बहराइच: गोविंदापुर बख्शी गांव में बीते तीन दिनों से खसरा फैला हुआ है। सूचना के बावजूद स्वास्थ्य विभाग की टीम गांव नहीं पहुंची। इसके चलते खसरा पीड़ित एक मासूम की इलाज के दौरान मौत हो गई। वहीं दर्जनों बच्चे खसरे की चपेट में हैं। इनमें पांच की हालत गंभीर है। सभी जिंदगी-मौत से संघर्ष कर रहे हैं।
तराई में मौसम परिवर्तन के साथ ही खसरा की शुरुआत हो गई है। सीमावर्ती नवाबगंज थाना क्षेत्र के ग्राम पंचायत गोविंदापुर के मजरा बख्शी गांव में बीते तीन दिनों से खसरे का प्रकोप चल रहा है। बच्चे जिंदगी-मौत से संघर्ष कर रहे हैं। खसरा पीड़ित कुलसुम (7) पुत्री सलीम की हालत बिगड़ गई।
परिवार के लोग उसे स्वास्थ्य केंद्र ले जाने की तैयारी कर रहे थे। तभी कुलसुम ने दम तोड़ दिया। वहीं गांव में दर्जनों परिवारों के बच्चे चपेट में है। सभी को तेज बुखार के साथ शरीर पर लाल दाने निकल रहे हैं। 24 घंटे में दाने पक कर फफोले का रूप ले रहे हैं। ऐसे में असहनीय पीड़ा से खसरा पीड़ित गुजर रहे हैं। इस मामले में स्वास्थ्य केंद्र और सीएमओ कार्यालय पर गांव के लेागों ने सूचना दी। लेकिन अब तक स्वास्थ्य अधिकारी मौके पर नहीं पहुंचे हैं।
जिसका नतीजा है कि बीमार बच्चों में से अयान (7), अल्ताफ (5), सोनू (4), अयाज (5), जैनब (6), नासिररजा (7), निहाल (एक) व खुशी (5), सन्नो (5) की हालत नाजुक बताई जा रही है। सभी जिंदगी मौत से संघर्ष कर रहे हैं। इस मामले में क्षेत्र की एएनएम कौशल्या देवी खसरा फैलने की बात से ही किनारा कस रही हैं। वहीं स्वास्थ केंद्र के प्रभारी चिकित्साधिकारी अर्चित श्रीवास्तव का कहना है कि स्वास्थ्य टीम को गांव भेजा जा रहा है।
कई बच्चों का हो चुका है टीकाकरण
खसरे से बचाव के लिए गांव निवासी अयान, सोनू, जैनब, खुशी और नासिर समेत १२ से अधिक बच्चों को टीका लग चुका है। फिर भी सभी खसरे की चपेट में आ गए हैं। इसके चलते उनके परिवारीजन काफी दहशत में हैं।
नहीं थी जानकारी, गांव पर डॉक्टर करेंगे कैंप
बख्शी गांव में खसरा फैलने की जानकारी नहीं थी। अब पता चला है। संक्रामक रोग नियंत्रण कक्ष की टीम को गांव भेजा जा रहा है। चिकित्सक गांव में कैंप कर रोगियों का इलाज करेंगे। खसरा पीड़ितों के प्रति जिसने लापरवाही बरती है, जांच कराकर उसके खिलाफ कार्रवाई करेंगे।