UP Politics: कांग्रेस के नवनियुक्त प्रदेश अध्यक्ष अजय राय ने काशी के पंडितों के मंत्रोच्चार के बीच संभाला पदभार
UP Politics: अजय राय शपथ ग्रहण करने के लिए वाराणसी से 100 गाड़ियों के काफिले के साथ अपना दमखम दिखाते हुए लखनऊ पहुंचे थे।
UP Politics: कांग्रेस के नवनियुक्त प्रदेश अध्यक्ष अजय राय पद सम्हालने के बाद पहली बार राजधानी लखनऊ स्थित उत्तर प्रदेश कांग्रेस कार्यालय पहुँचे। प्रदेश कार्यालय पर कार्यकर्ताओं ने उनका जोरदार स्वागत किया। पार्टी कार्यालय पर वाराणसी के पंडितों के मंत्रोच्चार के बीच अपना पदभार ग्रहण किया। अजय राय शपथ ग्रहण करने के लिए वाराणसी से 100 गाड़ियों के काफिले के साथ अपना दमखम दिखाते हुए लखनऊ पहुंचे थे। अमेठी में उन्होंने स्मृति ईरानी पर निशाना साधा वहीं लखनऊ पहुंचने के बाद योगी सरकार पर जमकर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि अब आम जनता राहुल गांधी को पीएम के रूप में देखना चाहती है। इसके लिए हम सभी को मिलकर जमीनी संघर्ष करना होगा। मैं बुलडोजर से नहीं डरता। उसका रास्ता बदल दूंगा। उन्होंने कहा कि कांग्रेस कार्यकर्ता अभी से लोकसभा चुनाव 2024 की तैयारियों में जुटी हुई है। कांग्रेस सभी धर्मों का सम्मान करती है। इस लिए सभी धर्मों को साथ लेकर चलेगी।
कौन हैं अजय राय?
अजय राय का जन्म वाराणसी में 19 अक्टूबर, 1969 हुआ था। अजय राय के राजनैतिक जीवन की शुरुआत 1996 से हुई। समाजवादी पार्टी, भारतीय जनता पार्टी में भी रहे अजय राय। वाराणसी के कोल असला की सीट से भारतीय जनता पार्टी की टिकट पर तीन बार लगातार चुनाव जीते।1996 से 2007 तक लगातार 3 बार कोल असला की सीट से चुनाव जीते। साल 2009 में बिना किसी पार्टी के निर्दल चुनाव लड़ें और प्रचंड बहुमत से चुनाव भी जीते। चुनाव जीतने के बाद समाजवादी पार्टी का दामन थाम लिया। 2009 में बीजेपी ने लोकसभा का टिकट काट दिया जिसके बाद अजय राय सपा में शामिल हुए।
समाजवादी पार्टी ने अपना भरोसा जताते हुए अजय राय को 2009 में लोकसभा का चुनाव लड़वाया लेकिन भारतीय जनता पार्टी की तरफ से मुरली मनोहर जोशी वाराणसी से चुनाव लड़ें जिसमें अजय राय की हार हुई।2012 में अजय राय ने कांग्रेस ज्वॉइन किया। कांग्रेस पार्टी ने भरोसा जताते हुए अजय राय को पिंडरा सीट से विधानसभा का टिकट दिया जिसमें अजय राय ने प्रचंड बहुमत के साथ जीत दर्ज किया। साल 2014 में अजय राय ने देश के प्रधानमंत्री पीएम मोदी के खिलाफ चुनाव लड़ा। अजय राय 2014 का लोकसभा चुनाव हार गए। चुनाव हारने के बाद से अभी तक अजय राय पिंडरा से भी चुनाव नहीं जीत पाए।अजय राय के साथ का सिलसिला 2019 में बरकरार रहा।