Privatization Oppose: बिड ओपनिंग का विरोध, बिजली कर्मियों ने शक्ति भवन घेरा, 15 मार्च तक बढ़ाई गई बिड खोलने की तारीख
Privatization Oppose: बिड खोले जाने के विरोध में आज बिजली कर्मचारियों ने शक्ति भवन घेर लिया । बिजली कर्मियों के विरोध के चलते टेक्निकल बिड नहीं खोली जा सकी।;
Electricity Employees Oppose News (Image From Social Media)
Privatization Oppose: पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम एवं दक्षिणांचल विद्युत वितरण निगम के निजीकरण हेतु ट्रांजैक्शन कंसलटेंट नियुक्त करने के लिए टेक्निकल बिड खोले जाने के विरोध में आज बिजली कर्मचारियों ने शक्ति भवन घेर लिया । बिजली कर्मियों के विरोध के चलते टेक्निकल बिड नहीं खोली जा सकी। बिड खोलने की तारीख 15 मार्च तक बढ़ाई गई है। संघर्ष समिति के आह्वान पर आज प्रदेश भर में बिजली कर्मचारियों ने जोरदार विरोध प्रदर्शन किया।
राजधानी लखनऊ में आज सुबह से ही सभी कार्यालयों के बिजली कर्मचारी और अभियंता शक्ति भवन पहुंचने लगे और बिड खोलने के निर्धारित समय से पहले शक्ति भवन को घेर लिया। राजधानी लखनऊ के अलावा प्रदेश के समस्त जनपदों और परियोजना मुख्यालयों पर भी आक्रोशित बिजली कर्मचारियों ने भोजन अवकाश के दौरान जोरदार विरोध प्रदर्शन किए।
संघर्ष समिति के पदाधिकारियों ने कहा कि बिजली का निजीकरण जिस प्रकार से किया जा रहा है वह प्रक्रिया पूरी तरह से गैरकानूनी है। निजीकरण हेतु ट्रांजैक्शन कंसलटेंट नियुक्त करने की निविदा में कनफ्लिक्ट आफ इंटरेस्ट (हितों के टकराव) के प्राविधान को हटा दिया गया है। यह सीबीसी की गाइडलाइंस का उल्लंघन है। ऐसा करने से यह आभास मिल रहा है कि निजीकरण के पीछे कोई जनहित नहीं है बहुत बड़ा घोटाला होने वाला है।
संघर्ष समिति ने ऐलान किया है कि 15 मार्च को प्रदेश के समस्त जनपदों परियोजना मुख्यालयों और राजधानी लखनऊ में और बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन किए जाएंगे। निजीकरण के विरोध में समस्त जनपदों और परियोजनाओं पर विरोध के कार्यक्रम जारी रहेंगे। साथ ही माननीय जन प्रतिनिधियों को ज्ञापन दो अभियान चलाया जाएगा जिसके तहत बिजली कर्मी समस्त जनपदों में माननीय सांसदों और माननीय विधायकों को निजीकरण के विरोध में ज्ञापन देंगे।
आज राजधानी लखनऊ के अलावा वाराणसी, आगरा, मेरठ, कानपुर, गोरखपुर, प्रयागराज, मिर्जापुर, आजमगढ़, बस्ती, अलीगढ़, मथुरा, एटा, झांसी, बांदा, बरेली, देवीपाटन, अयोध्या, सुल्तानपुर, हरदुआगंज, पारीछा, ओबरा, पिपरी और अनपरा में विरोध प्रदर्शन किए गए।