लखनऊ: यूपी कांग्रेस अध्यक्ष निर्मल खत्री ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। उन्होंने अपना इस्तीफा सोनिया गांधी को भेज दिया है। खबर है कि उनका इस्तीफा स्वीकार कर लिया गया है।
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निर्मल खत्री के इस्तीफे के बाद मंगलवार को नए यूपी कांग्रेस अध्यक्ष के नाम का एलान भी हो सकता है। इसके लिए किसी ब्राह्मण चेहरे की तलाश जारी है। जितिन प्रसाद, प्रमोद तिवारी और राजेश मिश्रा में से किसी एक को यपूी की कमान मिल सकती है।
पीके का था ये प्लान
पीके ने कांग्रेस में आंतरिक असन्तोष न हो इसलिए निर्मल खत्री को कांग्रेस अध्यक्ष से हटाने के बजाय सीधे सीएम पद के लिए एक चेहरे को आगे लाने की रणनीति पर विचार हो रहा था। लेकिन आंतरिक गुटबाजी ने निर्मल खत्री की राहें मुश्किल कर दी, और अंततः उन्हें इस्तीफा देना पड़ा।
तीन दिन दिल्ली में डेरा जमाने के बाद भी नहीं हो पाई कोई सेटिंग
-सूत्रों की माने तो यूपीसीसी प्रेसिडेंट 3 दिन से दिल्ली मे डेरा जमाए थे और राहुल गांधी से मुलाक़ात करने की कोशिश कर रहे थे।
-बल्कि उनकी मुलाकाात नहीं हो पाई। इसके बाद उन्होंने सोनिया गांधी को अपना इस्तीफा भेज दिया।
आजाद और पीके खत्री के नाम पर थे संतुष्ट
-सूत्रों की मानें तो नवनियुक्त यूपी प्रभारी आजाद और पीके ने निर्मल खत्री के नाम पर अपनी मुहर लगा दी थी।
-पीके ने भी कहा था कि निर्मल खत्री के रहने से कांग्रेस को फायदा होगा।
-सीएम पद के लिए शीला दीक्षित का नाम अभी तक सबसे आगे चल रहा है, जबकि जितिन प्रसाद भी बड़े दावेदार माने जा रहे हैं।
मधुसूदन मिस्त्री को हटाने के पीछे अलग थी रणनीति
-जानकारों की मानें तो मधुसूदन मिस्त्री को हटाने के पीछे कारण किसी मुस्लिम चेहरे को आगे लाना था।
-मिस्त्री भले ही कांग्रेस के बड़े पदाधिकारी हैं। लेकिन यूपी में उनकी कोई बड़ी फॉलोइंग नहीं है और ना ही पीके के कास्ट फैक्टर में वे कहीं फिट नहीं बैठ रहे थे।