Banda News: 12 साल बाद मिली आज़ादी, पाकिस्तान की जेल से रिहा हुआ बांदा का यह युवक, कहानी सुन रो देंगे आप

बुंदेलखंड के बांदा का एक युवक पाकिस्तान की जेल से 12 साल बाद रिहा हो गया है। 12 साल पहले काम की तलाश में यह युवक राम बहादुर घर से बिना बताए निकल गया था।

Report :  Anand Tiwari
Published By :  Shashi kant gautam
Update:2021-09-03 00:02 IST

पाकिस्तान की जेल से 12 साल बाद रिहा हुआ बांदा का यह युवक अपने पिता के साथ 

Banda News: बुंदेलखंड के बांदा का एक युवक पाकिस्तान की जेल से 12 साल बाद रिहा हो गया है। 12 साल पहले काम की तलाश में यह युवक राम बहादुर घर से बिना बताए निकल गया था। उसके बाद परिजनों ने उसकी बहुत खोजबीन की लेकिन उसका कहीं पता नहीं चला, लेकिन अब 12 साल बाद जैसे ही उसकी वापसी खबर मिली तो उसके परिजन खुशी में की लहर है और अब बेसब्री से उसके घर वापस लौटने का इंतजार कर रहे हैं। फिलहाल अभी रामबहादुर अमृतसर में है जिसको मेडिकल जांच के लिए रखा गया है। अब वह जल्द ही अपने घर वापस आ जायेगा।

दरअसल, नरैनी के पचोखर गांव का रहने वाला रामबहादुर 12 साल पहले लापता हो गया था। बाद इनके पास वापस आने वाला है। पचोखर के रहने वाले गिल्ला का बड़ा बेटा रामबहादुर 12 साल पहले साइकिल लेकर गांव से निकला था और उसके बाद उसका कहीं कोई पता नहीं चला। मां बाप ने उसको ढूंढने की हर मुमकिन कोशिश की और जब उसका सुराग कहीं से भी नहीं मिला तो हताश होकर घर बैठ गए।

बेटे की गुमशुदगी ने मां-बाप को बुरी तरह तोड़ दिया

अपने 30 साल के जवान बेटे की गुमशुदगी ने मां-बाप को बुरी तरह तोड़ दिया, आर्थिक स्थिति बेहद खराब होने के चलते बांदा के बाहर यह दंपत्ति भागदौड़ भी ना कर सके और अपने बेटे को मृत मान कर दिल पर पत्थर रख लिया, आंखों से आंसू बहाते रहे । लेकिन कहते हैं कि हर रात के बाद सवेरा होता है और आखिरकार इनके लिए वह सवेरा आ ही गया, जब पुलिस प्रशासन के लोग तफ्तीश करते हुए उनके गांव पहुंचे और उसके बाद इनके घर जाकर कंफर्म किया कि इनका कोई बेटा 12 साल पहले घर से गायब हुआ था और इनको बताया कि रामबहादुर पाकिस्तान पहुंच गया था ।

जवान बेटे की गुमशुदगी ने मां-बाप को बुरी तरह तोड़ दिया था 

जहां उसको 12 साल की कैद हुई थी और वह सजा पूरी होने के बाद पाकिस्तान की आजादी के दिन यानी 14 अगस्त को उसको रिहा करके बाघा बॉर्डर के जरिए भारत के हवाले कर दिया गया है। और फिलवक्त वह अस्पताल में अपनी जरूरी जांच करा रहा है। बेटे को जिंदा पाकर परिजन बेहद खुश हैं और बेसब्री से उसके घर वापस आने का इंतजार कर रहे हैं। इन बेचारे गरीब दंपत्ति के पास इतना पैसा भी नहीं है कि यह दिल्ली या उसके आगे जाकर बेटे को रिसीव कर सकें। इनको सिर्फ सरकार का ही सहारा है कि कब सरकार उनके बेटे को उनके घर तक पहुंचाएं।

विदेश मंत्रालय से मांगी गई थी जानकारी

वहीं इस मामले में प्रशासनिक अधिकारियों का कहना है कि विदेश मंत्रालय से जानकारी मिली थी और राम बहादुर के निवास की कंफर्मेशन मांगी गई थी। जिसको जांच पूरा कर रिपोर्ट विदेश मंत्रालय को भेज दिया गया है। आगे हमारे पास जैसे भी निर्देश आएंगे हम उसी हिसाब से आगे की कार्रवाई करेंगे।

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