Mahoba News: मिनी वृन्दावन में शुरू हुआ ऐतिहासिक गोवर्धन मेला, इस बार आयोजित होंगे धार्मिक आयोजन

Mahoba News: मिनी वृन्दावन चरखारी के सुप्रसिद्ध ऐतिहासिक मेले का हुआ शुभारम्भ

Report :  Imran Khan
Published By :  Raghvendra Prasad Mishra
Update: 2021-11-05 16:48 GMT

गोवर्धन मेले की शुरुआत करते बीजेपी विधायक (फोटो-न्यूजट्रैक)

Mahoba News: कोरोना महामारी के बाद आखिरकर मिनी वृन्दावन (Mini Vrindavan) चरखारी के सुप्रसिद्ध ऐतिहासिक मेले का आज शुभारम्भ हो गया है। महोबा जनपद के चरखारी का सुप्रसिद्ध ऐतिहासिक और धार्मिक श्री गोवर्धन मेला (Shree Govardhan Mela) आज वैदिक मंत्रो के बीच परंपरागत तरीके से धूमधाम के साथ आरम्भ हो गया। सदर विधायक व बीजेपी जिलाध्यक्ष ने इस मेले का उदघाटन किया।

चरखारी कस्बे में इस समय व्रन्दावन जैसा माहौल है। शहर में स्थित मंदिर से गोवर्धन पर्वत धारी भगवान कृष्ण को रथ में सवार कर मेला स्थल लाकर स्थापित किया गया है। कस्बे में भगवान् कृष्ण के 108 मंदिर हैं जिनकी मूर्तियां भी यहाँ लाकर स्थापित की जाएंगी और एक माह तक यहाँ मेला चलेगा। कोरोना को देखते हुए इस वर्ष सिर्फ धार्मिक कार्यक्रमों का ही आयोजन होगा।


बुंदेलखंड का कश्मीर कहे जाने वाले क़स्बा चरखारी को मिनी वृन्दावन (Mini Vrindavan) भी कहा जाता है। जहां आज 130वें गोवर्धन मेले का आज शुभारम्भ हो गया है। इस कस्बे में भगवान कृष्ण के 108 मंदिर है और कसबे के चारों ओर पानी से भरे तालाब हैं। दीपावली पर्व के बाद होने वाले इस मेले ऐतिहासिक और धार्मिक महत्व है।

1883 में कृष्ण भक्त चरखारी रियासत के राजा मलखान जू देव ने गोवर्धन मंदिर की स्थापना की थी। इस मंदिर में भगवान कृष्ण राधा जी की अष्टधातु की मूर्ति स्थापित है। दीपावली के दूसरे दिन गोवर्धन पूजा (Shree Govardhan Mela) से शुरू होकर एक माह चलने वाले मेले को लेकर चरखारी में कृष्ण भक्त इकट्ठा होते है। कृष्ण और राधा की मूर्ति को रथ में सवार कर मेला मंदिर स्थापित किया गया।


मुख्य पुजारी सहित पांच अन्य पुरोहितों ने विधि विधान के साथ अनुष्ठान कर गोवर्धन पर्वत धारी कृष्ण,देवी राधा और बलराम की प्रतिमाओं को स्थापित कराया। मुख्य यजमान के रूप में सदर विधायक राकेश गोस्वामी मौजूद रहे।

बुंदेलखंड के सबसे प्राचीन मेले की शुरुआत करीब डेढ़ सौ वर्ष पूर्व हुई थी। चरखारी रियासत के राजा मलखान जूदेव ने इसे आरम्भ कराया था। उन्होंने नगर में 108 कृष्ण मंदिर,आकर्षक झीलों और सरोवरों की स्थापना कराई थी। बुंदेलखंड के महत्वपूर्व पर्यटक स्थलों में से चरखारी वैभव किलों और रियासत कालीन भवन पर्यटकों के आकर्षण का भी केन्द्र हैं। चरखारी के इस ऐतिहासिक मेले में हिन्दू मुस्लिम एकता की मिशालें भी शामिल है।

एक माह तक चलने वाले इस मेले में देवोत्थानी एकादशी, कार्तिक पूर्णिमा पर दूर दूर से हजारों महिला श्रद्धालुओं की यहाँ भीड़ जुटती थी मगर कोरोना के चलते भीड़ कम रहने की उम्मीद है। इस वर्ष सांस्कृतिक कार्यक्रम मेले में आयोजित नहीं हो रहे है सिर्फ मेले में धार्मिक सत्संग, प्रवचन, रामलीला, रासलीला, भागवत कथा, विष्णु महायज्ञ होगा।

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