की राजधानी दिल्ली से 64 किमी दूरी पर स्थित बुलंदशहर सियासत में अहम मुकाम रखता है। उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और राजस्थान के पूर्व राज्यपाल कल्याण सिंह की कर्मभूमि रही है। इस सीट पर नब्बे के दशक से भगवा लहरा रहा है। सिर्फ एक बार यह सीट सपा के खाते में गई थी। लेकिन 2014 के चुनाव में भोला सिंह ने फिर से इस सीट को भाजपा के झोली में डाल दिया। भाजपा ने 2024 के चुनावी रण में भी भोला सिंह पर तीसरी बार दाव लगाया है। जबकि बसपा ने नगीना के निवर्तमान सांसद गिरीश चंद्र जाटव को मैदान में उतारा है।

वहीं इंडिया गठबंधन के तहत कांग्रेस ने शिवराम वाल्मीकि को उम्मीदवार के रूप में उतारा है। इस बार यहां की चुनावी जंग त्रिकोणीय बनती दिखाई दे रही है। लोकसभा चुनाव 2019 में भाजपा के भोला सिंह ने सपा-बसपा के संयुक्त उम्मीदवार रहे योगेश वर्मा को 2,90,057 वोट से हराकर जीत दर्ज की थी। इस चुनाव में भोला सिंह को 6,81,321 और योगेश वर्मा 3,91,264 वोट मिले थे। जबकि कांग्रेस के बंशी सिंह को 29,465 वोट पर ही संतोष करना पड़ा था। अबकी बार सपा और बसपा अलग-अलग चुनाव लड़ रहे हैं। ऐसे में इसका भी फायदा भाजपा प्रत्याशी को मिल सकता है। जिससे भाजपा के लिए यह सीट सेफ की श्रेणी में आ जाती है। ऐसे में इस सीट पर कमल के खिलने की संभावना प्रबल हो जाती है। अगर लोकसभा चुनाव 2014 की बात की जाए तो भाजपा के भोला सिंह ने बसपा के प्रदीप कुमार जाटव को 4,21,973 वोट से करारी शिकस्त दी थी। इस चुनाव में भोला सिंह को 6,04,449 और प्रदीप कुमार जाटव को 1,82,476 वोट मिले थे। जबकि सपा के कमलेश बाल्मीकि को 1,28,737 और रालोद के अंजू (मुस्कान) को 59,116 वोट ही मिले थे।


यहां जानें बुलंदशहर लोकसभा क्षेत्र के बारे में

बुलंदशहर लोकसभा क्षेत्र का निर्वाचन संख्या 14 है।

बुलंदशहर लोकसभा क्षेत्र 1952 में अस्तित्व में आया था। 

बुलंदशहर लोकसभा क्षेत्र का गठन बुलंदशहर जिले के अनूपशहर, डिबाई, बुलंदशहर, शिकारपुर और स्याना विधानसभा क्षेत्रों को मिलाकर किया गया है।

बुलंदशहर के 5 विधानसभा सीटों पर भाजपा के विधायक हैं।

बुलंदशहर लोकसभा क्षेत्र में कुल 17,87,925 मतदाता हैं। जिनमें से 8,34,797 पुरुष और 9,53,033 महिला मतदाता हैं।

बुलंदशहर लोकसभा सीट पर 2019 में हुए चुनाव में कुल 11,25,000 यानी 62.92 प्रतिशत मतदान हुआ था।

बुलंदशहर लोकसभा क्षेत्र का राजनीतिक इतिहास

यूपी के ऐतिहासिक शहरों में से एक बुलंदशहर काली नदी के किनारे बसा हुआ है। इसका पुराना नाम बरन हुआ करता था। इस शहर की स्थापना राजा अहिबरन ने की थी। यह शहर महाभारतकालीन इंद्रप्रस्थ और हस्तीनापुर की राजधानी के करीब है। प्राचीन खंडहर वीरपुर, गालिबपुर इत्यादि बुलंदशहर की पुरातनता के प्रतीक हैं। विश्व विख्यात कुचेसर का किला राव राज विलास के नाम से भी जाना जाता है, जो 18वीं शताब्दी का किला है। इसी तरह से क्लॉक टॉवर बरन टावर जिले के बीचो बीच स्थित है। साथ ही यहां का माल्का पार्क भी प्रसिद्ध है। जिले का खुर्जा क्षेत्र चीनी मिट्टी के शानदार काम के लिए दुनियाभर में पहचाना जाता है। इतना ही नहीं, बुलंदशहर के बुगरासी आम बहुत ही स्वादिष्ट होते हैं। इस जिले से पूर्व मुख्यमंत्री कल्याण सिंह के अलावा बाबू बनारसी दास और वर्तमान में केरल के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान जैसे दिग्गज नेताओं का भी नाता रहा है। 

