यूपी के बिजली विभाग में तत्काल प्रभाव से मुआवजा प्राविधान लागू

यूपी स्टैन्डर्ड आफ परफार्मेन्स रेगुलेशन-2019 को लागू करने वाला पहला राज्य बन गया है। इसके तहत यह भी प्राविधान किया गया है कि विद्युत उपभोक्ताओं को दिए जाने वाली मुआवजा की राशि को बिजली दरों (एआरआर) में शामिल नही किया जायेगा।

Update:2020-02-17 22:14 IST

लखनऊ: प्रदेश शासन ने प्रदेश के बिजली उपभोक्ताओं को बेहतर व निर्बाध बिजली आपूर्ति न करने पर मुआवजा दिए जाने के लिए बने स्टैन्डर्ड आफ परफार्मेन्स रेगुलेशन-2019 की सरकार ने अधिसूचना जारी कर दी है। इसके साथ ही पूरे प्रदेश में तत्काल प्रभाव से यह नियम लागू हो गया है। यूपी स्टैन्डर्ड आफ परफार्मेन्स रेगुलेशन-2019 को लागू करने वाला पहला राज्य बन गया है। इसके तहत यह भी प्राविधान किया गया है कि विद्युत उपभोक्ताओं को दिए जाने वाली मुआवजा की राशि को बिजली दरों (एआरआर) में शामिल नही किया जायेगा।

आयोग द्वारा तय दर से 60 दिन के भीतर मुआवजा देना होगा

प्रदेश में बिजली की आवाजाही, लो वोल्टेज और मीटर रीडिंग जैसी समस्याओं से अक्सर उपभोक्ता दो-चार होते है और इसको दुरूस्त कराने के लिए बिजली विभाग के चक्कर लगाने पड़ते है। हालांकि विद्युत वितरण संहिता 2005 में उपभोक्ताओं की समस्याओं के निस्तारण के लिए एक नियत समय तय है, इसके बावजूद भी विद्युत उपभोक्ताओं को तय समय में सेवायें नहीं दी जाती है लेकिन नए नियम के मुताबिक अब बिजली कंपनियां अगर उपभोक्ताओं की समस्याओं का हल तय समय सीमा में नहीं करेंगीे तो संबंधित बिजली कंपनी को उपभोक्ता को आयोग द्वारा तय दर से 60 दिन के भीतर मुआवजा देना होगा।

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अब अगर आपके क्षेत्र में पावर कार्पोरेशन द्वारा तय शिड्यूल से ज्यादा बिजली कटौती होती है तो इसके लिए पावर कार्पोरेशन को उपभोक्ताओं को मुआवजा देना पडे़गा। यह मुआवजा शहरों में 20 रुपये प्रति किलोवाट-प्रति दिन तथा ग्रामीण क्षेत्रों में 10 रुपये प्रति किलोवाट-प्रति दिन तय किया गया है।

उप्र. विद्युत नियामक आयोग ने बीते माह प्रदेश में बिजली उपभोक्ताओं की ब्रेक डाउन, केबिल फाल्ट, ट्रांसफार्मर, नया कनेक्शन, मीटर रीडिंग, लोड घटानें या बढ़ानें जैसी समस्याओं को तय समय में हल कराने के लिए प्रदेश की बिजली कंपनियों पर सख्ती करते हुए स्टैन्डर्ड आफ परफार्मेन्स रेगुलेशन 2019 लागू किया था, जिसे आज शासन द्वारा हरी झंडी दिखा दी गई है और अब यह नियम पूरे प्रदेश में तत्काल प्रभाव से लागू हो गया है।

स्टैन्डर्ड आफ परफार्मेन्स रेगुलेशन 2019 की अधिसूचना जारी

उप्र. राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष अवधेश कुमार वर्मा ने कहा इसे प्रदेश के विद्युत उपभोक्ताओं की बडी जीत बताते हुए कहा कि इससे बिजली कम्पनियों की जवाबदेही बढ़ेगी और उपभोक्ताओं को तय समय पर सेवा न देने पर मुआवजा भी मिलेगा। आयोग द्वारा लागू किए गए स्टैन्डर्ड आफ परफार्मेन्स रेगुलेशन 2019 के ड्राफ्ट में बिजली से संबंधित समस्याओं के लिए जो मुआवजा तय किया गया है, वह इस प्रकार हैं-

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उपभोक्ता समस्या दोष के मामले में प्रस्तावित मुआवजा

वोल्टेज विचलन 100 रुपये प्रतिदिन

नया कनेक्शन वितरण 100 रुपये प्रतिदिन

मीटर रीडिंग के मामले 200 रुपये प्रतिदिन

डिफेक्टिव मीटर 50 रुपये प्रतिदिन

बिलिंग संबंधी शिकायत 50 रुपये प्रतिदिन

लोड घटना या बढ़ाना 50 रुपये प्रतिदिन

ट्रांसफार्मर फेल ग्रामीण या शहरी क्षेत्र 150 रुपये प्रतिदिन

ओवरहेड या अण्डर ग्राउण्ड 100 रुपये प्रतिदिन केबिल ब्रेकडाउन

सबस्टेशन विस्तार या निर्माण 250 रुपये प्रतिदिन से आपूर्ति बाधित होना

काल सेन्टर द्वारा रिस्पान्स न देने पर 50 रुपये प्रतिदिन

फर्जी अवशेष को आगे ले जाने पर 100 रुपये प्रति चक्र

श्रेणी परिवर्तन 50 रुपये प्रतिदिन

ट्रांसफार्मर फेल ग्रामीण 150 रुपये प्रतिदिन

विद्युत आपूर्ति बढ़ाने के लिए सबस्टेशन 500 रुपये प्रतिदिन की स्थापना

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