कैबिनेट: नई आबकारी नीति से शराब माफियाओं को झटका, टूटेगी मोनोपोली

योगी सरकार ने वर्ष 2018-19 के लिये नई आबकारी नीति तय कर दी है। यूपी कैबिनेट की बैठक में इसे मंजूरी दी गई। भाजपा सरकार बनने के बाद से ही इसके कयास लगाए जा रहे थे क्योंकि मौजूदा नीति की वजह से पहले बसपा और फिर सपा सरकार में शराब माफियाओं का इस व्यवसाय पर एकाधिकार था।

Update:2018-01-24 09:40 IST

लखनऊ: योगी सरकार ने वर्ष 2018-19 के लिये नई आबकारी नीति तय कर दी है। यूपी कैबिनेट की बैठक में इसे मंजूरी दी गई। भाजपा सरकार बनने के बाद से ही इसके कयास लगाए जा रहे थे क्योंकि मौजूदा नीति की वजह से पहले बसपा और फिर सपा सरकार में शराब माफियाओं का इस व्यवसाय पर एकाधिकार था।

राज्य सरकार के प्रवक्ता सिद्धार्थनाथ सिंह और श्रीकांत शर्मा के मुताबिक नई नीति के जरिए इस व्यवसाय पर माफियाओं की मोनोपोली तोड़ने की कोशिश की गई है।

- सरकार का दावा है कि नई नीति से 4673 करोड़ रुपये का अतिरिक्त मुनाफा होगा।

- आनलाइन आवेदन करना होगा।

- ई-लाटरी के जरिए आवंटन होगा।

- विशेष जोन की व्यवस्था समाप्त की गई।

- पूर्व की सरकारों में मेरठ, मुरादाबाद, सहारनपुर, बरेली मंडल मिलाकर एक विशेष जोन थे।

- एक जिले में एक व्यक्ति को दो से ज्यादा लाइसेंस नहीं मिल सकेंगे।

- डमी या दूसरे के नाम से नहीं ले सकेंगे लाइसेंस।

- होलोग्राम की व्यवस्था होगी समाप्त

- नई व्यवस्था में ट्रैक एंड ट्रेस सिस्टम शुरू होगा।

- राजस्व देने वाले दुकानों के लाइसेंस नवीनीकरण में प्राथमिकता।

- इलेक्ट्रानिक पेमेंट की व्यवस्था की जाएगी।

- दिन में 12 बजे के बाद ही दुकान खुलेंगी।

- स्कूल, धर्मस्थल और अस्पतालों से दूर रहेंगी दुकानें।

- जल्द ही मद्यनिषेध विभाग का नियंत्रण भी आबकारी विभाग के पास होगा।

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