1951 के चुनाव में बने दो सांसद

देश में 1990 में चली रामलहर के दौरान बुलंदशहर लोकसभा सीट की भी सियासी हवा बदल गई। यहां से लगातार पांच बार से जीत रही कांग्रेस को जनता ने इस बार समर्थन नहीं दिया। क्षत्रपाल सिंह लोढ़ा इस सीट से 1991, 1996, 1998, 1999, लगातार चार बार सांसद बने और केंद्र में राज्य मंत्री रहे। इसके बाद 2004 में यहां से कल्याण सिंह भाजपा के टिकट पर सांसद बने। इसके बाद 2009 में यह सीट सुरक्षित हो गई। जिसके कारण बाजी पलट गई और सपा के टिकट पर कमलेश वाल्मिकी ने जीत का परचम लहराया।

बुलंदशहर लोकसभा सीट पर चुने गए सांसद कन्हैया लाल आए थे पाकिस्तान से


पहले सांसद कन्हैया लाल बाल्मीकि प्रोविंशियल पाकिस्तान में शामिल बलूचिस्तान के खानई गांव में पैदा हुए थे। जन्म के कुछ साल के बाद उनका परिवार इलाहाबाद में आ गया। यहां उनकी शुरुआती पढ़ाई हुई। इसके बाद वह मेरठ पढ़ने आ गए। यहां वह कांग्रेस के नेताओं के संपर्क में आकर सक्रिय राजनीति का हिस्सा बने। भारत छोड़ो आंदोलन में भी वह शामिल रहे और जेल गए। वह आम जनता की समस्याओं को भी प्रमुखता से उठाकर उनका हल निकलवाने का प्रयास करते थे।

बुलंदशहर लोकसभा में जातीय समीकरण

बुलंदशहर लोकसभा सीट के जातीय समीकरण की बात करें तो इसको मुस्लिम, लोधी, दलित, जाट और ब्राह्मण बहुल सीट मानी जाती है। जबकि वैश्य, त्यागी, गुर्जर, क्षत्रिय और अन्य ओबीसी मतदाताओं की भी इस सीट पर महत्वपूर्ण भूमिका है। यहां पर करीब 2,00,000 ब्राह्मण और 2,00,000 के करीब क्षत्रिय मतदाता हैं। इनके अलावा 1,60,000 जाट और 2,20,000 जाटव समाज के मतदाता हैं। वहीं लोधी समाज के 2,00,000 और करीब 3,00,000 मुस्लिम मतदाता हैं। बता दें कि खटीक, वाल्मीकि गुर्जर, त्यागी, कश्यप, प्रजापति, पाल (गड़रिया) जाति के मतदाताओं की भी अच्छी खासी संख्या है।

बुलंदशहर लोकसभा क्षेत्र से अब तक चुने गए सांसद

  • कांग्रेस से रघुबर दयाल मिश्रा और कन्हैया लाल बाल्मीकि 1951 में लोकसभा चुनाव में सांसद चुने गए।
  • कांग्रेस से रघुबर दयाल मिश्रा 1952 में लोकसभा चुनाव में सांसद चुने गए।
  • कांग्रेस से कन्हैया लाल बाल्मीकि 1957 में लोकसभा चुनाव में सांसद चुने गए।
  • कांग्रेस से सुरेन्द्र पाल सिंह 1962, 1967 और 1971 में लोकसभा चुनाव में सांसद चुने गए।
  • भारतीय लोकदल से महमूद हसन खां 1977 में लोकसभा चुनाव में सांसद चुने गए।
  • जनता पार्टी सेक्युलर से महमूद हसन खां 1980 में लोकसभा चुनाव में सांसद चुने गए।
  • कांग्रेस से सुरेन्द्र पाल 1984 में लोकसभा चुनाव में सांसद चुने गए।
  • जनता दल से सरवर हुसैन 1989 में लोकसभा चुनाव में सांसद चुने गए।
  • भाजपा से छत्रपाल सिंह 1991,1996,1998 और 1999 में लोकसभा चुनाव में सांसद चुने गए।
  • भाजपा से कल्याण सिंह 2004 में लोकसभा चुनाव में सांसद चुने गए।
  • सपा से कमलेश बाल्मीकि 2009 में लोकसभा चुनाव में सांसद चुने गए।
  • भाजपा से भोला सिंह 2014 और 2019 में लोकसभा चुनाव में सांसद चुने गए।
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