लखनऊः सोमवार को सीएम अखिलेश यादव ने अपनी फ्लिट निकलने के लिए खाली कराई गई सड़क को एक एम्बुलेंस के लिए ग्रीन कारीडोर में तब्दील करा दिया। इससे मरीज को समय से इलाज मिल गया लेकिन मरीज रत्नेश्वर की हालत अभी भी गंभीर है।
क्या है पूरा मामला?
-प्रोफेसर रत्नेश्वर बिहार के अररिया के रहने वाले हैं।
-वह अररिया कॉलेज से रिटायर्ड प्रोफेसर हैं।
-वह सोमवार को अपने पड़ोसी रंजीत कुमार के साथ दिल्ली जा रहे थे।
-दिल्ली में मौसम खराब होने की वजह से गो एयरवेज जहाज को लखनऊ रोका गया।
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-3.45 बजे जहाज अमौसी एयरपोर्ट पर रूका।
-यहां डॉ. रत्नेश्वर ने नाश्ता किया औऱ अपने दोस्त से बात करते करते बेहोश हो गए।
-उन्हें समाजवादी एम्बुलेंस से लोक बंधु हॉस्पिटल भेजा गया।
-प्रारंभिक इलाज के बाद डॉक्टर्स ने उन्हें केजीएमयू रेफर कर दिया।
-एम्बुलेंस कानपुर रोड पहुंची ही थी की सीएम का काफिला आ गया।
-सीएम ने एम्बुलेंस को देखा तो अधिकारियों को आदेश दिया।
-उन्होंने एम्बुलेंस को बिना रूकावट के केजीएमयू तक पहुंचाने को कहा।
-सुरक्षा अधिकारियों ने चंद सेकेंड में रोड को ग्रीन कारीडोर में बदल दिया।
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क्या कहते हैं रंजीत कुमार?
-लारी कॉर्डियोलाजी पहुंचने पर डॉक्टर मुस्तैद मिले।
-उन्होंने बताया कि जिस लालबत्ती गाड़ियों को धीमा कर एम्बुलेंस को आगे किया गया था।
-वह सीएम अखिलेश यादव का काफिला था।