Lucknow News: सरकार की मिलीभगत से प्राइवेट मेडिकल कॉलेजों में हो रही वसूली, 'संविधान संरक्षण मंच' ने खुलासा कर लगाए गंभीर आरोप

Lucknow News: प्रदेश के निजी मेडिकल कॉलेजों और चिकित्सा शिक्षा विभाग की मिलीभगत से चिकित्सा शिक्षा को अमीरों तक सीमित करने की साज़िश रची जा रही है...;

Update:2025-03-10 13:51 IST

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Lucknow News: उत्तर प्रदेश में निजी मेडिकल कॉलेजों में व्यवस्थाएं और फीस वसूली के आरोपों से जुड़े मामले कई बार सामने आते हैं। तेजी से लग रहे इन आरोपों को लेकर प्रशासन और सरकार अभी तक पूरी तरह से गंभीर नहीं हुई है। इन्हीं मामलव को लेकर सोमवार को लखनऊ में संविधान संरक्षण मंच की ओर से मेडिकल शिक्षा में फीस के नाम पर हो रही लूट का खुलासा करते हुए एक प्रेसवार्ता का आयोजन किया गया। इस दौरान संविधान संरक्षण मंच के राष्ट्रीय संयोजक गौतम राणे सागर ने गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि प्रदेश के निजी मेडिकल कॉलेजों और चिकित्सा शिक्षा विभाग की मिलीभगत से चिकित्सा शिक्षा को अमीरों तक सीमित करने की साज़िश रची जा रही है।

'फीस में लूट का का मसला सिर्फ आर्थिक शोषण बल्कि मौलिक अधिकार का हनन'

राष्ट्रीय संयोजक गौतम राणे सागर ने प्रेस वार्ता में कहा कि प्रदेश सरकार के द्वारा एक समान ट्यूशन फ़ीस निर्धारित करने के बजाए निजी मेडिकल कॉलेजों को मनमाने ढंग से ट्यूशन फ़ीस अलग-अलग निर्धारित करने की छूट दी गई है। उनका कहना है कि फीस के नाम पर हो राशि लूट का ये मामला सिर्फ़ आर्थिक शोषण तक ही सीमित नहीं है, बल्कि शिक्षा के मौलिक अधिकार का उल्लंघन भी है। गौतम राणे सागर के अनुसार, कोर्ट की ओर से साल 2024 में आदेश दिया गया था कि फीस विनियमन समिति का गठन कर ट्यूशन फ़ीस समान रूप से तय करते हुए सर्वग्रहीय बनाया जाए। इस आदेश के चलते प्रदेश के चिकित्सा शिक्षा विभाग ने समिति गठित तो की, लेकिन मनमाने तरीके से अलग-अलग कॉलेजों की अलग-अलग फ़ीस निर्धारित कर दी।

किसी मेडिकल कॉलेज में 16 तो किसी में 12 लाख तक की हो रही वसूली

संविधान संरक्षण मंच की ओर से प्रेसवार्ता में यूपी के अलग अलग जिलों में संचालित मेडिकल कॉलेजों की फीस का ब्यौरा रखते हुए बताया गया कि बरेली के श्री राम मूर्ति स्मारक इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज में ट्यूशन फीस के नाम पर 16.48 लाख रुपये सालाना वसूले जा रहे हैं। वहीं, सीतापुर के हिन्द इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज में ट्यूशन फीस के नाम पर 10.77 लाख रुपये और गोरखनाथ मेडिकल कॉलेज व केएमसी मेडिकल कॉलेज समेत अन्य कई कॉलेजों में भी ट्यूशन फीस के नाम पर 12.58 लाख रुपये के आसपास प्रति वर्ष वसूले जा रहे हैं।

'जब छात्र संख्या और पाठ्यक्रम एक है तो ट्यूशन फीस एक क्यों नहीं'

उनका कहना है कि सभी मेडिकल कॉलेजों का पाठ्यक्रम, भवन मानक, छात्र संख्या, शिक्षकों की आवश्यक संख्या समान रूप से निर्धारित है। इतना ही नहीं, छात्रावास, मेस और अन्य शुल्क समान रूप से निर्धारित किए गए हैं तो ट्यूशन फीस में इतनी असमानता क्यों हैं। ये किसी बड़े घोटाले की ओर इशारा करता है। मोके पर गौतम राणे सागर ने सरकार को चेतावनी देते हुए कहा कि यदि शासन इस मसले पर संविधान सम्मत निर्णय नहीं लेता है तो मंच लोकतांत्रिक तरीकों से न्याय के लिए संघर्ष करेगा।

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