Chitrakoot News: धर्मनगरी चित्रकूट में उमड़ा शिवभक्तों का सैलाब, तीन बजे से ही शिवालयों में गूंजा हर-हर महादेव
Chitrakoot News: रामघाट स्थित मत्तगयेन्द्रनाथ मंदिर में जलाभिषेक के लिए सावन माह के हर सोमवार को लाखों शिवभक्तों की भीड़ उमड़ती है। इसको देखते हुए भीड़ को नियंत्रित करने के लिए पुलिस प्रशासन ने मंदिर प्रबंधन के साथ मिलकर पहले से ही रणनीति बनाकर इंतजाम किए थे।
Chitrakoot News: सावन माह के पहले सोमवार को भगवान राम की तपोभूमि धर्मनगरी चित्रकूट में आस्थावानों का सैलाब उमड़ पड़ा। शिवालयों मंे हर-हर महादेव के जयकारे लगाते लाइन में तड़के से ही लग गए थे। रामघाट स्थित महाराजाधिराज मत्तगयेन्द्रनाथ मंदिर में शिवभक्तों की भीड़ इस कदर रही कि प्रशासन को संभालना मुश्किल हो रहा था। मंदाकिनी तट से मंदिर की सीढि़यों में ऊपर तक कई लाइनों में लगे शिवभक्त जलाभिषेक करने का इंतजार कर रहे थे।
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रामघाट स्थित मत्तगयेन्द्रनाथ मंदिर में जलाभिषेक के लिए सावन माह के हर सोमवार को लाखों शिवभक्तों की भीड़ उमड़ती है। इसको देखते हुए भीड़ को नियंत्रित करने के लिए पुलिस प्रशासन ने मंदिर प्रबंधन के साथ मिलकर पहले से ही रणनीति बनाकर इंतजाम किए थे। इसके लिए यहां पर प्रशासन ने रुट डायवर्जन भी किया है। मुख्य मार्ग में वाहन खड़ा करने के बाद श्रद्धालुओं को रामघाट तक पैदल जाने की व्यवस्था रही। मंदिर में जलाभिषेक के बाद वापसी का रास्ता निर्मोही अखाड़ा की तरफ से दिया गया। इसको लेकर पुलिसकर्मियों की ड्यूटियां लगाई गई है। रामघाट में जलाभिषेक करने वाले भक्तों का जमावड़ा आधी रात के बाद से ही लगने लगा था। पहला सोमवार होने की वजह से दूर-दूर से भक्त आए हुए थे। मंदाकिनी स्नान के बाद शिवभक्त मत्तगयेन्द्रनाथ मंदिर में पट खुलने से पहले ही लाइनों मंे लग गए थे।
सुबह चार बजे महाराजाधिराज की आरती के बाद पट खोले गए। इसके बाद लाइनों में लगे भक्तों को प्रवेश दिया गया। शिवभक्तों की भीड़ इस कदर रही कि मंदाकिनी तट से मंदिर के भीतर तक महिला व पुरुषों एक-दूसरे के सहारे आगे बढ़ रहे थे। भीड़ को संभालना पुलिस के लिए मुश्किल हो रहा था। सीओ सिटी हर्ष पांडेय तड़के चार बजे से ही पुलिसबल के साथ मंदिर में डट गए थे। एएसपी चक्रपाणि त्रिपाठी व एसडीएम सदर राज बहादुर ने भी पहुंचकर व्यवस्थाओं का जायजा लिया। महिला पुलिसकर्मी भी महिलाओं की लाइनों को संभाल रही थी। श्रद्धालु लोटे में मंदाकिनी गंगा का पवित्र जल, धतूरा, चंदन, चावल, दूर्बा, बेलपत्र, समी, मदार के फूल आदि के साथ हर-हर महादेव के जयकारे लगाते हुए आगे बढ़ रहे थे। मंदिर प्रबंधन के कार्यकर्ता भी प्रशासन के साथ मिलकर व्यवस्थाएं संभाले रहे। जलाभिषेक के बाद श्रद्धालुओं ने भगवान कामदनाथ के दरबार पहुंचकर पूजन-अर्चन के बाद माथा टेका और परिक्रमा लगाई।
वाहनों के नियंत्रण को डटी रही यातायात पुलिस की टीम
सावन माह के पहले सोमवार को शिवभक्तों की पहुंचने वाली भीड़ को कहीं किसी तरह की परेशानी न हो, इसके लिए भारी वाहनों के मुख्यालय कर्वी मंे सुबह साढ़े तीन बजे से प्रवेश पर रोक लगाने के आदेश कई दिन पहले जारी कर दिए गए थे। हालांकि भारी वाहन साढ़े पांच बजे तक भी गुजरते रहे। इधर यातायात पुलिस की टीम वाहनों के नियंत्रण को लेकर तड़के से ही डट गई थी। ट्रैफिक चौराहे में कई सिपाहियों के साथ एक सब इंस्पेक्टर डटे थे। इसके अलावा रामघाट की तरफ भी यातायात पुलिस की टीम मुस्तैद रही।
सोमनाथ और पालेश्वरनाथ में शिवभक्तों की रही भीड़
सावन माह के सोमवार को धर्मनगरी के लगभग सभी शिवालयों में भक्तों की भीड़ रही। चर स्थित सोमनाथ मंदिर में जलाभिषेक के लिए भक्तों का तड़के से ही तांता लगा रहा। इसी तरह पहाड़ी स्थित पालेश्वरनाथ व बरगढ़ के परानूबाबा में शिवभक्तों की लाइन लगी रही। मंदिरों में बम-बम भोले के जयकारों की गूंज गूंजती रही। सभी जगह संबंधित थाना प्रभारी महिला पुलिस बल के साथ भीड़ को संभालने में डटे रहे।