कैबिनेट मंत्री ब्रजेश पाठक का कोरोना पर 'लेटर-बम', सबको दी ये चेतावनी

ब्रजेश पाठक ने अधिकारियों द्वारा बरती जा रही लापरवाही और मरीजों को समय से नहीं मिलने वाली सुविधाओं पर चिन्ता जतायी है।

Written By :  Vijay Kumar Tiwari
Published By :  Dharmendra Singh
Update: 2021-04-13 06:58 GMT

यूपी के कानून मंत्री ब्रजेश पाठक (फाइल फोटो: सोशल मीडिया)

लखनऊ: लखनऊ के सांसद और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह (Defence MinisterRajnath Singh) के बाद उत्तर प्रदेश सरकार के कैबिनेट मंत्री ब्रजेश पाठक ( Minister Brajesh Pathak) ने एक पत्र लिखकर राजधानी और राज्य में कोरोना के हालात चर्चा करते हुए प्रदेश सरकार के दो वरिष्ठ अधिकारियों को कोरोना के बढ़ रहे खतरे व लापरवाहियों पर आगाह किया है। साथ ही साथ अधिकारियों द्वारा बरती जा रही लापरवाही और मरीजों को समय से नहीं मिलने वाली सुविधाओं पर चिन्ता जतायी है।

योगी सरकार के कानून मंत्री ब्रजेश पाठक लखनऊ में पद्मश्री योगेश प्रवीन (Yogesh Praveen) के इलाज के दौरान बरती गई लापरवाही और समय से एंबुलेंस नहीं पहुंचने की घटना को जिक्र करते हुए अपने इलाके की हकीकत बतायी है। इस घटना का जिक्र करते हुए भावुक अंदाज में पत्र लिखकर पूरी बातें सरकार के सामने लाने की कोशिश की है।
उन्होंने प्रदेश सरकार के दो वरिष्ठ अधिकारी अपर मुख्य सचिव, चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग व प्रमुख सचिव, चिकित्सा शिक्षा को लिखे पत्र में कई बातों पर बारीकी से ध्यान आकृष्ट कराया है और कई बातों पर तत्काल ध्यान देकर कार्रवाई करने की मांग की है।

निजी अस्पतालों में जांच की मांग

मंत्री बृजेश पाठक ने अपने पत्र में इस बात की भी चिंता जताई है कि सरकार ने निजी पैथोलॉजी केन्द्रों द्वारा की जा रही जांच की सुविधा को बंद करने से बढ़ रही मुश्किलों पर चिंता जताते हुए लिखा है कि इसके कारण न तो मरीजों की समय से जांच हो पा रही है और ना ही उनका उपचार शुरू हो पा रहा है। जहां जांच हो रही है वहां रिपोर्ट भी काफी देरी से मिल रही है।

जांच किट्स की कमी का हवाला
इतना ही नहीं मंत्री ने एक चिकित्सा विभाग के एक बड़े अधिकारी का हवाला देते हुए उन्होंने कहा है कि लखनऊ में प्रतिदिन जांच के लिए 17 हजार जांच किटों की आवश्यकता है परंतु मौजूदा समय में केवल 10 हजार किट्स ही मिल पा रही हैं। ऐसे में मरीजों की जांच होने में भी परेशानी हो रही है। उन्होंने लखनऊ में मिल रहे दिन 4 से 5 हजार रोगियों के हालात पर चिंता जताते हुए कहा कि जिले में हर दिन मरीजों की संख्या बढ़ रही है, जबकि कोविड-19 के मरीजों के लिए बेड्स की संख्या काफी कम है।
अपने पत्र में पाठक ने लिखा है कि कोविड-19 की जांच सुविधा को और अधिक तत्काल बढ़ाने की जरूरत है और इसके लिए निजी अस्पतालों, संस्थानों व जांच केन्द्रों पर जांच की सुविधा बहाल करने के साथ साथ आरटीपीसीआर जांच रिपोर्ट संबंधित व्यक्ति को 24 घंटे के अंदर पहले की ही तरह उपलब्ध कराने की मांग की है। साथ ही आईसीयू की संख्या बढ़ाने का सुझाव दिया है।

अन्य गंभीर रोगियों पर भी ध्यान देने की जरूरत

मंत्री ने अपने पत्र में उल्लेख किया है कि जो रोगी कोरोना के पेशेंट नहीं है, लेकिन किसी और बड़ी बीमारी जैसे हर्ट, किडनी, लीवर की बीमारी के साथ साथ अन्य गंभीर रोगों से ग्रसित हैं उनकी स्थिति और भी दयनीय होती जा रही है। क्योंकि कोविड-19 के कारण उन्हें उचित समय पर इलाज नहीं मिल पा रहा है। ऐसे रोगियों को भर्ती से जाने का भी इंतजाम सरकार को गंभीरता से देखना चाहिए।
मंत्री ने इस बात की चेतावनी दी है कि अगर कोविड-19 परिस्थितियों को शीघ्र नियंत्रित नहीं किया जाए तो ऐसी हालत में मजबूर होकर कोरोना की रोकथाम हेतु लखनऊ में लॉकडाउन भी लगाना पड़ सकता है।
आपको बता दें कि अभी दो दिन पहले देश के रक्षा मंत्री व लखनऊ के सांसद राजनाथ सिंह ने मुख्यमंत्री और स्वास्थ्य मंत्री से लखनऊ के हालात पर चर्चा की थी और उन्होंने सरकारी अधिकारियों द्वारा बरती जा रही लापरवाही पर ध्यान आकृष्ट कराया था तथा मुख्यमंत्री और स्वास्थ्य मंत्री से स्वास्थ सुविधाओं को और बेहतर करने का सुझाव दिया था।


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