Prayagraj News: प्रयागराज के गांवों में बढ़ रहा कैशलेस ट्रांजेक्शन का क्रेज, आन लाइन भुगतान के प्रति ग्रामीण हुए जागरूक

Prayagraj News: सरकार के डिजिटल कैशलेस ट्रांजेक्शन को ग्रामीण बढ़ावा दे रहे हैं। डेबिट कार्ड, गूगल पे, पेटीएम व अन्य डिजिटल एप का चलन गांवों में भी शुरू हो गया है।

Report :  Syed Raza
Update: 2022-08-26 14:53 GMT

प्रयागराज: गांवों में बढ़ रहा कैशलेस ट्रांजेक्शन का क्रेज

Prayagraj News: सरकार के डिजिटल कैशलेस ट्रांजेक्शन (digital cashless transaction) को ग्रामीण बढ़ावा दे रहे हैं। नोटबंदी (demonetisation) के पहले शहर में डेबिट कार्ड, गूगल पे, पेटीएम व अन्य डिजिटल एप का चलन लगभग शून्य था। नगद भुगतान से ही खरीद-फरोख्त होता रहा है, लेकिन कोरोना (Coronavirus) की विभीषिका ने शहरवासियों को कैशलेस ट्रांजेक्शन के प्रति जागरूक किया है।

शहर के अमूमन हर दूसरे बड़े शॉप में पीओएस (पाइंट आफ सेल) मशीनें लगाई गई हैं। और तो और सड़क किनारे धंधा करने वाले छोटे व्यवसायी, पान ठेला, इडली-दोसा ठेला के संचालक भी 10 रूपये तक की न्यूनतम राशि गूगल पे, भीम, पेटीएम जैसे एप के जरिए ले रहे हैं।

बता दें कि आनलाइन पेमेंट तथा कैशलेस लेनदेन बरसों पहले से देश के बड़े नगरों में होता रहा है लेकिन शहर में नगद लेन-देन की ही परपंरा चल रही थी। पेट्रोल पंप, बड़े होटल तथा अन्य व्यावसायिक फमों में नगदी व चेक के जरिए ही भुगतान किया जाता रहा। वर्ष 2016 में नोटबंदी के बाद बैंको में लंबी कतारें देखी गई। इसके बाद आरबीआई के निर्देश पर राष्ट्रीयकृत बैंकों द्वारा कैशलेस ट्रांजेक्शन को बढ़ावा देने के लिए व्यवसायियों को प्रोत्साहित किया गया। केंद्र सरकार के प्रधानमंत्री ग्रामीण डिजिटल साक्षरता अभियान के तहत कैशलेस मुहिम को बढ़ावा देने के लिए जिला के हर पंचायत के लोगों को डिजिटल साक्षरता प्रशिक्षण दिया जा रहा है।


छोटे-छोटे व्यवसायियों ने भी मोबाइल वालेट का इस्तेमाल शुरू

कोरोना की वीभीषिका ने देश-दुनिया में व्यापक प्रभाव डाला। देश भर में कई चरणों में लाकडाउन लागू रहा। इससे नगर भी अछूता नहीं रहा। लिहाजा प्रयागराज के छोटे-छोटे व्यवसायियों ने भी पेटीएम के अलावा अन्य मोबाइल वालेट का इस्तेमाल शुरू किया ताकि उनके ग्राहकी पर असर न हो। ग्रामीण क्षेत्रों में भी युवा डिजटिल वॉलेट का इस्तेमाल करते देखे जा रहे हैं।

एक सर्वे के मुताबिक जिले का गंगापार इलाका हो या फिर यमुनापार ,गांव के लोग अब डिजिटल कैशलेस ट्रांजेक्शन को बढ़ावा देते हुए नजर आ रहे हैं। जिले के नवाबगंज थाना क्षेत्र के कौड़िहार दासापुर गांव की बात करें तो वहां पर अधिकतर दुकानों में बारकोड लगा हुआ है। वहां के ग्रामीण डिजिटल पेमेंट करते हुए नजर आए। गांव के ही रहने वाले आशीष त्रिपाठी ने बताया कि बीते 2 सालों से गाँव मे डिजिटल कैशलेस ट्रांजेक्शन का क्रेज बड़ा है। लोग अपने स्मार्टफोन मे ऐप डाउन करने के बाद वह डिजिटल ट्रांजेक्शन कर रहे हैं। पान की दुकान हो ,किराने की दुकान हो या फिर इलेक्ट्रॉनिक की दुकान हो अधिकतर लोगों ने ऑनलाइन पेमेंट करना शुरू कर दिया है।


अधिकतर लोग डिजिटल ट्रांजेक्शन का सहारा ले रहे हैं

सरायइनायत थाना क्षेत्र (Sarainayat police station area) के करनपुर गांव के निवासी अखिलेंद्र यादव का कहना है कि उनकी गांव में ही इलेक्ट्रिकल्स की दुकान है और उन्होंने भी ऑनलाइन पेमेंट के लिए बारकोड लगाया हुआ है ।अधिकतर लोग जो सामान खरीदने आ रहे हैं वह अब ऑनलाइन पेमेंट कर रहे हैं जिससे उनको कई लाभ होता है एक तो वह कैशलेस रहते हैं और बार बार बैंक या फिर एटीएम से पैसे निकालने का झंझट भी नहीं रहता है। इसी कड़ी में फरीद पुर गाँव के रहने वाले अनूप मिश्रा की किराने की दुकान है और वहां पर भी अधिकतर लोग डिजिटल ट्रांजेक्शन का सहारा ले रहे हैं। ऐसे में डिजिटल पेमेंट होने की वजह से ग्रामीण जमकर के सरकार की सराहना कर रहे हैं ।

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