Chitrakoot News: काटे जा रहे 100 वर्ष में तैयार होने वाले अर्जुन के पेड़, ऐतिहासिक मंदाकिनी के अस्तित्व पर संकट, प्रदर्शन

Chitrakoot News: यहां पेड़ों की कटान, प्रदूषण और अतिक्रमण वजह से मंदाकिनी नदी का अस्तित्व खतरे में है। बुधवार को कांग्रेस के कार्यकर्ताओं ने यहां विरोध-प्रदर्शन कर नदी की स्थिति सुधारने की मांग की। अभी हाल ही में सिंचाई विभाग ने स्फटिक शिला से आरोग्यधाम तक बाउंड्री वाल का निर्माण कार्य शुरु कराया है। जिसमें अर्जुन के हजारों पेड़ काटे जा रहे हैं।

Update: 2023-05-24 14:28 GMT
काटे जा रहे 100 वर्ष में तैयार होने वाले अर्जुन के पेड़

Chitrakoot News: भगवान राम की तपोभूमि धर्मनगरी में लाखों श्रद्धालुओं की आस्था की प्रतीक मंदाकिनी नदी के अस्तित्व पर संकट मंडरा रहा है। यहां पेड़ों की कटान, प्रदूषण और अतिक्रमण वजह से मंदाकिनी नदी का अस्तित्व खतरे में है। बुधवार को कांग्रेस के कार्यकर्ताओं ने यहां विरोध-प्रदर्शन कर नदी की स्थिति सुधारने की मांग की।

नदी के किनारे बन रही बहुमंजिला इमारतें

मंदाकिनी नदी को बचाने की मांग पर चित्रकूट की सीमा से सटे एमपी क्षेत्र में कांग्रेसियों ने आरोग्यधाम घाट पर विरोध-प्रदर्शन किया। उन्होंने नारेबाजी करते हुए डीएम को संबोधित ज्ञापन नायब तहसीलदार को सौंपा। अखिल भारतीय असंगठित कामगार व कर्मचारी कांग्रेस के प्रदेश महासचिव आशुतोष द्विवेदी ने ज्ञापन में प्रशासन को हालात से अवगत कराया। उन्होंने कहा कि चित्रकूट में मां मंदाकनी के अस्तित्व को धीरे-धीरे खत्म किया जा रहा है। अभी हाल ही में सिंचाई विभाग ने स्फटिक शिला से आरोग्यधाम तक बाउंड्री वाल का निर्माण कार्य शुरु कराया है। जिसमें अर्जुन के हजारों पेड़ काटे जा रहे हैं। जबकि अर्जुन के पेड़ की जड़ों से निकलने वाला जल शुद्ध व निर्मल होता है।

अर्जुन का पेड़ तैयार होने में 100 वर्ष लग जाते हैं। एमपी सरकार निर्मल मंदाकिनी बनाने का ढिंढोरा पीटती है। कई जगह दूषित नालों का पानी मंदाकिनी में प्रवाहित होता है। जिससे नदी प्रदूषित हो गई है। इस नदी से स्थानीय लोगों और धार्मिक पर्यटकों की आस्था जुड़ी है, लेकिन यहां के हालात बदतर होते जा रहे हैं। कई जगह मंदाकिनी किनारे अतिक्रमण कर बड़ी-बड़ी बहुमंजिला इमारतें बनाई जा रही हैं। बिना परमीशन के नए निर्माण हो रहे हैं।

इसकी जांच कराया जाना जरुरी है। उन्होंने प्रशासन को अल्टीमेटम दिया कि अगर जल्द ही इसपर कार्रवाई नहीं होती है, तो स्थानीय लोगों को एकजुट करके आंदोलन चलाया जाएगा। इस दौरान लवकुश, राजेश उपाध्याय, कृष्णकांत मिश्रा, शोभित त्रिपाठी, मनीष परिहार, आरपी सिंह, राजेंद्र सिंह, आशीष त्रिपाठी, अंकित परिहार, राहुल पचौरी, विजय शिवहरे, राहुल गुप्ता, विजय, सोलंकी सिद्धार्थ, अमित, कामद, रोहित, आकाश, अनुज, अजय तिवारी, जितेंद्र, सोनू आदि मौजूद रहे।

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