कोरोना-शराब कनेक्शन: डॉक्टरों ने दी चेतावनी, उमड़ती भीड़ ने बढ़ा दी दिक्कतें

21 दिन के पहले लाकडाउन और 18 दिन के दूसरे लाकडाउन के दौरान बंद शराब की दुकानों को 14 दिन के तीसरे लाकडाउन में खोले जाने से शराब के तलबगारों में खुशी है और सरकार का राजस्व भी बढ़ जायेगा।

Update:2020-05-04 14:47 IST

लखनऊ। कोरोना वायरस के कारण पूरे देश में लागू लाकडाउन के कारण बंद शराब की दुकानों को सरकार ने कुछ शर्तों के साथ खोल दिया है। 21 दिन के पहले लाकडाउन और 18 दिन के दूसरे लाकडाउन के दौरान बंद शराब की दुकानों को 14 दिन के तीसरे लाकडाउन में खोले जाने से शराब के तलबगारों में खुशी है और सरकार का राजस्व भी बढ़ जायेगा। लेकिन चिकित्सकों की माने तो शराब का सेवन कोरोना महामारी को बढ़ावा मिलने की संभावना है।

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शराब पीने वालों को कोरोना संक्रमण का खतरा ज्यादा

चिकित्सकों का कहना है कि सामान्य लोगों की अपेक्षा नियमित शराब पीने वालों को कोरोना संक्रमण का खतरा ज्यादा होता है। इसके साथ ही ऐसे लोग अगर संक्रमित हो जाए तो उन्हे ठीक होने में भी ज्यादा समय लगता है। विशेषज्ञों का कहना है कि न्यूयार्क और वुहान में हुए शोध में सामने आया है कि अल्कोहल से व्यक्ति की रोग प्रतिरोधक क्षमता कम हो जाती है।

आईएमए के पूर्व अध्यक्ष डा. पीके गुप्ता बताते है कि अल्कोहल लिवर की सक्रियता को कम कर देता है। जबकि किसी व्यक्ति का लिवर उसकी रोग प्रतिरोधक क्षमता का अनिवार्य अंग है।

शराब का सेवन व्यक्ति के लिवर को कमजोर कर देता है, जिससे उसकी रोग प्रतिरोधक क्षमता कम हो जाती है। इससे व्यक्ति में बैक्टीरियां और वायरस उक्त व्यक्ति को आसानी से संक्रमित कर देते है।

सोशल डिस्टेसिंग की बुरी तरह से धज्जियां

राजधानी लखनऊ में निवार्ण नशा मुक्ति केंद्र चलाने वाले व फिजीशियन डा. प्रांजल अग्रवाल बताते है कि शराब की दुकानें खोलने से देखने में आ रहा है कि सोशल डिस्टेसिंग की बुरी तरह से धज्जियां उड़ गई है।

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ऐसे में संक्रमण बढ़ने का खतरा बहुत ज्यादा बढ़ गया है। वह बताते है कि शराब का सेवन लीवर पर असर डालता है, जिससे इम्युनिटी कम हो जाती है। इससे जहां कोरोना संक्रमण बढे़गा वही अन्य बीमारियां भी बढ़ने की आशंका है।

डॉक्टरों का ये है कहना

डा. प्रांजल बताते है कि किसी भी नशे से मुक्ति के लिए 45 दिन की अवधि काफी होती है। इस अवधि में अगर व्यक्ति नशे का सेवन नहीं करता तो उसे उसकी तलब नहीं लगती है। लेकिन जिस तरह से शराब की दुकानों के बाहर भीड़ उमड़ी है और लाइने लगी है, उससे साफ है कि लोगों में इसकी तलब खत्म नहीं हुई है।

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गैस्ट्रो विशेषज्ञ डा. मनीष टंडन बताते है कि शराब सीधे लिवर को प्रभावित करती है। कमजोर लिवर मतलब कमजोर इम्युनिटी। शराब पीने वाले व्यक्ति को खांसी-जुकाम और संक्रमण का खतरा ज्यादा होता है।

अल्कोहल का अधिक सेवन करने से फेफड़ों और श्वसन तंत्र की इम्यूनिटी कमजोर होती है। ऐसे व्यक्ति को कोरोना ही नहीं, टीबी और निमोनियां का भी खतरा रहता है।

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