चिन्मयानंद प्रकरण में छात्रा की गिरफ्तारी पर विपक्ष का चौतरफा हमला
लखनऊ। चिन्मयानंद प्रकरण में छात्रा की गिरफ्तारी पर विपक्ष का चौतरफा हमला को मुद्दा बनाते हुए समूचा विपक्ष लामबंद हो गया है। इस मामले में अखिलेश ने जहां दोहरे चरित्र वाली और जुमला पार्टी का तंज किया तो वृंदा करात, सुभाषिनी अली छात्रा से मिलने शाहजहांपुर गईं वहीं कांग्रेस के नेता सुप्रिया श्रीनेत ने भाजपा के एक दर्जन विधायकों को बलात्कारी बताया है।
लखनऊ। चिन्मयानंद प्रकरण में छात्रा की गिरफ्तारी पर विपक्ष का चौतरफा हमला को मुद्दा बनाते हुए समूचा विपक्ष लामबंद हो गया है। इस मामले में अखिलेश ने जहां दोहरे चरित्र वाली और जुमला पार्टी का तंज किया तो वृंदा करात, सुभाषिनी अली छात्रा से मिलने शाहजहांपुर गईं वहीं कांग्रेस के नेता सुप्रिया श्रीनेत ने भाजपा के एक दर्जन विधायकों को बलात्कारी बताया है।
उपचुनाव के ठीक पहले मुद्दे ने तूल पकड़ा
गौरतलब है कि दो राज्यों के विधानसभा चुनाव और कई राज्यों की करीब 64 विधानसभा सीटों के उपचुनाव से ठीक पहले हुए इस मामले ने भाजपा की मुश्किलें बढ़ा दी हैं। सूबे में भी 11 विधानसभा सीटों पर भी उपचुनाव होने हैं। इस मामले में अटल सरकार में केंद्रीय गृह राज्य मंत्री रहे स्वामी चिन्मयानंद पर यौन शोषण का आरोप लगाने वाली छात्रा की रंगदारी मांगने के मामले में बुधवार को गिरफ्तारी पर विपक्ष आक्रामक हो गया है।
चिन्मयानंद केस: पूर्व सांसद वृंदा करात पीङिता के परिवार के साथ जिला जेल पहुंची
बेटी को जेल भेजना शर्मनाकः अखिलेश
सोशल मीडिया पर बेहद सक्रिय समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने गुरुवार को छात्रा के पक्ष में ट्वीट किया है। उन्होंने भाजपा पर कटाक्ष भी किया है। अखिलेश यादव ने कहा कि भाजपा नेता के खिलाफ साहस दिखाते हुए आवाज उठाने वाली बेटी को ही एक अन्य मामले में जेल भेजकर इस पार्टी ने अपना असली चेहरा दिखा दिया है। आज देश की हर बेटी, बहन और मां छात्रा को जेल भेजने के इस शर्मनाक कृत्य से दुखी है और लोग कह रहे हैं देश में सब अच्छा है। भाजपा का यह कृत्य तो बेहद निंदनीय है। भाजपा का बेटी बचाओ भी आखिरकार एक जुमला ही साबित हुआ।
वृंदा करात व सुभाषिनी अली जेल में छात्रा से मिलीं
इधर, सीपीआई की राज्यसभा सांसद वृंदा करात और लोकतांत्रिक महिला संघ की अध्यक्ष सुभाषिनी अली गुरुवार को शाहजहांपुर पहुंचीं। इस दौरान उन्होंने पीड़ित छात्रा से जेल में मुलाकात की। मुलाकात के बाद दोनो नेत्रियों ने मीडिया से कहा कि पीड़ित छात्रा के रेप केस का मुकदमा गंभीर धाराओं में दर्ज नहीं किया गया है। एसआईटी ने पीड़िता की एफआईआर बहुत कमजोर धाराओं में दर्ज की है। इतना ही नहीं ब्लैकमेलिंग मामले में पीड़िता की गिरफ्तारी में एसआईटी की पुलिस ने दुर्व्यवहार किया। वृंदा करात ने मांग की कि चिन्मयानंद पर दूसरा केस के चलते उन पर सख्त कार्रवाई हो।
