शाहजहांपुर: प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने चुनाव से पहले कहा था कि घोटाला करने वाले बख्शे नही जाएंगे। बीजेपी सरकार आने के बाद प्रदेश मे एक भी घोटाला नही होगा। लेकिन यूपी के शाहजहांपुर में प्रधान और सेक्रेट्री ने योगी के इस वादे को खोखला साबित कर दिया। यहां योगी राज मे प्रधानमंत्री आवास योजना के अंतर्गत दस आवास अपात्रों के नाम आवंटन कर दिए गए। जबकि सिर्फ एक आवास ही पात्र को मिल सका।
इसकी शिकायत मिलने के बाद जब मामले की जांच की गई तब जाकर प्रधान की पोल खुली। फिलहाल पुलिस इस मामले की बारीकी से जांच कर रही है।
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क्या है पूरा मामला?
- मामला है थाना जलालाबाद के ग्राम मऊ रसूलपुर का।
- यहां गांव के प्रधान शांताराम वर्मा और सेक्रेट्री ने मिलकर प्रधानमंत्री आवास योजना अंतर्गत गरीबों के लिए आए 11 आवासों मे खेल कर दिया।
- इस 11 आवास में प्रधान और सेक्रेट्री ने मिलकर सिर्फ एक आवास ही पात्र को दिया बाकी दस आवास अपात्रों को बांट दिए।
गांव के रहने वाले जयपाल पुत्र धनिराम ने इस घोटाले की शिकायत तीन महीने पहले सीडीओ से की थी। इसकी जांच हुई जिसमे एडीओ सभी को पात्र दिखाया था। उसके बाद शिकायतकर्ता ने दूसरी शिकायत 3 अगस्त 2017 को की जिसके बाद इसकी जांच एडीओ पंचायत राम सरन यादव को दी गई । जांच मे सिर्फ एक ही पात्र सही पाया गया। बाकी दस अपात्र निकले।जयपाल ने उन अपात्रों के बारे में बताया कि इनके पास कितनी प्रापर्टी है। उसके बाद भी गरीबो का हक ऐसे लोगों को दे दिया गया जिनके पास पक्के मकान से लेकर ट्रैक्टर राइफलें और 80 बीघा तक खेती है।
इन ग्यारह लोगों को मिला घर :
(1) बबलू पुत्र जयराम: इनको 2009-10 में प्रधानमंत्री आवास योजना के अंतर्गत एक आवास आवंटन हो चुका है। लेकिन इनको गरीबों से कोई मतलब नही है। तभी तो, ग्राम प्रधान और सेक्रेट्री से मिलकर दोबारा चार माह पहले प्रधानमंत्री आवास योजना के अंतर्गत दूसरा आवास भी अपने नाम आवंटन करा लिया। बबलू के पास गांव मे एक बड़ा पक्का मकान है। उसके बावजूद इसको दो आवास आवंटन कर दिए गए।
(2) छोटे लाल पुत्र ननहू लाल: इनके पास ट्रैक्टर रायफल के साथ साथ 40 बीघा खेती भी है। साथ ही गांव मे ही एक पक्का मकान बना हुआ है।
(3) हरीलाल पुत्र सुआलाल: चार महीने पहले इनको भी जांच पात्र दिखाकर प्रधानमंत्री आवास योजना के अंतर्गत एक आवास का आवंटन कर दिया गया। जबकि इनके पास भी गांव मे पक्का मकान बना हुआ है।
(4) रजनी पत्नी रामसेवक: इनके पास दो ट्रैक्टर, एक बंदूक है और करीब 70 बीघा जमीन है। इनको भी पात्र कर दिया गया।
(5) राम बेटी पत्नी सुखराम: इनका गांव मे पक्का मकान बना है और करीब 11 बीघा जमीन है।
(6) रामकुमार पुत्र पीतन: ये गांव के प्रधान शांताराम वर्मा के चाचा है। इनके पास दो पक्के मकान है एक प्लाट है।
(7) रीना पत्नी पिंटू इनके पास दो पक्के मकान है। इनको भी पात्र दिखाकर आवास का आवंटन कर दिया गया।
(8) सत्यपाल पुत्र परशुराम: इनके पास भी पक्का मकान है।
(9) शायदा पत्नी हफीज: इनके पास से पक्का मकान और चार एकड़ जमीन है।
(10) इनके पास भी पक्का मकान है इसके बावजूद इनको पात्र दिखाकर आवास का आवंटन कर दिया गया।
(11) शम्सी ये ऐसा शख्स है जिसको पात्र दिखाया गया और ये भी पात्र क्योंकि इसके पास कच्चा घर था इसके पास खेती भी नही है। मजदूरी करता है। इसको आवास दिया गया है। इतने आवास मे के आवंटन मे सिर्फ एक पात्र है बाकी सबको पात्र बना दिया गया।
एडीओ काॅपरेटिव अश्वनी पांडेय ने बताया कि गांव के ही एक शख्स ने ग्राम प्रधान पर आरोप लगाया है कि ग्राम प्रधान ने प्रधानमंत्री आवास योजना के अंतर्गत 10 आवास अपात्रों को दिए है जो उनके बेहद करीबी है। जो लोग पात्र है वह आज भी टूटी झोपड़ी मे रहने को मजबूर है। इस मामले की जांच की जा रही है। सात दिन मे जांच रिपोर्ट आने के बाद बाद ही कारवाई की जाएगी।