छावनी परिषद के CEO बतायें अवारा पशुओं को हटाने के लिए क्या किया: कोर्ट

याचिका में कई ऐसे उदाहरण दिये गये जिनमे अवारा पशुओं के सड़क पर बेधड़क घूमने के गंभीर दुर्घटनायें हो गयी हैं। कोर्ट ने याचिका में उठाये गये मुददे पर विचार करके पाया कि इस मामले में उचित निर्देश देने की आवश्यकता है।

Update: 2019-05-28 15:23 GMT
प्रतीकात्मक फोटो

लखनऊ: इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ खंडपीठ ने छावनी परिषद के मुख्य कार्यकारी अधिकारी को विस्तृत हलफनामा पेश कर स्पष्ट करने का आदेश दिया है कि बोर्ड के पूरे क्षेत्र में कूड़े की सफायी व अवारा जानवरों केा पकड़ने के लिए क्या किया गया है और यह भी कि आगे क्या कदम उठाने हैं। कोर्ट ने मामले की अगली सुनवायी 5 जुलाई को नियत की है।

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यह आदेश चीफ जस्टिस गोविंद माथुर व जस्टिस जसप्रीतसिंह की बेंच ने स्थानीय वकील प्रशांत अग्रवाल की ओर से दाखिल याचिका पर पारित किया। याचिका में डीएम, एसएसपी व परिषद को निर्देश देने की मांग की गयी थी कि बोर्ड के तहत आने वाले क्षेत्र से गंदगी साफ करायी जाये तथा अवारा गायेां , साढ़ों व भैंसेां को हटाया जाये।

याचिका में कई ऐसे उदाहरण दिये गये जिनमे अवारा पशुओं के सड़क पर बेधड़क घूमने के गंभीर दुर्घटनायें हो गयी हैं। कोर्ट ने याचिका में उठाये गये मुददे पर विचार करके पाया कि इस मामले में उचित निर्देश देने की आवश्यकता है।

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