लखनऊ: उत्तर प्रदेश में कांग्रेस की नैया पार करवाने के लिए हायर किए गए कैंपेन स्ट्रैटजिस्ट पीके को पार्टी नेता ही पस्त करने में जुट गए हैं। पीके की स्ट्रैटजी और एक्सरसाइज उन्हें थकाऊ लग रही है। एक्विव वॉलंटियर के लिए ब्यौरे भरने से खिसियाए नेता कह रहे हैं-अब पीके हम से मुनीमी कराएंगे का?
एक्टिव वॉलंटियर्स की रिपोर्ट नहीं
पहली मीटिंग के बाद प्रदेशभर की हर विधानसभा क्षेत्र से मांगे गए एक्टिव वॉलंटियर के ब्यौरे अभी तक हर जिले से नहीं पहुंचे हैं। जबकि अंतिम तिथि 31 मार्च बीत चुकी है। सूत्रों से प्राप्त जानकारी के मुताबिक, अभी तक 120 यूनिट में से सिर्फ 80 ने जानकारी उपलब्ध करवाई है, जबकि 40 ने रिपोर्ट नहीं दी है।
'फोनवे से करा देंगे दुरुस्त'
-कई नेताओं ने मुश्किल से अपनी यूनिट का डाटा यूपीसीसी तक पहुंचा तो दिया, लेकिन कई सवालों के जवाब नहीं दे पाए।
-संगठन के सवाल पर एक जिला अध्यक्ष ने जवाब दिया, “भैया पहले इसको रख लो। कोटा पूरा हो जाए बाकी जो ऊपर नीचे होगा वह फोनवे से दुरुस्त करवाय देंगे।”
'इत्ती आफत पहली बार देखी'
-डाटा लेकर यूपीसीसी हेडक्वार्टर पहुंचे वेस्ट यूपी के एक जिला अध्यक्ष ने मूछों पर ताव देकर यह शिकायत भी संगठन में दर्ज करवा दी कि “ये पीके बाबू अब क्या हमसे सिर्फ मुनीमी करवाएंगे। इत्ते दिन से नेतागिरी कर रहे हैं, लेकिन इत्ती आफत पहली बार देखी हैं। जब नेतागिरी से ज्यादा मुनीमी करनी पड़ी हैं।”
पीके ने दिया था टास्क
-दरअसल अपनी पारी शुरू करने के पहले टीम गठित करने की योजना के चलते प्रशांत किशोर ने हर विधानसभा क्षेत्र से कुल 32 वालंटियर की लिस्ट मांगी थी। जो पार्टी के लिए समर्पित होकर काम कर सकें।
-दस मार्च को पीके ने यूपीसीसी मुख्यालय लखनऊ में जिला स्तर के सभी कांग्रेसी नेताओं से मीटिंग कर उनकी समस्याएं सुनीं और आगामी रणनीति पर चर्चा की।
-मीटिंग के बाद प्रशांत किशोर ने हर विधानसभा क्षेत्र के मुख्य संगठन से 20 और कांग्रेस बाकी छह फ्रंट्स (महिला, एनएसयूआई, युवा कांग्रेस, सेवादल के अनुसूचित जाति जनजाति और अल्प संख्यक मोर्चा) से दो-दो डेडिकेटेड वॉलंटियर को चुनकर लिस्ट यूपीसीसी भेजने के लिए कहा था।
'कौन सिर्फ बिना राजनितिक लाभ के इमानदारी से काम करे'
यूपीसीसी पहुंचे पूर्वी उत्तर प्रदेश के एक नेता ने कहा कि ऐसे वॉलंटियर तलाशना बहुत मुश्किल है, जो काम तो पूरे जी जान से करें, लेकिन अपने लिए राजनीतिक लाभ के बारे में ना सोचे। इससे उसको फायदा क्या होगा? दूसरे अगर वालंटियर से पीके और कांग्रेस के नेशनल लीडर सीधे जुड़ गए तो स्थानीय नेताओं का ही पत्ता कटवाने में लग जाएंगे।
आप बताओ प्रियंका गांधी पे का चल रहा है
newztrack से बात करते हुए पूर्वी उत्तर प्रदेश ने एक नेता ने बताया कि “डाटा तो हमने जमा कर दिया है, लेकिन कुछ समझ नहीं आ रहा है कि ई चुनाव कैसे होगा। आप बताओ ई प्रियंका गांधी पे का चल रहा है। इस बार वै(वे) चुनाव लड़िहैं?”