UP के CM को जन्मदिन की बधाई, ऐसे गणित का छात्र बन गया योगी

5 जून 1972 को उत्तराखण्ड के पौड़ी गढ़वाल जिले की यमकेश्वर तहसील के पंचुर गाँव के एक गढ़वाली क्षत्रिय परिवार में योगी आदित्यनाथ का जन्म हुआ था। आपके पिता आनन्द सिंह बिष्ट का 20 अप्रैल 2020 में निधन हुआ वह वन विभाग के एक अधिकारी थे। इनकी मां का नाम सावित्री देवी है।

Update: 2020-06-05 07:57 GMT

लखनऊः उत्तर प्रदेश के मुख्यमन्त्री योगी आदित्यनाथ का आज जन्मदिन है। वह प्रसिद्ध गोरखनाथ मंदिर व गोरक्ष पीठ के पीठाधीश्वर भी हैं। इन्होंने 19 मार्च 2017 को प्रदेश के विधान सभा चुनावों में भारतीय जनता पार्टी की बड़ी जीत के बाद यहाँ के 21वें मुख्यमन्त्री पद की शपथ ली थी और अपने तीन वर्ष से अधिक के कार्यकाल में राष्ट्रीय व प्रदेश की राजनीति में अपनी विशिष्ट पहचान बनाई है। उन्होंने 1998 से 2017 तक भारतीय जनता पार्टी के टिकट पर गोरखपुर लोकसभा क्षेत्र का प्रतिनिधित्व किया। 2014 के लोकसभा चुनाव में भी यहीं से सांसद चुने गए।

छवि एक प्रखर राष्ट्रवादी नेता की

आदित्यनाथ गोरखनाथ मन्दिर के पूर्व महन्त अवैद्यनाथ के उत्तराधिकारी हैं। ये हिन्दू युवाओं के सामाजिक, सांस्कृतिक और राष्ट्रवादी समूह हिन्दू युवा वाहिनी के संस्थापक भी हैं, तथा इनकी छवि एक प्रखर राष्ट्रवादी नेता की रही है जिसका प्रभाव 2019 के लोकसभा चुनाव में भी दिखा और योगी आदित्यनाथ स्टार प्रचारक बनकर उभरे।

5 जून 1972 को उत्तराखण्ड के पौड़ी गढ़वाल जिले की यमकेश्वर तहसील के पंचुर गाँव के एक गढ़वाली क्षत्रिय परिवार में योगी आदित्यनाथ का जन्म हुआ था। आपके पिता आनन्द सिंह बिष्ट का 20 अप्रैल 2020 में निधन हुआ वह वन विभाग के एक अधिकारी थे। इनकी मां का नाम सावित्री देवी है।

सीएम योगी आदित्यनाथ ने गणित में एमएससी

1993 में गणित में एमएससी की पढ़ाई के दौरान गुरु गोरखनाथ पर शोध करने ये गोरखपुर आए इसी दौरान ही ये महंत अवैद्यनाथ के संपर्क में आए। अंततः ये महंत की शरण में ही चले गए और दीक्षा ले ली। 1994 में ये पूर्ण संन्यासी बन गए, जिसके बाद इनका नाम अजय सिंह बिष्ट से योगी आदित्यनाथ हो गया।

12 सितंबर 2014 को गोरखनाथ मंदिर का बने पीठाधीश्वर

12 सितंबर 2014 को गोरखनाथ मंदिर के पूर्व महन्त अवैद्यनाथ के निधन के बाद इन्हें यहाँ का महंत बनाया गया। 2 दिन बाद इन्हें नाथ पंथ के पारंपरिक अनुष्ठान के अनुसार मंदिर का पीठाधीश्वर बनाया गया।

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बारहवीं लोक सभा के सबसे युवा सांसद

1998 में योगी आदित्यनाथ ने गोरखपुर से भाजपा प्रत्याशी के तौर पर चुनाव लड़ा था और जीत हासिल की थी। तब इनकी उम्र मात्र 26 वर्ष थी। वे बारहवीं लोक सभा (1998-99) के सबसे युवा सांसद थे। 1999 में ये गोरखपुर से पुनः सांसद चुने गए।

अप्रैल 2002 में योगी ने हिन्दू युवा वाहिनी बनायी। 2004 में तीसरी बार लोकसभा का चुनाव जीता। 2009 में ये 2 लाख से ज्यादा वोटों से जीतकर लोकसभा पहुंचे। 2014 में पांचवी बार एक बार फिर से दो लाख से ज्यादा वोटों से जीतकर ये सांसद चुने गए। 2014 के लोकसभा चुनाव में भाजपा को बहुमत मिला

19 मार्च 2017 में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री पद को संभाला

19 मार्च 2017 में उत्तर प्रदेश के बीजेपी विधायक दल की बैठक में योगी आदित्यनाथ को विधायक दल का नेता चुनकर मुख्यमंत्री पद सौंपा गया।

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