Lucknow News: शमन मानचित्र स्वीकृत होने के बाद अब खुल सकेगी निर्माण की सील, विहित प्राधिकारी करेंगे कार्रवाई
Lucknow News: एलडीए उपाध्यक्ष प्रथमेश कुमार ने बताया कि प्राधिकरण की प्रवर्तन टीम द्वारा शहर में अवैध निर्माण एवं विपरीत भू-उपयोग से सम्बंधित प्रकरणों में लगातार कार्यवाही की जाती है।
Lucknow News: लखनऊ विकास प्राधिकरण से शमन मानचित्र स्वीकृत कराने के बाद लोगों को अपने निर्माण की सील खुलवाने में अब कोई बाधा नहीं आएगी। प्राधिकरण के उपाध्यक्ष प्रथमेश कुमार ने जन सामान्य की सहूलियत को ध्यान में रखते हुए इसके लिए नये आदेश जारी किये हैं। इसके अंतर्गत अब सील खोलने की कार्यवाही विहित प्राधिकारी के स्तर से ही हो जाएगी और लोगों को अलग-अलग चक्कर नहीं लगाने पड़ेंगे।
एलडीए उपाध्यक्ष प्रथमेश कुमार ने बताया कि प्राधिकरण की प्रवर्तन टीम द्वारा शहर में अवैध निर्माण एवं विपरीत भू-उपयोग से सम्बंधित प्रकरणों में लगातार कार्यवाही की जाती है। जिसके अंतर्गत विहित प्राधिकारी न्यायालय द्वारा वाद योजित करते हुए अवैध निर्माण की सीलिंग के आदेश पारित किये जाते हैं। कार्यवाही होने पर लोगों द्वारा भवन/स्थल की सील खोले जाने के सम्बंध में प्रार्थना पत्र दिया जाता है। वर्तमान में लागू व्यवस्था के तहत इन प्रार्थना पत्रों का परीक्षण व सील खोलने का आदेश सचिव की अध्यक्षता में गठित कमेटी द्वारा किया जाता था।
सचिव हर महीने करेंगे समीक्षा
इस तरह के विभिन्न प्रकरणों में लोगों द्वारा अवगत कराया गया कि उन्होेंने अपने निर्माण का शमन मानचित्र स्वीकृत करा लिया है। जिसकी सूचना विहित प्राधिकारी न्यायालय को दस्तावेज सहित उपलब्ध करा दी है, लेकिन सील खोले जाने के लिए कमेटी गठित होने के कारण विहित प्राधिकारी द्वारा उनके प्रार्थना पत्रों पर कोई आदेश नहीं दिया जाता है। जिसके चलते उन्हें न्यायालय की कार्यवाही के साथ-साथ समिति व जोन के अधिकारियों के सामने प्रस्तुत होकर आवेदन करना पड़ता है। उपाध्यक्ष ने बताया कि एक ही कार्य के लिए अलग-अलग पटलों के चक्कर लगाने से जन सामान्य को कठिनाई का सामना करना पड़ता है। इसे ध्यान में रखते हुए नये आदेश जारी किये गये हैं, जिसके अंतर्गत अब सील खोले जाने के सम्बंध में प्राप्त होने वाले प्रार्थना पत्रों का परीक्षण एवं निर्णय लेने के लिए विहित प्राधिकारी को अधिकृत किया गया है। सचिव द्वारा हर महीने सील किये जाने वाले भवनों व सील खोले जाने वाले प्रकरणों की समीक्षा की जाएगी।