लखनऊ: कोरोना संकटकाल में उत्तर प्रदेश की स्वास्थ्य सेवाओं को लेकर तमाम सवाल उठ रहे हैं। विपक्ष के नेताओं के साथ ही अब भाजपा नेताओं ने भी इस बाबत शिकायत दर्ज करानी शुरू कर दी है। मोदी सरकार के एक वरिष्ठ मंत्री ने भी प्रदेश स्वास्थ्य सेवाओं में अव्यवस्था का सवाल उठाते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को चिट्ठी लिखी है।
भाजपा के वरिष्ठ नेता और केंद्र सरकार में कैबिनेट मंत्री संतोष गंगवार ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को लिखी चिट्ठी में अफसरों के फोन न उठाने की शिकायत की है। उन्होंने कहा कि अस्पतालों में उपयोग में लाए जाने वाले मेडिकल उपकरण डेढ़ गुना से ज्यादा कीमतों पर बेचे जा रहे हैं। इसके साथ ही अस्पतालों में उन्हें भर्ती नहीं किया जा रहा। मरीजों को रेफरल के नाम पर इधर-उधर घुमाया जाता है जिस कारण कई मरीजों की हालत और गंभीर हो जाती है।
सीएम के साथ बैठक में खोली पोल
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कोरोना मरीजों और उनके लिए की गई व्यवस्थाओं का जायजा लेने के लिए शनिवार को मुरादाबाद और बरेली का दौरा किया था। बरेली में मुख्यमंत्री योगी ने भाजपा नेताओं से भी मुलाकात की थी। इस दौरान केंद्रीय मंत्री और बरेली के सांसद संतोष गंगवार और आंवला के सांसद समेत कई भाजपा नेताओं ने मुख्यमंत्री के सामने सरकारी व्यवस्था की पोल खोल दी थी। गंगवार ने इस बाबत मुख्यमंत्री को पत्र भी लिखा है। गंगवार का पत्र वायरल होने के बाद हड़कंप मच गया है। जानकारों का कहना है कि शनिवार को आयोजित बैठक में ही यह पत्र मुख्यमंत्री को सौंपा गया था।
कोरोना मरीजों को किया जा रहा परेशान
गंगवार ने अपने पत्र में कोरोना मरीजों के साथ किए जा रहे व्यवहार पर सवाल उठाए हैं। उन्होंने कहा कि जब भी कोई मरीज किसी सरकारी अस्पताल में इलाज के लिए जाता है तो उसे जिला अस्पताल से दोबारा रेफर करवाकर लाने को कहा जाता है। इससे कई मरीजों की हालत और गंभीर हो जा रही है। उन्होंने कहा कि यह जरूरी है कि कम से कम समय में रेफरल अस्पतालों में कोरोना मरीजों की भर्ती की जाए। केंद्रीय मंत्री ने बायोपैक मशीन, वेंटिलेटर, मल्टी पैरा मॉनिटर और अन्य जरूरी मेडिकल उपकरणों को बाजार में अधिक कीमत पर बेचे जाने की शिकायत भी की है और कहा है कि प्रदेश सरकार को इन चीजों का दाम तय करना चाहिए।
अफसर नहीं उठाते फोन
गंगवार ने बरेली में चिकित्सा व्यवस्था से जुड़े कई अफसरों के फोन न उठाने की भी शिकायत की है। उन्होंने कहा कि पीड़ितों के फोन करने पर अफसर फोन नहीं उठाते हैं। यहां तक कि अफसर मेरा भी फोन नहीं उठाते। इससे मरीजों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। उन्होंने कहा कि ऐसी व्यवस्था की जानी चाहिए कि संक्रमित मरीजों को किसी भी निजी अस्पताल में भर्ती कराया जा सके और उन निजी अस्पतालों को कोविड-19 अस्पतालों की तरह सुविधा दी जाए। उन्होंने बरेली में खाली आक्सीजन सिलेंडरों की भारी कमी का मुद्दा भी उठाया है। मंत्री ने कहा कि इसका प्रमुख कारण यह है कि बहुत से लोगों ने ऑक्सीजन सिलेंडर अपने घरों में एहतियात के तौर पर रख लिए हैं और अब मनमानी कीमत पर इसे बेचा जा रहा है।
