Sonbhadra News: बालिका वधू बनने से बची किशोरी, चाइल्डलाइन ने रोकवाया विवाह

Sonbhadra News: चाइल्ड लाइन (child line) और जिला बाल संरक्षण विभाग की टीम की तरफ से दिखाई गई तत्परता के चलते शनिवार को एक किशोरी बालिका वधू बनने से बच गई।

Published By :  Shashi kant gautam
Update:2022-05-14 22:09 IST

सोनभद्र: चाइल्डलाइन ने रोकवाया नाबालिग लड़की की शादी

Sonbhadra News: चाइल्ड लाइन (child line) और जिला बाल संरक्षण विभाग (child protection department) की टीम की तरफ से दिखाई गई तत्परता के चलते शनिवार को एक किशोरी बालिका वधू बनने से बच गई। मामला रामपुर बरकोनिया थाना क्षेत्र से जुड़ा बताया जा रहा है। बाल विवाह अपराध होने की जानकारी देने के बावजूद चोरी छुपे विवाह करा देने की स्थिति को देखते हुए, बालिका को विधिक संरक्षण में जिला मुख्यालय ले आया गया। यहां उसे जिला बाल कल्याण समिति के सामने पेश किया जाएगा। वहां से मिले निर्देश के क्रम में बालिका बालवीर में दाखिल करने की प्रक्रिया अपनाई जाएगी।

शनिवार की दोपहर चाइल्ड लाइन (1098) पर सूचना मिली थी रामपुर बरकोनिया थाना क्षेत्र के करौदिया ग्राम पंचायत के एक टोले में नाबालिग लड़की की शादी घोरावल थाना क्षेत्र के एक गांव के रहने वाले काफी अधिक उम्र के व्यक्ति से कराए जाने की तैयारी चल जिला बाल संरक्षण अधिकारी पुनीत टंडन को दी गई।


शादी करने की तैयारी चल रही थी

सूचना मिलते ही उन्होंने महिला शक्ति केंद्र की जिला समन्वयक साधना मिश्रा, सीमा द्विवेदी, जिला बाल संरक्षण इकाई से बाल संरक्षण अधिकारी गायत्री दुबे, ईओडब्ल्यू शेषमणि दुबे की मौजूदगी वाली टीम का गठन कर तत्काल मौके पर पहुंचने के निर्देश दिए। इसके बाद टीम, रामपुर बरकोनिया पुलिस से समन्वय स्थापित करते हुए विवाह स्थल पर पहुंची। वहां शादी करने की तैयारी चल रही थी।

इस पर टीम ने पूरी जानकारी लेने के बाद बालिका के माता, पिता से उसकी उम्र के संबंध में साक्ष्य मांगा। जो साथ मिला, उसके आधार पर उम्र 16 वर्ष पाई गई। 18 वर्ष से कम उम्र की लड़की की शादी किया जाना अपराध बताते हुए तत्काल विवाह रोक दिया गया। वहां मौजूद लोगों को भी कार्रवाई की चेतावनी दी गई। उन्हें बाल विवाह से होने वाले हानियों के बारे में बताया गया।

बालिग होने तक शिक्षा दीक्षा की व्यवस्था

टीम के मुताबिक परामर्श के उपरांत भी बालिका की एक-दो दिन बाद चोरी-छिपे शादी करा देने की स्थिति को देखते हुए, उसे विधिक संरक्षण में ले लिया गया। जिला मुख्यालय पर उसे बाल कल्याण समिति के सामने प्रस्तुत किया जाएगा वहां से निर्देश मिलने के उपरांत बालिका बाल गृह में दाखिल किया जाएगा। बालिग होने तक यहीं पर उसके शिक्षा दीक्षा की व्यवस्था की जाएगी। 

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