शाहजहांपुर: यौन उत्पीड़न मामले में एक बार फिर पीड़िता के पिता ने आसाराम और उसकी बेटी के खिलाफ एक एफआईआर दर्ज कराई है। जेल में बंद आसाराम के गुर्गे लगातार पीड़िता को बदनाम करने का प्रयास कर रहे हैं। कई बार पत्रिकाओं में आसाराम को निर्दोष बताते हुए लेख छपवाए गए जबकि पीड़िता और उसके परिवार के खिलाफ गलतबयानी की गई।
बीते शुक्रवार को भी यहां एक पत्रिका बंटवाई गई, जिसमें आसाराम को निर्दोष बताकर पीड़िता पर गलत तरीके से फंसाने का आरोप लगाया गया। फिलहाल पुलिस ने पीड़िता के पिता की तहरीर के आधार पर केस दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।
आसाराम को झूठे मामले में फंसाया गया
दरअसल, यौन शोषण मामले मे जेल में बंद आसाराम के गुर्गे आए दिन पीड़िता को बदनाम करने की साजिश रचते रहते हैं। बीते शुक्रवार को अख़बारों के साथ एक आदर्श पंचायती राज मासिक पत्रिका बांटा गया, जिसमें आसाराम को निर्दोष बताया गया। वहीं, पत्रिका में पीड़िता और उसके परिवार के लिए लिखा गया कि इन्होंने आसाराम को झूठे मामले में फंसाया है। आगे लिखा है कि आसाराम के साथ जेल में अमानवीय व्यवहार हो रहा है। बीजेपी के शीर्ष नेता नहीं चाहते कि आसाराम की जमानत हो।
पत्रिका के खिलाफ खुफिया विभाग ने शुरू की जांच
इतना ही नहीं पत्रिका में लिखा गया है, कि 'भारत की मीडिया के कथित बुद्धिजीवी सहित देश की सुप्रीम कोर्ट भी हिंदुत्व के खिलाफ काम कर रही है। मैग्जीन में आगे लिखा है, कि ईसाई मिशनरियों और सरकार का एक तबका आसाराम के खिलाफ संयुक्त तौर पर काम कर रहा है। इस पत्रिका में उस रिपोर्ट को भी छापा गया है जो दिल्ली के लोकनायक जयप्रकाश नारायण अस्पताल द्वारा पीड़िता को लेकर जारी की गई थी। हालांकि, हजारों की तादाद में बंटवाई गई इस पत्रिका की खुफिया विभाग ने जांच शुरू कर दी है।
वो चाहते हैं कि हम घुटने टेक दें
वहीं, पीड़िता के पिता ने बताया, कि 'आदर्श पंचायती राज मासिक पत्रिका है जिसके जरिए हमारे खिलाफ दुष्प्रचार किया गया है। यह काम आसाराम के गुर्गों ने कराया है। क्योंकि, जो केस आसाराम के खिलाफ चल रहा है उसमें अब फैसला आने वाला है। इस पत्रिका और लेख के जरिए ये सरकार को ब्लैकमेल करने का प्रयास कर रहे हैं। ये चाहते हैं कि हमारा परिवार टूट जाए और घुटने तक दे, लेकिन आसाराम के मंसूबे पूरे नहीं होंगे। हमें न्यायपालिका पर पूरा भरोसा है। हमें न्याय मिलेगी और दुराचारी को सजा। उन्होंने कहा, हमें राजनीति पार्टी का कभी सपोर्ट नहीं मिला और न आगे मिलेगा। हमने अपने दम पर इस केस को लड़ा है। हमें पूरी उम्मीद है कि न्याय जरूर मिलेगा।'
...तो वह खुद जेल से बाहर क्यों नहीं आ जाता
पीड़िता के पिता ने आगे कहा, कि 'कुछ दिन पहले देखा गया था कि एक जज आसाराम के पैर छूकर आशीर्वाद ले रहा है। पता चला था कि वह रिटायर जज था। हो सकता है कि उस जज को वहां पर बुलवाया गया हो, क्योंकि इस केस पर कुछ फर्क पड़ सके। उन्होंने कहा, अगर आसाराम सोचता है उसका आशीर्वाद बहुत कारगर है तो वह खुद जेल से बाहर क्यों नहीं आ जाता।'
मामले की गहराई से जांच जारी है
इस संबंध में इंस्पेक्टर अशोक पाल कहना है कि 'पीड़िता के पिता की तहरीर के आधार पर रिपोर्ट दर्ज कर ली गई है। इस मामले की गहराई से जांच की जा रही है। पीड़िता के पिता ने तहरीर के साथ ही एक पत्रिका भी दी थी, जिसे पूरे शहर में बंटवाई गई थी। उसका अध्ययन किया जा रहा है।'