यूपी में कांग्रेस अकेले चुनाव लड़े: हरेंद्र अग्रवाल
पूर्व मुख्यमंत्री बनारसीदास के बेटे और पूर्व एमएलसी एवं कांग्रेस नेता हरेंद्र अग्रवाल ने आज कहा है कि उत्तर प्रदेश में कांग्रेस गठबंधन से दूर रहते हुए अकेले ही लोकसभा का चुनाव लड़े। उनके मुताबिक यदि पार्टी के नेता चाहें तो छोटे-छोटे दलों को साथ में ले सकते हैं, लेकिन सपा-बसपा से गठजोड़ नहीं होना चाहिए।
मेरठ: पूर्व मुख्यमंत्री बनारसीदास के बेटे और पूर्व एमएलसी एवं कांग्रेस नेता हरेंद्र अग्रवाल ने आज कहा है कि उत्तर प्रदेश में कांग्रेस गठबंधन से दूर रहते हुए अकेले ही लोकसभा का चुनाव लड़े। उनके मुताबिक यदि पार्टी के नेता चाहें तो छोटे-छोटे दलों को साथ में ले सकते हैं, लेकिन सपा-बसपा से गठजोड़ नहीं होना चाहिए।
न्यूजट्रैक से बातचीत में हरेंद्र अग्रवाल ने बताया कि उन्होंने इस संबंध में पार्टी अध्यक्ष राहुल गांधी को भी मध्यप्रदेश प्रदेश, राजस्थान, छत्तीसगढ़ आदि राज्यों में हुए चुनाव से पहले ही ईमेल कर उत्तर प्रदेश में सपा-बसपा से गठजोड़ से अलग रह कर अकेले चुनाव लड़ने का अनुरोध किया था।
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हरेंद्र अग्रवाल के मुताबिक जनता यही चाहती है कि कांग्रेस अकेले चुनाव लड़े। इसका सर्वे कराया जा सकता है। हरेन्द्र अग्रवाल ने कहा कि 2009 में कांग्रेस को अकेले दम पर 22 सीटें मिली थी। कांग्रेस के इस वरिष्ठ नेता के अनुसार उत्तर प्रदेश में मुसलमान 80 में से 40 सीटों पर चुनाव नतीजों को प्रभावित करने की क्षमता रखते हैं। जाहिर है कि लोकसभा चुनाव में मुसलमान एकतरफा कांग्रेस के पक्ष में जाएगा, क्योंकि मुसलमान जानता है कि 2019 का चुनाव केंद्र सरकार के लिए है और यहां पर कांग्रेस के राहुल गांधी ही बीजेपी के नरेंद्र मोदी का मुकाबला कर सकते हैं।
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हरेंद्र अग्रवाल का यह भी कहना है कि प्रदेश में सपा और बसपा को उसके हाल पर छोड़ दें, क्योंकि उनकी लड़ाई 2019 की नहीं, उनकी असली लड़ाई 2022 का विधानसभा चुनाव है। दोनों ही पार्टी में मुख्यमंत्री के उम्मीदवार हैं तब वहां क्या होगा? क्या पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव या मायावती एक-दूसरे के लिए कुर्सी छोड़ देंगे? कांग्रेस को बाहर रहकर यह नजारा देखना चाहिए। हरेंद्र अग्रवाल ने कहा कि पांच राज्यों के चुनाव नतीजों ने यह बता दिया है कि देश में बीजेपी को केवल कांग्रेस नेस्तनाबूद कर सकती है।