Bulandshahar News: एक ही परिवार के सात लोगों को आजीवन कारावास, इस जघन्य वारदात को दिया था अंजाम

Bulandshahar News: करीब 10 साल पहले हुए याकूब हत्याकांड में आज बुलंदशहर के जिला जज पंकज कुमार सिंह ने सात हत्याभियुक्तों को दोषी करार देकर आजीवन कारावास की सजा सुनाई। दोषियों पर 60-60 हजार रुपए का अर्थदंड भी लगाया गया है।

Update:2023-07-12 23:25 IST
हत्याकांड में एक ही परिवार के सात लोगों को आजीवन कारावास: Photo- Newstrack

Bulandshahar News: करीब 10 साल पहले हुए याकूब हत्याकांड में आज बुलंदशहर के जिला जज पंकज कुमार सिंह ने सात हत्याभियुक्तों को दोषी करार देकर आजीवन कारावास की सजा सुनाई। दोषियों पर 60-60 हजार रुपए का अर्थदंड भी लगाया गया है। गौरतलब है कि वर्ष 2014 में दिनदहाड़े याकूब नाम के शख्स की प्रॉपर्टी विवाद में ताबड़तोड़ गोलियां बरसाकर हत्या कर दी गई थी।

प्रॉपर्टी विवाद में दिया गया था घटना को अंजाम

बुलंदशहर के जिला शासकीय अधिवक्ता सुरेंद्र सिंह चौहान एडीजीसी मनुराज बहादुर सिंह एवं अरुण कुमार राघव ने संयुक्त रूप से बताया कि 25 जुलाई 2014 को दोपहर लगभग दो बजे इस घटना को अंजाम दिया गया था। याकूब की जुलेपुरा चौराहे पर बिल्डिंग मैटीरियल और उसके भाई नूर मोहम्मद की खल चूरी की दुकान थी। पड़ोसी बाबू अपनी दुकान में निर्माण करा रहा था। बाबू पर याकूब की दुकान के कुछ भाग में जबरन निर्माण करने को लेकर बाबू के परिजनों ने याकूब को कई बार जान से मारने की धमकी दी थी।

25 जुलाई 2014 को याकूब और नूर मोहम्मद नमाज पढ़ने के बाद लगभग दो बजे अपनी दुकान पर पहुंचे थे। तभी हथियारबंद बाबू और उसके परिवार के कई सदस्यों ने घात लगाकर ताबड़तोड़ गोलियां बरसाकर हमला कर दिया। जिसमें याकूब की मौत हो गई जबकि नूर मोहम्मद घायल हो गया था। मामले को लेकर फिरोज पुत्र नूर मोहम्मद ने बुलंदशहर कोतवाली देहात में यासीन पुत्र बाबू, इरफान पुत्र बाबू, शान मोहम्मद उर्फ सोनू पुत्र बाबू, बाबू पुत्र अब्दूल लतीफ, शकील पुत्र समसुद्दीन, जफरुद्दीन पुत्र समसुद्दीन, रिजवान पुत्र शकील निवासी ग्राम जुलेपुरा थाना कोतवाली देहात जनपद बुलन्दशहर के खिलाफ आईपीसी की धारा 147, 148, 149, 506, 307, 302 और 7 सीएल एक्ट के तहत दर्ज कराया था।

ऑपरेशन कंविक्शन में चिन्हित होने पर हुई सशक्त पैरवीः एसएसपी

बुलंदशहर के एसएसपी श्लोक कुमार ने बताया कि हत्या के अभियोग को पुलिस महानिदेशक उप्र द्वारा चलाये जा रहे ऑपरेशन कंविक्शन (opration conviction) के अन्तर्गत चिन्हित किया गया। मामले में फरार आरोपियों को पुलिस ने गिरफ्तार कर न्यायालय के समक्ष पेश किया था, जहां से उन्हें जेल भेज दिया गया था और 21 अक्टूबर 2016 को न्यायालय में आरोप पत्र प्रेषित किया था। ऑपरेशन कंविक्शन के तहत चिन्हित याकूब हत्याकांड की पुलिस और अभियोजन पक्ष द्वारा संयुक्त रूप से सशक्त पैरवी की गई। जिसके बाद बुधवार को न्यायालय जिला एवं सत्र न्यायधीश द्वारा अभियुक्तों पर दोष सिद्ध हो सका।

लंबी चली गवाही के बाद आया निर्णय

बुलंदशहर के जिला शासकीय अधिवक्ता सुरेंद्र चौहान ने बताया प्रॉपर्टी विवाद में याकूब हत्याकांड को अंजाम दिया गया। कोर्ट में अभियोजन पक्ष ने 16 और बचाव पक्ष ने 5 गवाह पेश किए। बुलंदशहर के जिला जज पंकज कुमार सिंह ने न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत साक्ष्यों, गवाहों के बयानों और दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद यासीन पुत्र बाबू, इरफान पुत्र बाबू, शान मोहम्मद उर्फ सोनू पुत्र बाबू, बाबू पुत्र अब्दूल लतीफ, शकील पुत्र समसुद्दीन, जफरुद्दीन पुत्र समसुद्दीन, रिजवान पुत्र शकील निवासी ग्राम जुलेपुरा थाना कोतवाली देहात जनपद बुलन्दशहर को दोषी करार दिया और आजीवन कारावास व अर्थदण्ड की सजा सुनाई।

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