Chandauli News: जंगली क्षेत्र में पोस्टिंग वाले गुरुजी घर बैठे लेते हैं वेतन, शिक्षा विभाग में हो रहा बड़ा खेल

Chandauli News: अध्यापक अपने तैनाती के विद्यालय पर नौकरी नहीं करने जाते हैं। मगर वेतन हर महीने मिलता रहता है। इसमें शिक्षा विभाग की मिलीभगत भी सामने आई है।

Report :  Ashvini Mishra
Update: 2024-08-21 03:38 GMT

Chandauli News (Pic: Social Media)

Chandauli News: चंदौली जिले के दूरस्थ पहाड़ी क्षेत्र के नौगढ़ में शिक्षा विभाग में तैनात अध्यापक बिना पढ़ाए घर बैठकर वेतन ले रहे हैं। मामला प्रकाश में आने के बाद खंड शिक्षा अधिकारी अब विद्यालय चेक करने में जुट गए हैं। दर्जनों विद्यालय के ऐसे अध्यापक हैं जो विभाग से सेटिंग करके घर बैठे रहते थे और उनका वेतन हर महीने खाते में चला जाता था। इस मामले में खुलासा होने के बाद खंड शिक्षा अधिकारी नौगढ़ अब विद्यालयों की चेकिंग कर अपनी कार्यवाही दिखाने में जुटे हुए हैं। इसमें फरार रहने वाले विद्यालय के कुछ शिक्षकों की सूची भी है जो लोग शिक्षण कार्य नहीं करते हुए घर बैठे वेतन लेते हैं। उसमें से कुछ अंश विभाग के साहब लोगों को भी दिया करते हैं।

अध्यापक नहीं जा रहे सकूल

आपको बता दें कि बेसिक शिक्षा विभाग के अध्यापकों के लिए नौगढ़ पोस्टिंग होना उनके लिए एक अवसर की बात है और कुछ तो अध्यापक अपनी पोस्टिंग जान बूझकर नौगढ़ कराने में जुटे रहते हैं ताकि उन्हें नौकरी न करने की छूट मिल जाए । ऐसा ही मामला प्रकाश में आया है कि अध्यापक अपने तैनाती के विद्यालय पर नौकरी नहीं करने जाते हैं। इस मामले में जब खंड शिक्षा अधिकारी से पूछा गया तो वह इधर-उधर की बात कर अब कार्यवाही की बात एवं सुधार की बात कर रहे हैं।

18 से 20 शिक्षक घर बैठे ले रहे वेतन

जब ऐसे अध्यापकों की सूची बेसिक शिक्षामंत्री के पास पहुंची तो विभाग में हड़कंप मच गया और आगे की कार्यवाही होना शुरू हो गई । नौगढ़ ब्लॉक के शिक्षकों के भ्रष्टाचार को उजागर करने के लिए बकायदे शिकायती के पत्र में लिखा गया कि उस समय तैनात खंड शिक्षा अधिकारी नागेंद्र सरोज द्वारा ब्लॉक में नियुक्त लगभग 18 से 20 शिक्षकों से विद्यालय नहीं आने के लिए सहयोग में अच्छी रकम ली जा रही है ।

ट्रांसफर करा कर चले गए शिक्षा अधिकारी

इस शिकायती पत्र का हवाला देते हुए जैसे ही मंत्री जी ने विभाग को पत्र लिखा तो विभाग में भूकंप मच गया और चैनल वाइज चैनल पत्र आखिरकार मंडली सहायक शिक्षा निदेशक मंडल वाराणसी द्वारा तत्कालीन खंड विकास अधिकारी नागेंद्र सरोज को पत्र जारी किया गया। जिसमें शिकायत के क्रम में जांच आख्या उपलब्ध कराने के बारे में कहा गया। लेकिन उसी के दौरान खंड शिक्षा अधिकारी ने अपना ट्रांसफर करा कर चले गए और जांच अधर में ही लटक गई। लेकिन जब नए खंड शिक्षा अधिकारी आए तो फिर वही सिलसिला जारी रहा और अध्यापक अपने मंसूबे को अमली जामा पहुंचाने जुटे रहे। स्कूल खुलने के बाद यह काम आज भी जारी है।

खंड विकास अधिकारी का बयान

इस संबंध में खंड शिक्षा अधिकारी सुरेंद्र प्रताप सहाय ने बताया कि मेरे द्वारा जांच की जा रही है। पांच अध्यापक अनुपस्थित पाए गए हैं। जल्द ही जिला स्तर से टीम गठित कर सभी की जांच की जाएगी। लेकिन अधिकारी द्वारा महीना लेने के बारे में पूछे जाने पर वह मामले से कन्नी काटते हुए नजर आए और कहा कि जल्द ही हम इस मामले को ठीक कर देंगे और सभी लोग नौकरी करेंगे।

गायब रहने वाले अध्यापकों की सूची

मोहम्मद शाहनवाज प्राथमिक विद्यालय नौवादी, अवनीश कंपोजिट विद्यालय बरबसपुर, शनि सिंह प्राथमिक विद्यालय शाहपुर ,संदीप राय कंपोजिट विद्यालय शमशेरपुर, अजीत सिंह कंपोजिट विद्यालय गढ़वा, पीयूष सिंह कंपोजिट विद्यालय गढ़वा, अमित वर्मा प्राथमिक विद्यालय गोलाबाद ,राजेश यादव प्राथमिक विद्यालय अमदाहा, अरुण राय कंपोजिट विद्यालय बैरगढ़, गौरव गुप्ता कंपोजिट विद्यालय धनकुंवारीकला, प्रदीप चंचल प्राथमिक विद्यालय पड़रिया, मुंशी सिंह यादव प्राथमिक विद्यालय औरवाटाड,ओम नारायण सिंह यादव प्राथमिक विद्यालय धवथवा, वैभव साहनी प्राथमिक विद्यालय होरीला, दिलीप यादव प्राथमिक विद्यालय मैराहवा, राजकुमार विश्वकर्मा प्राथमिक विद्यालय परसहवा तथा सत्य प्रकाश यादव प्राथमिक विद्यालय वृंदावन सहित कुछ अध्यापक ऐसे हैं जिन के नाम सामने नहीं आए लेकिन वह भी स्कूल नहीं आने तथा वेतन पाने की सूची में शामिल हैं।

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