Jhansi: कोविड की तीसरी लहर से निपटने को लेकर स्वास्थ्य विभाग ने तैयारियां की तेज, CMO ने कोर कमेटी के साथ की बैठक

Jhansi: कोरोना संक्रमण की संभावित तीसरी लहर से निपटने को लेकर स्वास्थ्य विभाग ने अपनी तैयारियां तेज कर दी हैं। आज शुक्रवार को मुख्य चिकित्साधिकारी कार्यालय में मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ. अनिल कुमार की अध्यक्षता में कोर कमिटी के साथ बैठक की गई।

Report :  B.K Kushwaha
Published By :  Deepak Kumar
Update:2021-12-24 22:44 IST

Jhansi: कोविड की तीसरी लहर से निपटने को लेकर स्वास्थ्य विभाग ने तैयारियां की तेज।

Jhansi: कोरोना संक्रमण की संभावित तीसरी लहर (Coronavirus Third wave) से निपटने को लेकर स्वास्थ्य विभाग (Health Department) ने अपनी तैयारियां तेज कर दी हैं। आज शुक्रवार को मुख्य चिकित्साधिकारी कार्यालय (Chief Medical Officer Office) में मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ. अनिल कुमार (CMO Dr. Anil Kumar) की अध्यक्षता में कोर कमेटी के साथ बैठक की गई।

स्वास्थ्य व्यवस्थाओं को जल्द पूरा करने के दिए निर्देश

बैठक में मुख्य चिकित्सा अधिकारी (CMO Dr. Anil Kumar) ने निर्देश दिए कि जहां पर भी स्वास्थ्य व्यवस्थाओं में कुछ भी कमी है वह उसे जल्द से जल्द पूरा करा ले। इसमें किसी की मदद चाहिए तो सीधे सीएमओ कार्यालय (CMO Office) में संपर्क कर सकते है। उन्होंने कोविड के लिए 2 एंबुलेंस निर्धारित करने के निर्देश दिये है, जिसके लिए जल्द ही आला अधिकारियों को पत्र लिखा जाएगा।


स्वास्थ्य विभाग ने कराए 3 मोक ड्रिल

बैठक का संचालन करते हुए जिला सर्विलेंस अधिकारी डॉ. रमाकांत (District Surveillance Officer Dr. Ramakant) ने बताया कि जनपद में कोरोना से निपटने के लिए पूरी तैयारी कर ली गई है, जिसके लिए विभाग द्वारा 3 मोक ड्रिल भी कराए गए हैं। बिना लक्षण वाले कोविड पॉजिटिव मरीजों को सीएचसी बड़ागांव (CHC Baragaon) एवं गंभीर मरीजों को मेडिकल कॉलेज में एड्मिट किया जाएगा, जिसके लिए बेड्स की पूरी व्यवस्था कर ली गई है और सभी ऑक्सीजन प्लांट्स भी क्रियाशील हो चुके हैं।

कोरोना की जांच को लेकर बनाई 5 आरआरटी टीमें

डॉ. रमाकांत (District Surveillance Officer Dr. Ramakant) ने बताया कि विदेश यात्रा करके लौटने वालों और अन्य प्रांतों से वापसी करने वालों की निगरानी के लिए टीमें लगाई गई हैं। कुल 5 आरआरटी टीमें भी गठित की गई हैं, जो कि कोरोना को लेकर निगरानी के साथ ही बाहरी लोगों की जांच करा रही हैं। इसी के साथ रेलवे और बस स्टेशनों में भी टीमें लगाई गई हैं, जो कि बाहर से आने वालों की आरटीपीसीआर जांच कर रही हैं। बैठक में अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारियों सहित, डीपीएम, डीएचईआईओ और अन्य विभागीय अधिकारी मौजूद रहे।

झांसी में कोरोना का हाल

वर्तमान में सक्रिय मरीज - 8

अब कुल हुई सैंपलिंग - 1881302

अब तक संक्रमित मरीज - 36566

जनपद का अब तक का रिकवरी रेट - 98.17 प्रतिशत

अब तक कोविड की पहली डोज - 1218677 (81.8 प्रतिशत)

अब तक कोविड की दोनों डोज - 749000 (49 प्रतिशत)


