नहीं थम रहा कोरोना का कहर, 24 घंटे में सामने आए इतने केस, 5 की मौतें
आज पांच संक्रमित मरीजों की मृत्यु हो गई। नए मिले संक्रमितों के बाद मेरठ जनपद में कोरोना संक्रमितों की कुल संख्या बढ़कर 5975 हो गई है।
मेरठ: उत्तर प्रदेश के मेरठ जनपद में कोरोना महामारी का कहर थमने का नाम नहीं ले रहा है। आलम यह है कि कोरोना संक्रमण ने शनिवार को फिर अपना रिकार्ड तोड़ दिया। शुक्रवार को जनपद में 222 नए केस मिले थे तो शनिवार को 230 नए केस मिले हैं। आज पांच संक्रमित मरीजों की मृत्यु हो गई। नए मिले संक्रमितों के बाद मेरठ जनपद में कोरोना संक्रमितों की कुल संख्या बढ़कर 5975 हो गई है। इनमें से 4264 संक्रमितों को स्वस्थ होने पर डिस्चार्ज किया जा चुका है।
जिले में जारी कोरोना का प्रकोप
जिला स्वास्थ्य विभाग द्वारा आज रात दी गई जानकारी के अनुसार शनिवार को मिले 230 केसों में गांव पूठा स्थित आरएएफ बटालियन के 44 जवान और पुलिस लाइन का एक पुलिसकर्मी कोरोना संक्रमित मिले हैं। इनके अलावा चार हेल्थ केयर वर्कर, हाउसवाइफ, स्टूडेंट्स, दुकानदार, सर्विसमैन, श्रमिक, दो डॉक्टर आदि शामिल हैं। कोरोना के नए मरीजों में 68 महिलाएं शामिल हैं। जिला स्वास्थ्य विभाग के आंकड़ों के अनुसार 1561 एक्टिव मरीज हैं।
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वहीं बीते 24 घंटे में पांच मरीजों की मौत हो गई। इस तरह कुल 150 मरीज कोरोना से जान गंवा चुके हैं। शनिवार को 89 मरीजों को डिस्चार्ज किया गया है। साथ ही होम आइसोलेशन में 397 मरीज हैं।। मेरठ के सीएमओ डा. राजकुमार ने बताया कि जिले में पिछले 24 घंटे में दो महिलाओं की जिनकी उम्र 48 और 77 साल हैं की मौत हुई हैं। इनके अलावा 71, 55 और 65 वर्षीय तीन लोगों की कोरोना से मौत हुई है।
आयुक्त ने कोरोना को लेकर की बैठक
उधर मेरठ मंडल की आयुक्त अनीता सी मेश्राम ने कोविड-19 की रोकथाम के लिए निजी चिकित्सालयों की सक्रिय सहभागिता सुनिश्चित करने के संबंध में मेरठ में संचालित प्राइवेट हॉस्पिटल प्रबंधकों के साथ कार्यालय आयुक्त सभागार में आयोजित की बैठक की अध्यक्षता करते हुए आयुक्त अनीता सी मेश्राम ने कहा कि कोरोना की रोकथाम में निजी अस्पताल अपना सहयोग दें। तथा शासन द्वारा जारी प्रोटोकॉल का पालन करें व संदिग्ध कोरोना मरीजों के संदर्भ में प्रत्येक दिन सूचना जिला प्रशासन व मुख्य चिकित्सा अधिकारी कार्यालय को दें।
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आयुक्त ने कहा कि कोराना से होने वाली मृत्यु को रोकने के लिए यह बहुत जरूरी है कि मरीज में संक्रमण की जल्द से जल्द पहचान हो और उसे आइसोलेट करते हुए समय से इलाज मुहैया कराया जाए, अतः सभी निजी हॉस्पिटल संचालकों से अपेक्षा की गई कि उनके यहां आने वाले मरीजों में कोविड के संदिग्ध मरीजों से संबंधित रिपोर्टिंग प्रतिदिन नियमित रूप से की जाए, ताकि नियम के अनुसार उसकी तत्काल जांच कराते हुए आवश्यक देखभाल की जा सके।
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उन्होंने कहा कि इसके लिए पूर्व में सभी हॉस्पिटल को निर्देश भेजे जा चुके हैं, उन निर्देशों को पुन: प्रसारित करते हुए अपेक्षा की गई कि सभी प्राइवेट हॉस्पिटल संचालक शासन/प्रशासन के निर्देशों का पूरी गंभीरता एवं संवेदनशीलता के साथ पालन करें, ताकि इस महामारी पर जल्द काबू पाया जा सके। रोगियों के प्रबंधन के संबंध में जो नियम/प्रोटोकॉल हैं, उनका सभी डॉक्टर, स्टाफ कड़ाई से पालन करें, इसमें किसी स्तर पर कोई लापरवाही ना होने पाए।
सुशील कुमार