ब्यूरोक्रेसी में बदलाव की आहट, अप्रैल में आलोक सिन्हा और अगस्त में अवनीश अवस्थी का रिटायरमेंट
UP Government: यूपी में शासन स्तर पर बहुत कम बदलाव होने की संभावना है पर जिलों में कुछ बदलाव संभव है।
UP Government: उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव के बाद बनी योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में भाजपा सरकार में अफसरशाही में बदलाव को लेकर तैयारी की जा रही है। हर चुनाव के बाद परम्परागत ढंग से होने वाले ब्यूरोक्रेसी में बदलाव को लेकर हांलाकि अभी तक तस्वीर पूरी तरह से साफ नहीं है। कहा जा रहा है कि शासन स्तर पर बहुत कम बदलाव होने की संभावना है पर जिलों में कुछ बदलाव संभव है। विधानपरिषद चुनाव की अधिसूचना के चलते अब तक इस दिशा में कोई काम नहीं किया गया है, पर 12 अप्रैल को चुनाव परिणाम आने के बाद इस दिशा में फेरबदल अवश्वसंभावी है।
सत्ता के गलियारों में इस बात की चर्चा है कि चुनाव के दौरान जिलों में भाजपा कार्यकर्ताओं की तरफ से प्रशासनिक अधिकारियों की शिकायतें आई हैं। उन्हे कम महत्वपूर्ण विभाग में भेजा जा सकता है। इसमें डीएम सीडीओसे लेकर एडीएम आदि शामिल हैं।
विशेष बात यह है कि प्रशासनिक ढांचा बनाने के लिए इस बात का भी ख्याल रखना पडे़गा कि कितने अधिकारियों का इस साल रिटायरमेंट होने को है। वैसे जिन अधिकारियों का रिटायरमेंट इस साल होना है उनमें से अधिकतर अधिकारियों को जुलाई महीने में है।
इनमें अप्रैल में आलोक सिन्हा, मुकुल सिंघल, एमवीएस रामीरेड्डी, प्रभात कुमार सारंगी व शमीम अहमद खान मई में मई वीरेंद्र कुमार सिंह व डॉ. रमाशंकर मौर्या, जून में राजेंद्र प्रसाद, रविशंकर गुप्ता, भावना श्रीवास्तव व फैसल आफताब जुलाई में नरेंद्र सिंह पटेल, डॉ. अजय शंकर पांडेय, दिनेश कुमार सिंह-द्वितीय व डॉ. अशोक चंद्र अगस्त में अवनीश कुमार अवस्थी सितंबर में आलोक टंडन व डिंपल वर्मा अक्तूबर में डॉ. प्रदीप कुमार नवंबर में शालिनी प्रसाद, राजन शुक्ला, राधेश्याम मिश्रा व दीप चंद्र तथा दिसंबर में श्रीकांत मिश्रा में रिटायर होना है।