लखनऊ: सीएम योगी आदित्यनाथ ने मंगलवार को कहा कि अयोध्या में श्रीराम मंदिर से जुड़ा कोई मामला सुप्रीम कोर्ट में लंबित है। समय पर मिला न्याय उत्तम न्याय माना जाता है। न्याय में देरी अन्याय के समान हो जाता है।
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बहुसंख्यक समाज और इस देश में शांति और सौहार्द के साथ रहने वाला हर व्यक्ति श्रीराम जन्म भूमि के जल्द समाधान की उम्मीद पाले बैठा है। जन भावनाओं का सम्मान होना चाहिए। यूपी सरकार के अधिवक्ता ने भी सुप्रीम कोर्ट में यह अपील की थी कि जितनी जल्दी हो सके। इस मामले की सुनवाई होनी चाहिए।
मंदिर निर्माण का जरूर निकलेगा कोई ना कोई रास्ता
एक सवाल के जवाब में सीएम योगी ने कहा कि देश की न्यायपालिका के प्रति सबका सम्मान है। हम भी उन संवैधानिक बाध्यताओं से बंधे हैं कि सुप्रीम कोर्ट जल्द इसका समाधान कर दे। न्याय में देरी होती है तो लोगों को निराशा होती है। समस्या के समाधान के लिए लोग व्यापक विचार विमर्श कर रहे हैं। कोई ना कोई रास्ता अवश्य निकलेगा।
जल्द फैसला आने की संभावनाएं नहीं दिख रहीं
एक सवाल के जवाब में योगी आदित्यनाथ ने कहा कि अब ये मामला सुप्रीम कोर्ट में हैं। देश के शांति सौहार्द और व्यापक आस्था का सम्मान करने के लिए जो भी विकल्प हैं उन पर विचार होना चाहिए। अच्छा होता कि न्यायालय जल्द ही इस पर सुनवाई करके फैसला कर दे। पर इस तरह की संभावनाए नहीं दिखती हैं।
सर्वानुमति से रास्ता निकले तो अच्छा है नहीं तो और विकल्प
उन्होंने कहा कि संतों का सान्निध्य और आशीर्वाद इस आस्था और मुहीम के साथ रहा है। विपत्ति में व्यक्ति को धैर्य नहीं खोना चाहिए। बल्कि पूरे स्थिर मन से आने वाली चुनौती का समाना करना चाहिए। यह संक्रमण काल का दौर है।
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संतों को धैर्य के साथ समस्या के समाधान के लिए होने वाले सार्थक प्रयासों में आगे बढना चाहिए। जिससे देश में शांति और सौहार्द की स्थापना हो। देश की संवैधानिक संस्था के प्रति सम्मान का भाव और बढे। इसका रास्ता सर्वानुमति से निकले तो उत्तम है। इसके बाद और भी विकल्प है। इसमें जो उत्तम हो वह करेंगे।
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