नगर निगम की ढिलाई से पिछड़ा सीएम योगी का शहर, स्वच्छ सर्वेक्षण में गोरखपुर 314वें पायदान पर

Update:2017-05-05 15:46 IST

गोरखपुर: सीएम योगी आदित्यनाथ का शहर गोरखपुर देश के सबसे अस्वच्छ 150 शहरों में से एक है। केंद्रीय शहरी विकास मंत्रालय द्वारा इस जनवरी फरवरी के बीच देश के 434 शहरों कस्बों में कराए गए स्वच्छ सर्वेक्षण 2017 में गोरखपुर 314 वीं रैंक मिली है। इसी तरह देवरिया 338वें स्थान पर तो बस्ती 386वें स्थान पर है।

प्रधानमंत्री के आह्वान पर पिछले कई वर्षों में तीन शहरों में स्वच्छता के लिए कितने भी कार्यक्रम क्यों ना आयोजित किए गए हों, पर हकीकत यही है कि इन शहरों मे साफ-सफाई का बुरा हाल है। ठोस अपशिष्ट के निस्तारण की बात हो या फिर घर घर से कूड़ा उठाने की योजना, हर मुहाने पर मुख्यमंत्री का शहर पिछड़ा हुआ है। प्रयास हुए पर असर नहीं हुआ। शहर को साफ-सुथरा रखने की प्रशासनिक जिम्मेदारी नगर निगम नगर पालिकाओं की है।

गोरखपुर में इसके प्रयासों का आलम यह है कि घर-घर से कूड़ा उठाने की योजना सभी वार्डों में लागू नहीं की जा सकी है। तो ठोस अपशिष्ट प्रबंधन के पैमाने पर भी निगम की स्थिति बुरी है। तमाम दावों प्रयासों के बाद भी आज तलक शहर में ठोस अपशिष्ट पदार्थों के निपटारे की महेशरा में प्रस्तावित योजना पूरी नहीं हो सकी।

मुख्य सड़क के हो या गलियां नवविकसित कालोनियां हो या पुरानी रिहायशी क्षेत्र, हर जगह गंदगी का ढेर लगा होना आम बात है। प्रधानमंत्री द्वारा स्वच्छ भारत अभियान की शुरुआत करने के बाद सभी जगहों पर जोर-शोर से स्वच्छता की मुहिम चली थी, जो समय बीतने के बाद बंद पड़ गई।

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यह थे मानक

सर्वेक्षण के लिए स्वछता संबंधी पहलुओं के विभिन्न कारकों के लिए मानदंड और वेटेज इस प्रकार थे-

-घर-घर से कूड़ा एकत्रित करने सहित ठोस कचरे का प्रबंधन परिक्रिया और निपटान

-खुले में शौच से मुक्ति की स्थिति कुल 200 अंकों का 45 प्रतिशत यानी 900अंक

-नागरिकों की प्रतिक्रिया 30 फ़ीसदी यानी कुल अंको में से 600

-स्वतंत्र अवलोकन 25 फ़ीसदी यानी 500 अंक

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वहीं जब गोरखपुर की मेयर सत्या पाण्डेय से पूछा गया, तो उन्होंने कहा की यह स्थिति निराशाजनक है। हमने लगातार प्रयास किया है। लेकिन लगता है कि अभी कमी रह गई। हम नए सिरे से कोशिश करेगे। सालिड वेस्ट मैनेजमेंट योजना की राह में अड़चनों को हटाने के लिए मैंने प्रयास किया है। हम फिर प्रयास करेंगे। अगले सर्वक्षण में गोरखपुर स्वच्छ शहरों की शीर्ष रैंकिंग में शामिल होगा।

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