भाई वाह, अब जागे CMO साहेब! लोहिया संस्थान पहुंची डेंगू टीम

Update: 2017-09-25 13:27 GMT

लखनऊ: मानसून के शुरुआती दौर में लखनऊ का मेडिकल कॉलेज डेंगू बुखार की चपेट में घिर चुका था। स्वास्थ्य विभाग के काफी प्रयासों के बाद जाकर मेडिकल परिसर को डेंगू मुक्त किया जा सका। लेकिन इन दिनों डेंगू बुखार का असर लोहिया आयुर्विज्ञान संस्थान पर दिख रहा है।

बता दें कि संस्थान से एमबीबीएस कर रहे 12 छात्रों को डेंगू ने अपनी जद में कर लिया है। इसके अलावा 28 छात्र-छात्राएं बुखार की चपेट में हैं। डेंगू की जानकारी मिलने पर सीएमओ डॉ जीएस वाजेपयी की एंटी लार्वा टीम सोमवार लोहिया आयुर्विज्ञान संस्थान पहुंचकर लार्वा का छिड़काव किया। इसके साथ ही अस्पताल में काम करने वाले कर्मचारियों को भी डेंगू से बचाव के उपाय बताए।

संस्थान में भवन निर्माण के चलते फैला है डेंगू

संस्थान में एमबीबीएस में 150 छात्र-छात्राएं पढ़ाई कर रहे हैं। इनके एकडमिक ब्लॉक का निर्माण चल रहा है। इसी भवन में चार मंजिला फ्लोर तैयार है। इनमें ही कक्षाएं चल रही हैं। भवन निर्माण कार्य के चलते कई स्थानों पर पानी का भराव हो गया है। जलभराव के कारण ही बड़े पैमाने पर मच्छर पनप रहे हैं। कई महीनों से संस्थान में गंदगियों का दौर चल रहा है। लेकिन न तो अस्पताल से जुड़े आला अधिकारियों की नजर गई है और न तो स्वास्थ्य विभाग के लोगों की है।

क्या कहते हैं निदेशक?

संस्थान के डायरेक्टर डॉ दीपक मालवीय ने बताया कि भवन निर्माण की वजह से परिसर में पानी एकत्र हो गया था। सीएमओ की टीम ने आज लार्वा का छिड़काव किया है। उन्होंने बताया कि जहां-जहां जलभराव है उसको साफ करने का प्रयास जारी है।

अक्सर परिसर में रहती है गंदगी

लोहिया आयुर्विज्ञान संस्थान में जाने पर गंदगियों को देखा जा सकता है। मरीज के वार्डो से लेकर बाहरी परिसर में अव्यवस्थाओं का दौर रहता है और अगर कहीं गलती से किसी मरीज का तीमानदार को रात में रुकना पड़ तो मच्छरों की टीम उनको परेशान कर देती है। इसको लेकर मरीज के परिजन अक्सर अस्पताल के लोगों से शिकायत करते रहते हैं। लेकिन फिर भी संस्थान में गंदगी है।

क्या कहते हैं सीएमओ?

सीएमओ डॉ जीएस वाजपेयी ने बताया कि लोहिया आयुर्विज्ञान संस्थान से लार्वा की शिकायत मिलने के बाद कार्रवाई हुई है। उनके मुताबिक, वेक्टर जनित रोगों से रोकथाम के लिए राजधानी के हर वार्डों में रोजाना लार्वा का छिड़काव हो रहा है। इसके अलावा हर क्षेत्र में नोडल अधिकारी लोगों को रोजाना जागरूक कर रहे हैं। स्वास्थ्य विभाग की अलग-अलग टीम रोजाना निरीक्षण कर रही है। संक्रमण पाए जाने पर संबंधित लोगों को नोटिस भी दी जा रही है। हर संभव प्रयास जारी है।

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