ऑक्सीजन सिलेंडर की कालाबाजारी पर रोक लगे
गंगवार ने कहा कि मनमाने दाम पर ऑक्सीजन की सिलेंडर की बिक्री करने वाले लोगों के खिलाफ कार्रवाई की जानी चाहिए ताकि जरूरतमंदों तक ऑक्सीजन के सिलेंडर पहुंचाए जा सके। उन्होंने मध्यप्रदेश का उदाहरण देते हुए कहा कि वहां की तरह बरेली में भी सरकारी अस्पतालों और कुछ निजी अस्पतालों को 50 फ़ीसदी छूट देने के साथ जल्द से जल्द ऑक्सीजन संयंत्र मुहैया कराया जाना चाहिए। उन्होंने आयुष्मान भारत से जुड़े सभी अस्पतालों में कोरोना की वैक्सीन लगाने का भी सुझाव दिया है।
डीएम ने सुझावों पर नहीं दिया ध्यान
मंत्री का यह भी कहना है कि कुछ दिनों पहले उन्होंने बरेली के डीएम को पत्र लिखकर स्वास्थ्य सुविधाओं और कोविड मैनेजमेंट को बेहतर बनाने के लिए 7 सूत्रीय सुझाव दिया था, लेकिन जिलाधिकारी ने मेरे पत्र पर कोई ध्यान नहीं दिया। केंद्रीय मंत्री संतोष गंगवार से पहले भी कई भाजपा नेता और विपक्ष के नेता प्रदेश में स्वास्थ्य सुविधाओं पर सवाल उठा चुके हैं।
बीजेपी विधायक को सताया डर, मुख्यमंत्री से की यह मांग
कोरोना संक्रमण के लगातार बढ़ते मामलों पर सतर्क हुए शिकोहाबाद से बीजेपी विधायक डॉ. मुकेश वर्मा ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को पत्र लिखकर जनपद में स्वास्थ्य व्यवस्था को सुधारने की मांग की है। मुख्यमंत्री को लिखे पत्र में उन्होंने सौ शैय्या युक्त शिकोहाबाद जिला संयुक्त चिकित्सालय में कोविड मरीजों को भर्ती करने के प्रयोग में लाने की मांग की है। जिले में लगातार कोरोना के बढ़ रहे मामलों को देखते हुए बीजेपी विधायक को स्थिति की भयानकता को लेकर डर सताने लगा है।
उन्होंने होम आइसोलेशन में रह रहे मरीजों की दिक्कतों का हवाला देते हुए लिखा हे कि जिले के एफएस मेडिकल कॉलेज, जेएस हॉस्पिटल, जॉजियन कॉलेज को आइसोलेशन वार्ड में तब्दील किया जाए। क्योंकि जिले में बड़ी संख्या में लोग होम आइसोलेशन में हैं, जिन्हें समय से आक्सीजन व दवाइयां नहीं मिल पा रही हैं। ऐसे में आइसोलेशन वार्ड बनाए जाने से कोरोना संक्रमित मरीजों को काफी सहूलियत मिलेगी।
पत्र के माध्यम से उन्होंने कहा है कि दूर दराज से ग्रामीण क्षेत्रों से आने वाले मरीजों को इलाज के लिए जिले में भटकना पड़ रहा है। ऐसे में जनपद में स्वास्थ्य सेवाओं को समय रहते दुरुस्त करने की सख्त जरूरत है। बता दें कि स्वास्थ्य सेवाओं की सभी जिलों में खस्ताहाल है। इस प्रमाण लगातार बीजेपी नेताओं की तरफ से मुख्यमंत्री को लिखी जा रही चिट्ठी से भी लगाया जा सकता है।