दुष्कर्म का मामला क्यों नहीं दर्ज हुआ अबतक
मीडिया से रूबरू होते हुए बृंदा करात ने कहा कि मामले की जांच कर रही एसआईटी द्वारा पीड़ित युवती के बयानों के बाद भी दुष्कर्म का मामला दर्ज न करना जांच में सबसे बड़ी कमी है। सुप्रीम कोर्ट के हस्तक्षेप के बाद पीड़ित युवती ने 7 सितम्बर को दिल्ली पुलिस को दिए बयानों में स्वामी चिन्मयानंद पर साफ साफ दुष्कर्म करने का आरोप लगाया था। जिसके बाद वो रिपोर्ट यहां भेज दी गई थी। लेकिन एसआईटी ने स्वामी चिन्मयानंद के खिलाफ दुष्कर्म का मामला दर्ज नही किया। बल्कि चिन्मयानंद को बचाने और केस को कमजोर करने के लिए 376(C) लगा दी।
साक्ष्य कैसे गायब हो गए
उन्होंने कॉलेज प्रशासन पर मिलीभगत का आरोप लगाते हुए कहा कि पीड़ित युवती ने होस्टल के कमरे में चश्मा व महत्वपूर्ण साक्ष्य होना बताया था। जिसके बाद एसआईटी की निगरानी में वो सील कर दिया गया। इसके बाबजूद वो सभी साक्ष्य वहां से गायब हो गए। एसआईटी ने भी माना है कि कुछ महत्वपूर्ण साक्ष्य गायब हुए है। इससे साफ जाहिर है कि कही न कही कॉलेज प्रशासन इसके लिए जिम्मेदार है।
बलात्कारियों की मदद व पीड़ित को तंग करना बंद करो
उन्होंने कहा कि राजनीति करो,लेकिन बलात्कारियों की मदद करना, पीड़ित परिवार को तंग करना और उनका मुकदमा दर्ज न करना यहां सब बंद होना चाहिए। एक तरफ दुष्कर्म पीड़ित का मुकदमा दर्ज नही किया जा रहा है तो दूसरी तरफ उसपर रंगदारी मांगने का आरोप लगा है। यह सब उसकी हिम्मत को तोड़ने के लिए किया जा रहा। उन्होंने कहा कि वो पीड़ित युवती के साथ ही और उसको न्याय दिलाने के लिए हर स्तर पर मदद करेंगी।
चिन्मयानंद केस: आरोप लगाने वाली छात्रा को 14 दिन की न्यायिक हिरासत
बृंदा करात ने बताया कि वो एसआईटी टीम से मिली थी और पीड़ित युवती के मामले को लेकर एक ज्ञापन भी एसआईटी को सौंपा है। जिसमें उन्होंने मांग की है कि आरोपी चिन्मयानंद के खिलाफ 376(1), 376(2), (एफ), (के), (एन) के तहत मुकदमा दर्ज किया जाए, साथ ही सील कमरे से चश्मा व महत्वपूर्ण साक्ष्य गायब करने को लेकर कॉलेज प्रशासन और चिन्मयानंद के खिलाफ 201 के तहत एफआईआर दर्ज की जाए।
भाजपा के 12 सांसद-विधायक हैं बलात्कारीः सुप्रिया श्रीनेत
उधर अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी की प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनेत ने भी हमला करते हुए कहा है कि भाजपा के 12 ऐसे सांसद-विधायक हैं जिनके खिलाफ महिलाओं के प्रति दुष्कर्म के आरोप दर्ज हैं। नारी सुरक्षा को लेकर जहां सवाल उठाये जा रहे हैं विगत 13 मार्च 2019 को उ0प्र0 में मुख्यमंत्री ने खुद सदन में बताया कि अप्रैल 2017 से जनवरी 2018 तक किस तरह आपराधिक घटनाओं में वृद्धि हुई है- बलात्कार में 25 प्रतिशत, अपमान जनक घटनाओं में 40 प्रतिशत, अपहरण में 35 प्रतिशत तथा छेड़छाड़ में 50 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। महिलाओं के खिलाफ अपराध के मामले में देश में उत्तर प्रदेश प्रथम स्थान पर है। यह एक सर्वे में आया है।
