थारुओं के लिए योगी ने खोला सौगातों का पिटारा, UP के सभी वन ग्रामों को दिया राजस्व ग्राम का दर्जा

भारत-नेपाल सीमा से सटे बलरामपुर जिले के थारू जनजाति बाहुल्य क्षेत्र पचपेड्वा विकास खंड के इमलियाकोंड़र गांव मे स्थित दीन दयाल शोध संस्थान परिसर में आयोजित महाराणा प्रताप जयंती में रविवार (28 मई) को भाग लेने पहुंचे सीएम योगी आदित्यनाथ ने थारू जनजाति के उत्थान के लिए सौगातों की बौछार कर दी।

Update: 2017-05-28 11:12 GMT
कार्यक्रम को सम्बोधित करते योगी

कार्यक्रम को संबोधित करते सीएम योगी

गोंडा: भारत-नेपाल सीमा से सटे बलरामपुर जिले के थारू जनजाति बाहुल्य क्षेत्र पचपेड्वा विकास खंड के इमलियाकोंड़र गांव मे स्थित दीन दयाल शोध संस्थान परिसर में आयोजित महाराणा प्रताप जयंती में रविवार (28 मई) को भाग लेने पहुंचे सीएम योगी आदित्यनाथ ने थारू जनजाति के उत्थान के लिए सौगातों की बौछार कर दी।

सीएम योगी ने महाराणा प्रताप की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर थारू संस्कृति की भव्य प्रदर्शनी का अवलोकन किया। इसके बाद थारुओं को संबोधित करते हुए कहा कि थारू संस्कृति को स्मरणीय बनाए रखने के लिए प्रदेश में एक विशाल संग्रहालय बनाया जाएगा।

उन्होंने कहा कि थारू जनजाति महाराणा प्रताप को अपना पूर्वज मानती है। देश की सीमा पर मौजूद थारू जनजाति के लोग देश सेवा में लगे हैं। महाराणा प्रताप के वंशज भारतीय सीमाओं की रक्षा कर रहे हैं। अग्रिम पंक्ति के प्रहरी के रूप में कार्य कर रहे हैं। भारत-नेपाल की खुली सीमा है। दोनों देशों में रोटी बेटी का संबंध है। जनजाति के लोग सांस्कृतिक विरासत को संजोए हुए हैं।

सीएम ने कहा कि यह पंडित दीन दयाल उपाध्याय और नाना जी देशमुख जैसे महापुरुषों ने समाज को जोड़ने के लिए जो काम किए उसके दूरगामी परिणाम होंगे। पूरब और पश्चिम देशों के जीवन स्तर में समानता बनाने के लिए पीएम नरेंद्र मोदी ने पूरे विश्व में भारत का संदेश पहुंचाया है। यह उन्हीं महापुरुषों का सपना था।

सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा कि सरकार प्रदेश के सभी वन्य ग्रामों को राजस्व ग्रामों का दर्जा देगी। इन ग्रामों में शिक्षा, स्वास्थ्य समेत अन्य मूलभूत सुविधाओं का विकास किया जाएगा। मेरा जनजाति ग्राम इमलिया कोड़र आने का उद्देश्य है कि स्थानीय प्रशासन और जनप्रतिनिधियों के साथ बैठकर विकास में बेहद पिछड़े इस क्षेत्र के लिए योजना बना सकूं।

उन्होंने कहा कि इस देश की जनता ने जयचंद को अपना आदर्श नहीं माना। देश के आदर्श महाराणा प्रताप, शिवाजी लक्ष्मीबाई जैसे लोगों को आदर्श माना। मुझे प्रसन्नता है कि विपरीत परिस्थितियों में थारू जनजाति को समाज की मुख्यधारा से जोड़ने का प्रयास स्वयं सेवी संगठन कर रहा है। थारू जनजाति उत्थान के लिए जो प्रयास होने चाहिए थे वह नहीं किए गए।

क्षेत्र के विकास के लिए क्या कार्ययोजना हो सकती है इसकी रूपरेखा तय करने के लिए मैं यहां आया हूं। यहां के अधिकारियों और जन प्रतिनिधियों से बात करके उसे क्रियान्वित किया जाएगा। क्षेत्र की बुनियादी सुविधाओं का स्तर सुधारना मेरा लक्ष्य है। सीएम ने कहा कि किसी भी देश को विकसित तभी माना जाएगा। जब वह का हर निवासी सुखमय जीवन जिएं।

सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा कि उनकी सरकार प्रदेश के सभी वन्य गांवों को राजस्व गांव का दर्जा देने का काम कर रही है। हम इन गांवों में मूलभूत सुविधाएं मुहैया कराने का काम करेंगे। बलरामपुर के सभी वन्य गांवों को स्वास्थ्य एवं शिक्षा के संसाधनों से आच्छादित किया जाएगा। सीएम योगी ने कहा कि दीन दयाल शोध संस्थान द्वारा थारू जनजाति के बच्चों के लिए संचालित स्कूल के संचालकों ने इसे इण्टरमीडियट तक की मान्यता दिलाने की मांग की है। मैं हाईस्कूल तक संचालित इस स्कूल को कक्षा 12 तक की मान्यता देने की घोषणा करता हूं। कुछ ही दिनों में इसके लिए आवश्यक औपचारिकताएं पूर्ण कर ली जाएंगी।

सीएम योगी आदित्यनाथ ने समरसता भोज कार्यक्रम में भी भाग लिया। उन्होंने कहा कि इससे पहले मुझे तीन बार ऐसे आयोजन में भाग लेने का मौका मिला है। उन्होंने कहा कि सभी वर्ग के लोगों को समान अधिकार मिलने चाहिए। उनके साथ भोजन करने वाले थारू जनजाति के लोग इस मौके पर काफी खुश दिखे। इस मौके पर समाज कल्याण मंत्री रामापति शास्त्री, बलरामपुर विधायक पल्टूराम, गैसड़ी के विधायक शैलेश कुमार सिंह शैलू और बीजेपी के कई अन्य पदाधिकारियों ने भी जनजाति के लोगों के साथ भोजन किया।

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