मुख्य सचिव ने पहले ही किया ऐलान, किन जिलों का कब करेंगे औचक निरीक्षण

Update: 2016-07-19 10:20 GMT

लखनऊ: औचक निरीक्षण का मतलब है विकास कामों की जस की तस हकीकत जानना। औचक या सरप्राइज इसलिए ताकि दिखावे के लिए कोई काम या कागजी आंकड़ों की हेराफेरी न हो सके। लेकिन अपनी यूपी के चीफ सेक्रेटरी दीपक सिंघल का औचक निरीक्षण अलग तरह का है। उन्होंने अपनी विजिट से एक दिन पहले सोमवार को ही डंका पीट दिया कि वह मंगलवार को इन दो जिलों के औचक निरीक्षण पर रहेंगे।

बता दिए जिलों के नाम

-इतना ही नहीं मीडिया में जारी प्रेस रिलीज के मुताबिक चीफ सेक्रेटरी का कार्यक्रम पहले से तय था।

-कार्यक्रम में बता दिया गया था कि उन्हें अलीगढ़ और फर्रूखाबाद के जिलों में तहसील और थानों का औचक निरीक्षण करना है।

-रिलीज में यह भी बताया गया था कि सिंघल वहां जनप्रतिनिधियों से मिलेंगे।

-अब ऐसे में, जबकि कार्यक्रम पहले से तय था और उसकी घोषमा कर दी गई तो इसे औचक निरीक्षण कहने का मतलब क्या था?

-ब्यूरोक्रेसी और राजनीतिक हलकों में इसे चीफ सेक्रेटरी की वाहवाही लूटने की तरकीब माना जा रहा है।

पहले भी हुए हैं ऐसे औचक निरीक्षण

-यह कोई नई बात नहीं है। इसके पहले भी औचक निरीक्षण के कार्यक्रम तय समय के मुताबिक होते रहे हैं और बाकायदा विजिट के एक दिन पहले इसकी घोषणा भी की जाती रही है।

-कहा जा रहा है कि यह दौरे ठीक उसी तरह से हैं जैसे स्क्रिप्ट तैयार हो और सिर्फ उस पर एक्ट करना हो।

चार साल बाद भी नहीं सीखे जनाब

-रिटायर्ड आईएएस सूर्य प्रताप सिंह ने अपने फेसबुक वाल पर सरकार पर करारा प्रहार करते हुए लिखा है कि चार साल बाद भी आप मुख्य सचिव की नियुक्ति करना नहीं सीख सके।

-परोक्ष रूप से मुख्यमंत्री पर हमला करते हुए सूर्य प्रताप सिंह ने लिखा है कि जब किसी में 'लर्निंग' की क्षमता ही न हो तो क्या किया जाये, जनाव ... चलो यदि दोबारा मौका भी दे दें, तो फिर कहेंगे कि अभी और कमी रह गयी।

-सूर्य प्रताप सिंह ने पूछा है कि ..क्या आपने गरीब उ.प्र. की जनता को अपना 'एक्सपेरिमेंटल मटेरियल' समझ रखा है?

जो तुमको हो पसंद...

-जो तुमको हो पसंद, वही बात करेंगे। यूपी के प्रशासनिक मुखिया ने कुछ ऐसा ही राग छेड़ा है।

-यानि की जिलों के प्रशासनिक अधिकारियों को जिस तरह अपना काम दिखाने में आसानी हो। वैसा ही काम करेंगे।

-कहा जा रहा है कि इसी को देखते हुए औचक निरीक्षण के पहले प्रेस रिलीज जारी कर सबको बताया दिया गया है।

-अब इसी घोषणा के अनुसार जिलों के प्रशासनिक अधिकारियों ने निरीक्षण की तैयारी की है। ''सांप भी मर जाए और लाठी भी न टूटे।'' यह कहावत इस औचक निरीक्षण पर बिल्कुल सटीक बैठती है।

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