Mahoba News: जहरीले सर्प ने मासूम को काटा, झाड़फूंक के चलते हुई मौत

महोबा में 8 वर्षीय बच्ची मनीषा अपने घर में खेल रही थी। अचानक जहरीले सांप ने उसे डंस लिया लेकिन झाड़फूंक के चक्कर में पड़ने के कारण उसकी मौत हो गई।

Report :  Imran Khan
Published By :  Shashi kant gautam
Update: 2021-09-15 13:35 GMT

महोबा: झाड़फूंक के चलते मासूम की हुई मौत

Mahoba News: उत्तर प्रदेश के जनपद महोबा( Mahoba) में सर्पदंस (snake bites) से एक मृत्यु हो गई। बताया जा रहा है कि घर में खेलते समय मासूम की जहरीले सर्प के डसने से हालत खराब हो गई जिसके बाद परिजन अस्पताल की जगह उसे गांव के वैद्य के पास लेकर पहुंचे जहां वैद्य ने इलाज के नाम पर घन्टों तक झाड़ फूंक करने के बाद मासूम की हालत सही बताकर उसे घर भेज दिया।

परिजनों द्वारा घर ले जाने के एक घंटे बाद मासूम की हालत फिर से बिगड़ने पर आनन फानन में परिजन उसे महोबा जिला अस्पताल( Mahoba District Hospital) लेकर पहुंचे जहां ड्यूटी में तैनात डॉक्टर ने उसे देखते ही मृत घोषित कर दिया। मासूम की असामयिक मौत से परिजनों में कोहराम मच गया। तो वहीं जिला अस्पताल के इमरजेंसी वार्ड में तैनात डॉक्टर की मानें तो मासूम की मौत समय से इलाज न मिलने की वजह से हुई है। अगर समय रहते परिजन उसे अस्पताल लाए होते तो शायद मासूम की जान बचाई जा सकती थी।

खेलते समय अचानक जहरीले सर्प ने काट लिया

मामला मध्यप्रदेश के सीमावर्ती जिले छतरपुर के लवकुशनगर तहसील अन्तर्गत पटनापुर गांव का है। जहां के रहने वाले बरदानी की 8 वर्षीय बेटी मनीषा अपने घर में खेल रही थी। खेलते समय अचानक जहरीले सर्प ने उसे अपना शिकार बना डंस लिया। जहरीले सर्प के डसने से मासूम की हालत खराब होते देख परिजन उसे अस्पताल की जगह इलाज के लिए गांव के ही एक वैद्य के पास ले गए। तथाकथित वैद्य द्वारा इलाज के नाम पर मासूम की घण्टों तक झाड़ फूँक की गई ।


बरसात के समय सर्पदंश की घटनाएं होती हैं ज्यादा

खासकर बरसात के समय सर्पदंश की तमाम घटनाएं होती रहती हैं। जानकारी के अभाव में लोग बिना प्रशासनिक कार्रवाई के अंतिम संस्कार कर देते हैं। अब शासन ने फिर से नई व्यवस्था बनाकर राहत राशि देने का शासनादेश जारी किया है। इसमें साफ कर दिया है कि पोस्टमार्टम में बिसरा रिपोर्ट अब जरूरी नहीं है। फारेंसिक स्टेट लीगल सेल का कहना है कि बिसरा की जांच में सर्पदंश प्रमाणित नहीं होता है।

ऐसे में बिसरा सुरक्षित किया जाने का कोई मतलब नहीं रह जाता है। अपर मुख्य सचिव मनोज कुमार की ओर से जारी आदेश में कहा गया है कि जिलाधिकारी सात दिन में सर्पदंश से मृतक परिवार को राहत राशि देने की शासन की मंशा को साकार करें। बिसरा जांच की व्यवस्था को राहत वितरण में शामिल नहीं किया जाएगा।

सर्प दंश से होने वाली मौत पर मिलेगा मुआवजा

आपको बता दें कि प्रदेश में सांप के काटने से होने वाली मौत को शासन ने राज्य आपदा घोषित कर दिया है। इसके तहत दिवंगत व्यक्ति के स्वजन सरकारी मुआवजे के हकदार होंगे। अब उन्हें चार लाख रुपये की सहायता मिलेगी। यह राशि पाने के लिए स्वजन को अभिलेख प्रस्तुत करने होंगे। सत्यापन और जिलाधिकारी की संस्तुति के बाद एक सप्ताह में सहायता राशि देने का प्राविधान किया गया है।

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