Chandauli News: पुलिस की बड़ी कार्यवाही, कर्मचारियो की गढ़ी कमाई पर डाका डालने वाला क्लर्क गिरफ्तार

Chandauli News: पुलिस अधीक्षक ने बताया कि कई सालों से आरपीएफ का क्लर्क विभागीय सिपाहियों के फंड का पैसा अधिक बनाता था और जो सिपाहियों का मूल पैसा होता था उसे भेज देता था बाकी बढ़ा हुआ पैसा अपने एवं अपने पत्नी के खाते में भेजता था।

Report :  Ashvini Mishra
Update:2023-11-22 15:47 IST

Chandauli News (Pic:Newstrack)

Chandauli News: चंदौली जनपद के पंडित दीनदयाल उपाध्याय नगर रेल मंडल कार्यालय के आर पी एफ विभाग में तैनात क्लर्क युवराज सिंह सहयोगी सिपहिया के फंड का पैसा अपनी पत्नी एवं अपनी दूसरे खाते में भेजता था, जिसकी सूचना पुलिस अधीक्षक डॉक्टर अनिल कुमार को मिली तो उन्होंने मुगलसराय कोतवाली प्रभारी दीनदयाल पांडे को लगाया। जिसमें मामले का पर्दाफाश करते हुए मुगलसराय कोतवाली प्रभारी ने करोड़ों रुपए की हेरा फेरी करने वाले क्लर्क युवराज सिंह पुत्र रामराज को गिरफ्तार कर पूरे मामले का खुलासा किया।

ऐसे हुआ मामले का खुलासा

इस संबंध में पुलिस अधीक्षक ने बताया कि कई सालों से आरपीएफ का क्लर्क विभागीय सिपाहियों के फंड का पैसा अधिक बनाता था और जो सिपाहियों का मूल पैसा होता था उसे भेज देता था बाकी बढ़ा हुआ पैसा अपने एवं अपने पत्नी के खाते में भेजता था। इसका खुलासा आरपीएफ पंडित दीनदयाल उपाध्याय नगर में तैनात मोहम्मद मुजीब के खाते का बढ़ा पैसा अपनी पत्नी नीतू के खाते में ट्रांसफर नहीं कर पाया था। जिसकी शिकायत आरक्षि द्वारा हरिनारायण राम सहायक सुरक्षा आयुक्त रेलवे सुरक्षा बल पीडीडीयू नगर को किया गया। मामले की जांच के लिए जिसका बैंक पे स्लिप निकलवाया गया तो उसमें पूरा मामला खुला और अभियुक्त के पत्नी नीतू के नाम से 3 करोड़ 61 लाख 91 हजार 217 रुपया कर्मचारी गणों का पैसा उसकी पत्नी की खाते में ट्रांसफर करना पाया गया।

मामले की जांच जारी

मामले की गंभीरता को देखते हुए मुकदमा दर्ज किया गया और अभियुक्त को गिरफ्तार करते हुए अगली कार्यवाही की गई। इस संबंध में पंडित दीनदयाल उपाध्याय नगर आरपीएफ कमांडेंट जितिन बी राज ने बताया कि मामले की जांच विभागीय कमेटी द्वारा किया जा रहा है और अभियुक्त युवराज सिंह को प्राथमिक कार्रवाई के तहत तत्काल निलंबित कर दिया गया है। यह सिपाही 2006 में आरक्षि के पद पर नियुक्त हुआ था। उसके बाद मेडिकल अनफिट होने के कारण 2017 में क्लर्क के पद पर उसे नियुक्ति दी गई थी। वह अब कर्मचारी गणों का वेतन बनाता था उसके पास से इस मामले में प्रयोग किया गया एक आदद प्रिंटर, दो मोबाइल एक, क्रेटा गाड़ी भी बरामद हुई। फर्जीवाड़ी से अर्जित की गई पैसे से पत्नी के नाम से जमीन व शराब की दुकान भी आवंटित पाई गई है। सारे मामले की जांच की जा रही है और नियमानुसार कार्यवाही भी की जाएगी।

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