मातृ मृत्यु की समीक्षा को लेकर हुई जनपद स्तरीय बैठक

Jhansi: जनपद में मातृ मृत्यु दर (Maternal mortality rate) में कमी लाने और उसके मूल कारणों को चिन्हित कर उस पर गुणवत्ता पूर्ण कार्य करने के उद्देश्य से मुख्य चिकित्सा अधिकारी कार्यालय (CMO Office) में मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. अनिल कुमार (Chief Medical Officer Dr. Anil Kumar) की अध्यक्षता में जनपद स्तरीय मातृ मत्यु समीक्षा बैठक हुई।

बैठक में मातृ मृत्यु के कारणों पर चर्चा करते हुये मुख्य चिकित्सा अधिकारी (Chief Medical Officer Dr. Anil Kumar) ने कहा कि मातृमृत्यु के मूल कारणों को चिन्हित कर उस पर कार्य करने की आवश्यकता है। उनके सामाजिक कारणों जैसे कि क्या गर्भवती समय से प्रसव पूर्व जांच के लिए आई या नहीं, क्या उसकी सभी जांच हुई, क्या गर्भवती ने निर्धारित समय तक आयरन की गोली ली या नहीं आदि के बारे में जानकारी एकत्रित कर उसके अनुसार रणनीति बनाकर कार्य करने की आवश्यकता है। इससे मातृ मृत्यु की दर को कम किया जा सकता है।

जटिल अवस्था वाली गर्भवती संदर्भन में हुआ अब सुधार

मेडिकल कॉलेज की प्रसूति विशेषज्ञ डॉ. आकांक्षा गोयल (Medical College obstetrician Dr. Akanksha Goyal) ने बताया कि जटिल अवस्था वाली गर्भवती संदर्भन में अब सुधार हुआ है, आजकल जो भी गंभीर केस ब्लॉक से सदर्भित कर मेडिकल कॉलेज आते है, वह संदर्भन पूर्व प्रबंधन के साथ आते है, जिससे कि स्टाफ को उस गर्भवती का प्रसव कराने में आसानी होती है। ऐसे में हम सही तरीके से मातृ और शिशु दोनों की जान बचा पाते हैं।

अप्रैल 2021 से नवम्बर 2021 तक हुई 42 महिलाओं की मातृ मृत्यु

मातृत्व स्वास्थ्य (maternal health) के नोडल अधिकारी डॉ. नरेश अगरवाल (Nodal Officer Dr. Naresh Agarwal) ने बताया कि अप्रैल 2021 से नवम्बर 2021 तक 42 महिलाओं की मातृ मृत्यु हुई है, जिसमें सबसे ज्यादा मृत्यु प्रसव उपरांत अत्यधिक रक्तस्राव के कारण हुयी हैं। जनपद के वार्षिक स्वास्थ्य सर्वे 2012 के अनुसार मातृ मृत्यु दर जहां 233 थी वहीं एमएमआर बुलेटिन 2021 के अनुसार वह 132 हो गई है।

गर्भावस्था के दौरान होने वाले तीन डिले के बारे में किया सचेत

बैठक में जिला कार्यक्रम प्रबन्धक ऋषिराज (District Program Manager Rishiraj) ने गर्भावस्था के दौरान होने वाले तीन डिले (देरी) के बारे में सचेत किया। उन्होंने बताया कि गर्भवती को कभी भी देखभाल लेने के निर्णय में देरी, उचित देखभाल तक पहुंचने में देरी, गुणवत्ता पूर्ण और पर्याप्त स्वास्थ्य देखभाल प्राप्त करने में देरी नहीं करनी चाहिए।

मातृत्व स्वास्थ्य सलाहकार अनुपमा (Maternity Health Consultant Anupama) ने पीपीटी के माध्यम से प्रस्तुति दी। उन्होंने बताया कि गर्भावस्था, प्रसव के दौरान व प्रसव पश्चात 42 दिन के भीतर गर्भावस्था से संबन्धित कारणों से होने वाली महिला की मृत्यु को ही मातृ मृत्यु में शामिल किया जाता है। बैठक में ग्रामीण एवं शहरी क्षेत्र के समस्त चिकित्सा अधिकारी, डॉक्टर्स, बीसीपीएम मौजूद रहे।

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