Chitrakoot News: 188 दिन बाद जेल से रिहा हुई निखत बानो, पति से मुलाकात मामले में भेजी गई थी जेल
Chitrakoot News: निखत बानो को कई दिन पहले सुप्रीम कोर्ट से जमानत मिल गई थी। गुरुवार को ट्रायल कोर्ट से रिहाई आदेश परवाना जिला कारागार को मिलने के बाद देर रात कड़ी सुरक्षा के बीच उसकी रिहाई हुई। बाहर निकलते ही उसने सबसे पहले अपने बेटे गाजी को गोद में लिया। उसे लेने उसके भैया और भाभी आए थे।
Chitrakoot News: माफिया मुख्तार अंसारी की बहू निखत बानो पति से जेल में बेरोकटोक मुलाकात करने के जुर्म में सुप्रीम कोर्ट से जमानत मिलने के बाद गुरुवार की देर रात करीब 10:15 बजे जिला कारागार चित्रकूट से रिहा हुई। निखत बानो को जिला कारागार में 188 दिन बंदी बन कर रहना पड़ा। गिरफ्तारी से पहले इसी जेल में निखत बानो के आने जाने पर जेल प्रशासन की मिलीभगत से कोई रोक-टोक नहीं थी। निखत बानो ने मुख्यालय कर्वी में उस दौरान ही डेरा डाल दिया था, जब पति विधायक अब्बास अंसारी को नैनी जेल से चित्रकूट जिला कारागार शिफ्ट किया गया था।
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जिस जेल में हुई थी गिरफ्तार, वहीं पर रहना पड़ा बंदी बनकर
निखत ने मुख्यालय में सपा नेता की मदद से कपसेठी स्थित विकास नगर में किराए पर मकान भी ले लिया था। जेल में कैंटीन संचालक के जरिए उसने जेल अफसरों से सेटिंग की और पति से रोजाना बेरोकटोके मुलाकात करने लगी। उसकी मुलाकात का सिलसिला करीब दो माह तक चलता रहा। आखिरकार इसकी भनक एसपी वृन्दा शुक्ला को लग गई। बीते 10 फरवरी को डीएम अभिषेक आनंद व एसपी वृंदा शुक्ला ने जिला कारागार में छापेमारी की। जिसमें जेल प्रशासन की ओर से उपलब्ध कराए गए वीआईपी कमरे में निखत बानो को गिरफ्तार किया गया। जिस जेल में निखत बानो पति से गैरकानूनी मुलाकात में पकड़ी गई, उसी में उसे 188 दिन बंदी बनाकर बिताना पड़ा। आखिरकार सुप्रीम कोर्ट से जमानत मिलने के बाद गुरुवार की देर रात निखत बानो जेल से रिहा हुई। निखत बानो को लेने के लिए उनके भाई और भाभी जिला कारागार पहुंचे थे।
जेल से बाहर निकलते ही बेटे को दौड़कर गले से लगाया
निखत बानो को कई दिन पहले सुप्रीम कोर्ट से जमानत मिल गई थी। गुरुवार को ट्रायल कोर्ट से परवाना जिला कारागार को मिलने के बाद देर रात कड़ी सुरक्षा के बीच रिहाई हुई। जिला कारागार में निखत बानो के भाई व भाभी उसके मासूम बेटे को लेकर पहुंचे थे। जेल के मुख्य गेट से निखत जैसे ही बाहर निकली तो भाभी की गोद में उसका बेटा नजर आया। वह दौड़कर भाभी के पास पहुंची और बेटे को गोद में लेकर गले लगा लिया। उसकी आंखों से खुशी के आंसू छलक उठे। इसके बाद वह भाई व भाभी के साथ वाहन में बैठकर रवाना हो गई।