UP News: सीएम योगी की भ्रष्टाचार पर ऐतिहासिक कार्रवाई, रामपुर के सीओ को दारोगा बना दिया, जानें क्या है पूरा मामला
CM Yogi Action On Corruption: भ्रष्टाचार पर करार प्रहार करते हुए सीएम योगी आदित्यनाथ ने भ्रष्टाचार में लिप्त रामपुर के सीओ को सिपाही बना दिया है। यह एक ऐतिहासिक कार्रवाई है।
CM Yogi Action On Corruption: भ्रष्टाचार ( corruption) पर करार प्रहार करते हुए सीएम योगी आदित्यनाथ (CM Yogi Adityanath) ने भ्रष्टाचार में लिप्त रामपुर के सीओ को दारोगा बना दिया है। पहले सीओ को सिपाही बनाने की खबर आई थी। यह सीएम योगी की ऐतिहासिक कार्रवाई है। जो कि पुलिस विभाग के लिए एक सबक भी है। जिसमें रिश्वत लेने के आरोपी सीओ का डिमोशन कर दारोगा (Depromoted the CO and made a Sub Inspector) बनाया गया है। आदेश में क्षेत्राधिकारी को दारोगा बनाने का निर्देश दिया गया है। सीओ रामपुर के तत्कालीन क्षेत्राधिकारी हैं जिनका डिमोशन किया गया है।
गृह विभाग के सूत्रों ने मुख्यमंत्री के एक्शन की जानकारी देते हुए रिश्वत लेने के आरोपी पुलिस अधिकारी को डिमोट करते हुए दारोगा बनाने की पुष्टि की है। दरअसल, रामपुर सदर के तत्कालीन क्षेत्राधिकारी/उपाधीक्षक विद्या किशोर शर्मा को रिश्वत लेने के आरोप में उनके मूल पद पर वापस भेज दिया गया है। सीएम की इस कार्रवाई से भ्रष्ट अफसरों मे खलबली मच गई है।
रामपुर में तैनाती के दौरान रिश्वत लेने का आरोप
सीओ विद्या किशोर शर्मा पर रामपुर में तैनाती के दौरान रिश्वत लेने का आरोप लगा था। जांच के बाद आरोपों के सही पाए जाने पर कार्रवाई की गई है। जिसके तहत उन्हें मूल पद पर वापस भेज दिया गया है। आपको बता दें कि विद्या किशोर शर्मा की नियुक्ति यूपी पुलिस में दारोगा के पद पर ही हुई थी और वह लगातार प्रमोशन पाकर डिप्टी एसपी के पद तक पहुंचे थे।
विद्या किशोर शर्मा पर भ्रष्टाचार के तमाम आरोप
विद्या किशोर शर्मा पर भ्रष्टाचार के तमाम आरोप थे। रामपुर में एक महिला ने तो आत्मदाह की चेतावनी तक दे डाली थी। महिला का आरोप था कि कि स्वामी विवेकानंद अस्पताल के संचालक विनोद यादव और तत्कालीन इंस्पेक्टर गंज रामवीर यादव ने उसके साथ गैंगरेप किया था। पुलिस ने इस मामले में कोई कार्रवाई नहीं की।इस मामले में सीओ विद्या किशोर शर्मा का पांच लाख की घूस लेते हुए एक वीडियो वायरल हुआ था। मामला अफसरों के संज्ञान में आने के बाद जांच शुरू कर दी गई थी।
सीओ पर भ्रष्टाचार के आरोप सही पाए गए
मामला सीएम के संज्ञान में आने के बाद इंस्पेक्टर और अस्पताल संचालक के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई और सीओ शर्मा को सस्पेंड कर दिया गया था। एएसपी मुरादाबाद ने मामले की जांच की थी जिसमें सीओ पर भ्रष्टाचार के आरोप सही पाए गए।