Jalaun News: दो सालों से कोरोना की मार झेल रहे मूर्तिकारों के खिले चेहरे, मिली मूर्तियों को बनाने की अनुमति
Jalaun News: बीते दो साल से मूर्तिकारों का कारोबार रफ्तार नहीं पकड़ सका। कोरोना के चलते फिलहाल बड़े सामूहिक आयोजनों की अनुमति नहीं मिली।
Jalaun News: दो साल से कोरोना की मार झेल रहे मूर्तिकारों के चेहरे फिर से खिल उठे हैं। सरकार (UP Government) ने मूर्तिकारों को राहत देते हुए मूर्तियों को बनाने की अनुमति प्रदान कर दी है। इसी के साथ देवी मां के भक्तों को भी मूर्तियां स्थापित करने की अनुमति (murtiya banane ki anumati mili) प्रदान की गई हैं। लेकिन सरकार ने मूर्तियों को लेकर कुछ दिशा निर्देश भी जारी किए हैं।
बता दें कि बीते दो साल से मूर्तिकारों का कारोबार रफ्तार नहीं पकड़ सका। कोरोना के चलते फिलहाल बड़े सामूहिक आयोजनों की अनुमति नहीं मिली। जिसके चलते मूर्तिकारों पर संकट के बादल मंडराने लगे थे। कोरोना काल मे मूर्तिकारों की कमाई शून्य हो गई थी । लेकिन सरकार से आदेश मिलने के बाद अब उनके चेहरों की मुस्कान फिर से लौट आई है।
मूर्तिकार बलराम पाल को आर्थिक संकट से जूझना पड़ा
रोजी-रोटी कमाने के लिए मूर्तिकार बलराम पाल नवरात्रि पर अपने परिवार के साथ कोलकाता से उरई आते हैं। लेकिन पिछले दो सालों से वह काफी निराश हैं। कोरोना काल में मूर्ति की बिक्री न होने से उन्हें आर्थिक संकट से जूझना पड़ा। लेकिन कोरोना काल में सरकार से मिली राहत से बलराम को सहूलियत मिली है। बलराम के साथ कुछ कारीगर अपनी कारिगरी से देवी प्रतिमा में रंग भरते है । इतना ही नहीं, जालौन के अलावा अन्य जिले में भी यहाँ से मूर्तिया जाती हैं। इन परिवारों के पुरुष-महिला सभी मूर्तियां बनाते हैं, जिले के अन्य स्थानों पर यहां से मूर्तियां जाती है। कई सालों से बलराम मूर्तियां बेचने का कार्य कर रहे हैं। जिससे परिवार के सभी सदस्यों की कमाई नवरात्र पर एक लाख से ऊपर हो जाती है।