Nikhat Ansari Case: रिश्वत की रकम को लेकर खड़े हुए विवाद ने निखत अंसारी को पहुंचाया जेल

Nikhat Ansari Case:जांच में पता चला कि पत्नी से निजी मुलाकात के बदले अब्बास जेल कर्मियों को रिश्वत के तौर पर मोटी रकम दे रहा था। पैसे के बटवारे में जेल कर्मियों के बीच विवाद हो गया।

Report :  Sunil Mishraa
Update:2023-02-13 17:23 IST

रिश्वत की रकम को लेकर खड़े हुए विवाद ने निखत अंसारी को पहुंचाया जेल: Photo- Social Media

Nikhat Ansari Case: चित्रकूट जेल में बंद मुख्तार अंसारी के बेटे विधायक अब्बास अंसारी की पत्नी निखत से प्राइवेट मुलाकात की जांच तेज हो गई है। शुरुआती जांच में सामने आ रहा है की पत्नी से निजी मुलाकात के बदले अब्बास जेल कर्मियों को रिश्वत के तौर पर मोटी रकम दे रहा था। इसी पैसे के बटवारे में जेल कर्मियों के बीच विवाद हो गया। इसी विवाद के चलते जेल के ही कर्मचारी ने इस मुलाकात की जानकारी अफसरों को दी।

जेल सूत्रों के मुताबिक अब्बास अंसारी की उसकी पत्नी निखत से महीने में दो बार मुलाकात होती थी। हर मुलाकात इसी तरह निजी कमरे में होती थी। इसके बदले अब्बास जेल कर्मियों को रिश्वत और गिफ्ट देता था। हालाकि मामले की जांच कर रहे डीआईजी शैलेंद्र मैत्रेय का कहना है की अभी इसकी पुष्टि नहीं हुई है।

पहले भी हुई थी पकड़ने की कोशिश, लेकिन हाथ नही आई निखत

रिश्वत की रकम में बंटवारे का विवाद जेल वार्डर जगमोहन से शुरू हुई। इसके बाद जेल कर्मियों ने निखत को पकड़वाने का प्लान किया। दोनों के मुलाकात की सूचना जेल मुख्यलाय को दी गई। मुख्यालय से डीएम और एसपी चित्रकूट को जेल भेजा गया। लेकिन तब तक निखत वहां से निकल चुकी थी। लेकिन शुक्रवार को जैसे ही निखत की जेल में एंट्री हुई पीसीओ से फोन करके एक जेल कर्मी ने ही डीएम को जानकारी दी। डीएम और एसपी सादे कपड़े में जेल पहुंचे तो निखत जेल अधीक्षक के कमरे में थी। बाहर से कमरे में ताला लगा हुआ था। इसपर ताला खुलवाकर उसे पकड़ा गया।

जेल कर्मियों के बीच मसीहा बनकर रह रहा था अब्बास

18 नवंबर 2022 को जब नैनी जेल से अब्बास अंसारी को चित्रकूट जेल लाया गया था। उसके बाद से ही चित्रकूट जेल के कर्मियों को पैसे और गिफ्ट दिए जाने लगे थे। सूत्रों की माने तो चित्रकूट जेल के एक अफसर को तो अब्बास अंसारी की तरफ से कार गिफ्ट भी की गई थी। नवंबर महीने में चित्रकूट जेल पहुंचते ही तमाम जेल कर्मियों की कमाई बढ़ गई। वो जेल कर्मियों के लिए मसीहा बन गया था। इसीलिए अब्बास अंसारी की निखत से मुलाकात शुरुआती दिनों में चुपचाप ढंग हो रही थी।

लेकिन जेल कर्मियों के बीच में ही घूस की रकम को लेकर झगड़ा होने लगा। जिस जेल बंदी रक्षक जगमोहन को डीएम और एसपी की छापेमारी के दौरान अब्बास अंसारी के साथ जेल अधीक्षक के कमरे से निकाला वो अपने साथियों पर खुद को मुख्तार अंसारी का करीबी होने दावा करके रौब गांठता था। वो दूसरे बंदी रक्षकों की कमाई में भी कटौती कर खुद बड़ा हिस्सा हजम करने लगा था। यही वजह थी कि बीते तीन मुलाकातों के बाद से अफसरों के कानों में चित्रकूट जेल में चल रहे खेल पहुंचने लगे थे और बीते शुक्रवार को सटीक मुखबिरी के बाद जेल अधीक्षक के कमरे में मुलाकात का खेल पकड़ा गया।

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