Bulandshahr News: सपा के पूर्व विधायक बंशी पहाड़िया को 47 महीने की कैद, 50 हजार का जुर्माना

Bulandshahr News: एमपी एमएलए विशेष अदालत अनूपशहर के विशेष लोक अभियोजक हितेंद्र वर्मा ने बताया कि कोर्ट ने सपा के पूर्व विधायक को 2022 में आदर्श चुनाव आचार संहिता व कोविड 19 नियमों का उल्लंघन करने का दोषी पाया और आज सजा मुकर्रर के न्यायिक अभिरक्षा में जेल भेज दिया है।

Report :  Sandeep Tayal
Update:2024-08-22 19:27 IST

सपा प्रमुख अखिलेश यादव के साथ पूर्व विधायक बंशी पहाड़िया (Pic:Social Media)

Bulandshahr News: यूपी के बुलंदशहर की MP/MLA कोर्ट ने सपा के खुर्जा के पूर्व विधायक बंशी पहाड़िया को 3 साल 11 महीने की सज़ा सुनाई है और 50 हज़ार रुपए का जुर्माना लगाया है। एमपी एमएलए विशेष अदालत अनूपशहर के विशेष लोक अभियोजक हितेंद्र वर्मा ने बताया कि कोर्ट ने सपा के पूर्व विधायक को 2022 में आदर्श चुनाव आचार संहिता व कोविड 19 नियमों का उल्लंघन करने का दोषी पाया और आज सजा मुकर्रर के न्यायिक अभिरक्षा में जेल भेज दिया है।

बिना अनुमति चुनाव प्रचार करने और कोविड नियमों के उलंघन पर हुई सजा मुकर्रर

बुलंदशहर की एमपी/एमएलए कोर्ट अनूपशहर में स्थित है। गुरुवार को एमपी/एमएलए विशेष अदालत के विशेष लोक अभियोजक हितेंद्र वर्मा ने बताया कि 3 फरवरी 2022 को चुनावी कार्यक्रम में पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव तथा जयंत चौधरी खुर्जा नगर में आए थे। दोनों नेताओं के जाने के बाद खुर्जा के पूर्व विधायक बंसी पहाड़ी द्वारा अपने कार्यालय तक 400-450 लोगों की उपस्थिति में ढोल-नगाड़े के साथ नारेबाजी करते हुए 30-40 गाड़ियां व बाइक के काफिले के साथ पहुंचे। समर्थकों की भीड़ ने चेहरे पर मास्क नहीं लगाए हुए थे। जिससे केंद्र व प्रदेश सरकार द्वारा लागू कोविड अधिनियम का उलंघन किया जा रहा था। मौके पर पहुंचे पुलिस उप निरीक्षक प्रदीप गौतम द्वारा बंसी पहाड़िया से भीड़ एकत्र करने व जुलूस निकालने की अनुमति मांगी गई तो वह कोई अनुमति नहीं दिखा सके, और कहा कि परमिशन की कोई आवश्यकता नहीं है।

उन्होंने भीड़ को उकसाते हुए कहा कि पुलिस की गाड़ियां तोड़ दो। इस प्रकार उन्होंने नियमावली के अनुपालन में अवरोध किया। इस संदर्भ में उपनिरीक्षक प्रदीप गौतम द्वारा खुर्जा नगर कोतवाली में बंसी पहाड़िया के विरूद्ध मुकदमा पंजीकृत कराया गया था। यह मामला अनूपशहर स्थित एमपी / एमएलए विशेष अदालत में विचाराधीन था। न्यायाधीश विनय कुमार सिंह चतुर्थ के समक्ष मौके पर मौजूद लोगों ने गवाही दी, अदालत ने प्रस्तुत साक्ष्यों, गवाहों के बयानों के आधार पर धारा 171 के अंतर्गत 200 रुपए का अर्थ दंड, धारा 181 के तहत एक माह का कारावास, धारा 269 के तहत 5 माह का कारावास, धारा 270 के तहत एक माह का कारावास 500 रुपए अर्थ दंड, धारा 20 के अंतर्गत उत्तर प्रदेश लोक स्वास्थ्य एवं महामारी 20 के अंतर्गत 3 वर्ष 11 माह का कारावास 51 हजार रुपए का अर्थ दंड, धारा 51 के अंतर्गत आपदा प्रबंधन अधिनियम 2005 के तहत 5 माह की सजा, धारा 3 के अंतर्गत महामारी संशोधन 2020 के अंतर्गत 20 दिन की सजा सुनकर जेल भेज दिया। सभी सजाएं साथ साथ चलेंगी।

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