लखनऊ: प्रदेश की राजधानी संक्रामक बीमारियों (डेंगू, स्वाइन फ्लू आदि) से कई महीनों से जूझ रही है। स्वास्थ्य महकमे के मंत्री सिद्धार्थनाथ सिंह से लेकर अधिकारी भी वेक्टर जनित रोगों को फैलने से बचाने में फेल हो चुके हैं। यहां पर सीएमओ डॉ जीएस वाजपेयी द्वारा रोजाना संक्रमण बीमारियों की रोकथाम के लिए अभियान चलाया जा रहा है। लेकिन सीएमओ के अभियान पर बीमारियों के सरकारी आंकड़े पानी फेर रहे हैं। चाहे बात करें बरसाती मौसम की या अभी चल रहे सीजन की, उस समय से ही शहर में वेक्टर जनित रोगों का प्रकोप बढ़ता जा रहा है। डेंगू व स्वाइन फ्लू के संक्रमण को रोकने में स्वास्थ्य विभाग सफल नहीं रहा है।
सरकारी आंकड़ों का हाल देखिए
लखनऊ में एक जनवरी से अभी तक कई लोग डेंगू तथा स्वाइन फ्लू के शिकार हो चुके हैं। सीएमओ डॉ जीएस वाजपेयी के रिपोर्ट के अनुसार 113 डेंगू मरीजों की पहचान हो चुकी है। डेंगू के कारण दो मरीजों को मौत भी हो चुकी है। वहीं दूसरी ओर स्वाइन फ्लू ने तो बुरा हाल कर रखा है। स्वाइन फ्लू के 2185 मरीज केवल लखनऊ में मिले हैं। स्वाइन फ्लू के कारण अब तक 14 लोगों की जान चली गई है। आंकड़ों की जुबान स्वास्थ्य महकमों पर सवाल उठा रहे हैं।
अन्य बीमारियों के आंकड़े
एक जनवरी से आज तक कुल इन्फ्लुएन्जा ए एच1एन1 के धनात्मक रोगी-2185
विभिन्न राजकीय एवं निजी चिकित्सालयों में भर्ती मरीजों की संख्या-02
घर पर इलाज कर रहे मरीजों की संख्या-04
स्वाइनफ्लू से पूर्णतः स्वस्थ हो चुके व्यक्तियों की संख्या-2105
बच्चों के लिए-एक अगस्त से 3 वर्ष से 18 वर्ष तक के इन्फ्लुएन्जा ए एच1एन1 से ग्रसित बच्चों की संख्या-624
सीएमओ का दावा
सीएमओ डॉ जी एस वाजपेयी का दावा है कि वेक्टर जनित रोगों से रोकथाम के लिए राजधानी के हर वार्डों में रोजाना लार्वा का छिड़काव हो रहा है। इसके अलावा हर क्षेत्र में नोडल अधिकारी लोगों को रोजाना जागरूक कर रहे हैं। स्वास्थ्य विभाग की अलग-अलग टीम प्रतिदिन निरीक्षण कर रही है। संक्रमण पाए जाने पर संबंधित लोगों को नोटिस भी दी जा रही है। हर संभव प्रयास जारी है।