Lucknow: CMO डॉ. मनोज अग्रवाल ने डेंगू-मलेरिया से बचने के बताए तरीके, अपनाये ये तरीके

Lucknow News Today: है मुख्य चिकित्सा अधिकारी डा. मनोज कुमार अग्रवाल (CMO Dr. Manoj Kumar Agarwal) का। इसके साथ ही बुखार आने पर खुद से कोई इलाज न करें।

Report :  Shashwat Mishra
Update:2022-06-28 21:49 IST

CMO डॉ. मनोज अग्रवाल: Photo - Social Media

Lucknow Latest News: मौसम बदलने के साथ ही संचारी रोगों के पांव पसारने की संभावना बढ़ जाती है। ऐसे में जरूरी है कि हम विशेष सावधानियां बरतें, ताकि मच्छरों को पनपने का मौका ही न मिल सके। मच्छरजनित परिस्थितियां उत्पन्न न करके हम बहुत हद तक संचारी रोगों पर काबू पा सकते हैं। यह कहना है मुख्य चिकित्सा अधिकारी डा. मनोज कुमार अग्रवाल का। इसके साथ ही बुखार आने पर खुद से कोई इलाज न करें। नजदीक के स्वास्थ्य केंद्र पर जाएं जहां पर जांच और इलाज नि: शुल्क उपलब्ध है। ऐसे में थोड़ी-सी लापरवाही भारी पड़ सकती है।

इन तरीकों को अपनाकर बचें संचारी रोगों से

मुख्य चिकित्सा अधिकारी का कहना है कि पानी की टंकी को पूरी तरह से ढककर रखें। पूरी आस्तीन के कपड़े पहनें। मच्छररोधी क्रीम का इस्तेमाल करें। घर के दरवाजे व खिड़कियों पर जाली लगाएं। सोते समय मच्छरदानी का प्रयोग करें। डेंगू का लार्वा साफ पानी में पनपता है। छत, कूलर, बर्तन व खुले गड्ढे चेक करें और इसमें भरे पानी को अवश्य निकाल दें। हर सप्ताह कूलर को खाली करके साफ कपड़े से पोंछकर और सुखाकर ही प्रयोग में लाएं।

पुराने टायर, प्लास्टिक के कप, बोतल, कबाड़, फ्रिज और गमले की ट्रे, आदि में पानी इक्ट्ठा न होने दें। घर और कार्य स्थल के आस-पास कहीं भी पानी जमा न होने दें। फ्रिज की प्लेट में पानी इकठ्ठा न होने दें। यदि कहीं पानी इकट्ठा है, तो उसमें जला हुआ मोबिल ऑयल डाल दें। बच्चों को घरों से बाहर नंगे पैर न जाने दें और पूरी आस्तीन के कपड़े पहनकर बाहर जाने को कहें।

पीने के लिए हैंडपंप के पानी का करें उपयोग

सीएमओ डॉ. मनोज अग्रवाल ने बताया कि पीने के लिए केवल इंडिया मार्का-2 हैंडपंप के पानी का उपयोग करें। जल को उबालकर व क्लोरीन टैबलेट से विसंक्रमित कर पियें। बच्चों को उम्र के अनुसार टीके (दिमागी बुखार का टीका सहित सभी) लगवाएं। खाना बनाने व खाना खाने से पहले तथा शौच के बाद साबुन से अच्छी तरह से हाथ अवश्य धुलें।

कुपोषित बच्चों का विशेष ध्यान रखें। बस्तियों व रिहायशी इलाकों में सुअर बाड़े न बनाए जाएं। घरों के आस-पास झाड़ियों आदि को न बढ़ने दें, जिसमें चूहा-छछूंदर न छिपने पाएं। खुले में शौच न करें।

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