लखनऊ मेट्रो को देना पड़ सकता है 10 लाख तक जुर्माना, पैसेंजर बोला- करूंगा केस
लखनऊ: राजधानी में लखनऊ मेट्रो चले अभी मात्र दो ही दिन हुए हैं। लेकिन अलग अलग तरह की बातें सामने आ रही हैं। लखनऊ मेट्रो के पहले दिन जहां करीब 101 यात्रियों को लेकर लखनऊ मेट्रो मवैया स्टेशन के पास पुल पर इमरजेंसी ब्रेक लगने के चलते अटकी रही, वहीं अब उसमें फंसे एक यात्री द्वारा लखनऊ मेट्रो पर केस करने की बात सामने आ रही है। लखनऊ मेट्रो के पहले दिन ट्रेन में फंसे एक पैसेंजर ने एलएमआरसी पर क्लेम करने का मन बनाया है।
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पैसेंजर बोला- बहुत नुकसान हुआ, लेकिन मेट्रो एमडी का नहीं पसीजा दिल
राजधानी के चारबाग निवासी गौरव त्रिपाठी ने बताया कि 6 सितंबर को वो लखनऊ मेट्रो की दूसरी ट्रेन में चढ़े। उन्हें अमौसी से अपनी इंडिगो की फ्लाइट पकड़नी थी। उनकी नोएडा में एक अर्जेंट मीटिंग थी। उन्होंने उस दिन लखनऊ मेट्रो से सफर करके ट्रांसपोर्ट नगर तक जाने का निर्णय लिया था।
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चारबाग से निकलने के बाद मेट्रो करीब 6 बजकर 38 मिनट पर मवैया के स्पैन पर रूक गई। पहले तो उन्हें लगा कि कोई नॉर्मल कारण है। लेकिन जैसे-जैसे समय बीता वह समझ गए कि कुछ गड़बड है। 8 बजकर 45 मिनट की उनकी फ्लाइट थी और करीब 8 बजकर 30 मिनट पर वह और उनके साथ यात्रा कर रहे पैसेजंर्स रेस्क्यू हो पाए।
फ्लाइट छूटी और जिस क्लाइंट से उनकी मीटिंग थी, उसने इनके टाइम से न पहुंचने के चलते इनकी ईमानदारी औंर निष्ठा पर सवाल उठा दिए। इनकी इमेज उसके सामने काफी खराब हो गई। इसके अलावा फ्लाइट के पैसों का नुकसान अलग से हुआ। इस बारे में जब बात करने के लिए एलएमआरसी के एमडी कुमार केशव से गौरव ने संपर्क किया तो उन्होंने सिर्फ गौरव को सॉरी बोलकर फोन काट दिया। इससे आहत होकर गौरव त्रिपाठी ने कंज्यूमर फोरम में एलएमआरसी को घसीटने का मन बनाया है।
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अधिवक्ता का मत- करीब 10 लाख तक हो सकता है क्लेम
कंज्यूमर फोरम से जुड़े अधिवक्ता आशीष मिश्रा ने बताया कि ये मामला कंज्यूमर फोरम के अधिकार क्षेत्र का हे। इसमें पीडित के पक्ष में कोर्ट फैसला कर सकता है। ऐसे मामलों में टेक्निकल फाल्ट का लॉजिक देकर कंपनियां बचने का प्रयास करती हैं। लेकिन आमतौर पर कोर्ट पीडित को हुई क्षति को भी ध्यान में रखकर फैसला सुनाती है। ऐसे मामले में एलएमआरसी को 10 लाख रुपए तक बतौर हरजाना देना पड़ सकता है।
मेट्रो प्रवक्ता बोले- हम चाहते हैं पब्लिक सपोर्ट
एलएमआरसी के प्रवक्ता अमित श्रीवास्तव के अनुसार मेट्रो एक बड़ा प्रोजेक्ट है। इसे रिकार्ड समय में पूरा किया गया है। लखनऊ वासियों के लिए यह गर्व की बात है। उस दिन टेक्निकल फाल्ट की वजह से ऐसा हुआ था। हम लगातार पब्लिक से सपोर्ट की अपील कर रहे हैं।
पब्लिक को समझना होगा कि ये उसकी मेट्रो है, उसके लिए है। ऐसे में बिना पब्लिक सपोर्ट के इसे अच्छे ढंग से संचालित करना संभव नहीं होगा। जिन पैसेंजर्स को परेशानी हुई है, हमने उन सबसे माफी मांगी है।