चिन्मयानंद की PGI में हुई एंजियोग्राफी, सीने में तकलीफ के बाद कराया गया था भर्ती
सुप्रिया श्रीनेत योगी सरकार परआरोप लगाया कि उ.प्र. में अराजकता और कानून-व्यवस्था दिनों-दिन नई मिसाल बनती जा रही है। हमारे प्रदेश के ऐसे व्यक्ति के खिलाफ रेप का आरोप है जो तीन बार सांसद और देश के गृह राज्यमंत्री रह चुके हैं।
आरोपी बाहर, पीड़ित जेल में
उन्होंने पीड़िता का धारा 164 के तहत मजिस्ट्रेट के समक्ष दिये गये बयान में डेढ़ वर्ष तक यौन शोषण किये जाने की बात कही गयी इसके बाद भी उ.प्र. की योगी सरकार द्वारा कोई कार्यवाही न करने के बाद बार-बार पीड़िता द्वारा कार्यवाही न होने पर आत्मदाह करने की धमकी देने के उपरान्त बलात्कार की धारा 376 के बजाय 376 सी व अन्य कमजेार धाराओं में चिन्मयानन्द पर मुकदमा दर्ज कर जेल भेजा गया किन्तु कृष्णपाल उर्फ चिन्मयानन्द आज एसजीपीजीआई लखनऊ में इलाज कराने के नाम पर ए.सी. कमरे में आराम कर रहे हैं और पीड़िता को तथाकथित मौखिक बयान के आधार पर वसूली के आरोप में जेल में निरूद्ध कर दिया गया है। आरोपी बाहर और पीड़ित जेल में।
आरोपी को बचाने का प्रयास
सवाल यह उठता है रेप पीड़िता द्वारा न्याय की गुहार लगाये जाने और 40 से अधिक वीडियो एसआईटी को सौंपने के बाद भी रेप की धाराओं में मुकदमा नहीं दर्ज किया गया अब प्रश्न यह है कि जब तक कृष्णपाल सिंह उर्फ चिन्मयानन्द पर रेप का आरोप नहीं लगा तब तक जबरन वसूली का मामला क्यों नहीं उठाया गया। वास्तव में शुरू से ही इस मामले में प्रदेश की योगी सरकार कार्यवाही करने के नाम पर हीला हवाली करती रही और आरोपी को बचाने का प्रयास करती रही है।
उन्होने कहा कि रेप की धारा 376 और 376सी में जमीन आसमान का अंतर है। यह सवाल इसलिए उठा रही हूं कि चिन्मयानन्द के खिलाफ आरोप कम किये जा रहे हैं ऐसा क्यों हो रहा है? क्यों जब रेप का मामला आता है तेा बाद में वसूली का भी मामला आता है।
एसआईटी ने मौखिक तथाकथित बयान पर जबरन वसूली का मुकदमा दर्ज किया गया जबकि चिन्मयानन्द पर क्यों बलात्कार का मुकदमा दर्ज नहीं किया गया?
कांग्रेस पार्टी मांग करती है कि कृष्णपाल सिंह उर्फ चिन्मयानन्द की मेडिकल बुलेटिन एसजीपीजीआई द्वारा जारी की जाए जिससे पता चल सके कि उन्हें क्या बीमारी है और क्या इलाज चल रहा है? प्रेसवार्ता में कांग्रेस विधानमंडल दल की उपनेता आराधना मिश्रा‘मोना’ भी मौजूद रहीं।