गैंगरेप पीड़िता मेडिकल छात्रा को सरकार दे आर्थिक मदद
राज्य सरकार के अपर महाधिवक्ता ने कोर्ट को बताया कि पीड़िता को रानी लक्ष्मीबाई राहत कोष के अलावा भी उत्तरप्रदेश सरकार दण्ड प्राक्रिया संहिता की धारा 357 ए के तहत मदद करेगी।
प्रयागराजः इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने प्रयागराज की गैंगरेप पीड़िता मेडिकल छात्रा को आर्थिक मदद देने की माँग को स्वीकार कर सरकार को तत्काल आर्थिक मदद देने के लिए आदेश दिया है और कहा कि अन्य कानून के तहत मिलने वाले मुआवजे का भी भुगतान किया जाय।
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यह आदेश मुख्य न्यायाधीश गोविन्द माथुर तथा न्यायमूर्ति एस.एस. शमशेरी की खंडपीठ ने अधिवक्ता सुनील चैधरी की जनहित याचिका पर दिया है। याची का कहना है कि दिल्ली के निर्भया गैंग रेप प्रकरण की तरह प्रयागराज में भी एक मेडिकल छात्रा के साथ 10 लोगों ने चलती बस से जबरन उतारकर अपनी कार में अगवा कर मारा पीटा, जबरन शराब पिलाई और गैंग रेप किया। जब छात्रा चिल्लाने लगी तो अपराधियों ने चेहरे को सिगरेट से दाग दिया और मुँह पर तेजाब फेंकने की धमकी दी।
इस घटना पर प्रदेश के कई सामाजिक संगठन, संरक्षक के रूप में पूर्व कमिश्नर बादल चटर्जी, पूर्व कमिश्नर आर.एस.वर्मा, पूर्व डी.आई.जी. अशोक कुमार शुक्ला ने याची के साथ आंदोलन किया।
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24 मई तक एक लाख रूपये की सरकार दे मंजूरी
राज्य सरकार के अपर महाधिवक्ता ने कोर्ट को बताया कि पीड़िता को रानी लक्ष्मीबाई राहत कोष के अलावा भी उत्तरप्रदेश सरकार दण्ड प्राक्रिया संहिता की धारा 357 ए के तहत मदद करेगी। सरकार ने एक लाख रूपये मुआवजे की मंजूरी दे दी है और चार्ज सीट दाखिल होने पर 6 लाख अतिरिक्त दिए जाएंगे। कोर्ट ने 24 मई तक भुगतान मंजूर करने को कहा है और हलफनामा मांगा है।